/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक:- CC/2014/48
प्रस्तुति दिनांक:- 07/11/2014
विनोद कुमार गबेल पिता श्री उमेष कुमार गबेल
निवासी-पोता, थाना मालखरौदा
तह. मालखरौदा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ...................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
1. हिमांषु तिवारी पिता एस.के.तिवारी
संचालक छ.ग. बीज भण्डार, बुधवारी बाजार,
नगर पालिका आॅफिस के पास सक्ती,
तह. सक्ती, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.
2. संचालक एग्री गोल्ड फुडस एंड फार्म प्रोडक्टस लिमि.
40-6-3, एग्रीगोल्ड हाउस फ्लेट नं 6 बोयापती भवन के पीछे
फारचुन मुरली पार्क रोड एन एस आर स्ट्रीट लेबीपेट
विजयवाडा -520010 आंध्रप्रदेश .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 28/08/2015 को पारित)
1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत परिवाद दिनांक 07.11.2014 अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत कर संयुक्त रूप से या पृथक-पृथक रूप से 12,00,000/-रू. तथा उक्त राषि पर 12 प्रतिषत ब्याज दिलाए जाने का निवेदन किया है।
2. पक्षकारों के मध्य यह स्वीकृत तथ्य है कि फर्म छ.ग. बीज भण्डार सक्ती का संचालक या मालिक हिमांषु तिवारी है (अनावेदक क्रमांक 1) है। धान बीज एम.टी.यु. 7029 का निर्माता कंपनी अनावेदक क्रमांक 2 है । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि आवेदक एवं अन्य द्वारा की गई षिकायत पर कलेक्टर जांजगीर-चाॅपा के निर्देष पर उप संचालक कृषि जांजगीर द्वारा 4 विशेषज्ञों की टीम गठीत कर षिकायत की जाॅंच कराया गया था और जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया ।
3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक ने दिनांक 27.06.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 से धान बीज एम.टी.यु. 7029 एग्री गोल्ड 25 किलोग्राम के पेकिंग के 25 नग कीमती प्रति नग 800/-रू. कुुल कीमती 20,000/-रू. का क्रय किया था। अनावेदक क्रमांक 2 उक्त धान बीज एम.टी.यु. 7029 एग्री गोल्ड का निर्माता कंपनी है । अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा आवेदक को उक्त धान बीज क्रय करते समय यह कह कर बीज दिया गया कि यह 145 दिन की फसल है तथा 1 एकड में लगभग 35 क्विंटल धान की उपज आएगी । आवेदक ने जून 2014 के अंत में उक्त क्रय किए गए बीज का थरहा लगाया । थरहा तैयार होने पर जुलाई के अंत तथा अगस्त के प्रथम सप्ताह तक आवेदक द्वारा अपने 25 एकड खेत में उक्त थरहा की रोपाई किया, जिसमें बाल नवम्बर के अंत तक आना था, परंतु फसल में बाली 30 अगस्त तक आ गया, जिसके कारण छोटी-छोटी बाली आयी एवं जितने पौधे रोपाई किए गए थे, उतने ही मात्रा में बाली निकले, जिससे आवेदक को 35 क्विंटल की जगह मात्र 10 क्विंटल धान ही प्राप्त हुआ।
ब. आवेदक द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 एवं 2 को षिकायत करने पर दिनांक 05.09.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 स्थल निरीक्षण कर आवेदक की षिकायत सही पाए जाने पर अनावेदक क्रमांक 2 को सूचित किया तब उन्होंने दिनांक 10.09.2014 को अनावेदक क्रमांक 2 के क्षेत्रीय अधिकारी विपीन सिंह एवं अनावेदक क्रमांक 1 स्थल पर गए तथा आवेदक की षिकायत सही पायी एवं उन्होंने आवेदक को सुझाव दिया कि प्रति एकड 10 किलो पोटाष, 20 किलो युरिया, एवं एक अन्य पावडर 250 ग्राम छिडकाव का निर्देष दिया गया परंतु उक्त निर्देषानुसार कार्यवाही करने पर भी फसल को कोई लाभ नहीं हुआ, जिसकी षिकायत अनावेदकगण को करने पर षिकायत का निराकरण करने का आष्वासन दिया गया परंतु आवेदक की षिकायत का निराकरण नहीं किया गया । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा दावे का निपटारा न कर सेवा में कमी की गई है ।
स. अमानकीकृत बीज के कारण हुए फसल नुकसानी के संबंध में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मालखरौदा, कलेक्टर जांजगीर-चाॅपा एवं उपसंचालक कृषि जांजगीर के समक्ष षिकायत की गई, जिस पर कलेक्टर जांजगीर के निर्देष पर उप संचालक कृषि अपने प्रतिनिधि मंडल एवं आवेदक तथा अन्य कृषकों के साथ स्थल जाॅंच कर पंचनामा तैयार कर जाॅंच प्रतिवेदन दिया गया, जिसमें भी आवेदक की षिकायत सही पाई गई, उसके बाद भी आवेदक को फसल नुकसानी का मुआवजा/भुगतान नहीं कर अनावेदकगण द्वारा सेवा में कमी की गई है ।
द. इस प्रकार आवेदक को 35 क्विंटल धान की जगह मात्र 10 क्विंटल धान ही प्राप्त हुआ । उपरोक्त कारणों से 25 क्विंटल प्रति एकड धान कीमति 1360/-रू. प्रति क्विंटल की दर से 34,000/-रू. एवं 300/-रू. प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस, 7,500/-रू. एवं खेतों में हार्वेस्टर मषीन नहीं घुस पाने के कारण मजदुरों से कटाई एवं ढुलाई के कारण 5,000/-रू. प्रति एकड कुल 46,500/-रू. प्रति एकड के हिसाब से 25 एकड में 46,500/-रू. प्रति एकड की दर से 25 एकड का 11,62,500/-रू. की नुकसानी एवं 37,500/-रू. की मानसिक क्षति अनावेदक क्रमांक 1 एवं 2 के अमानकीकृत धान बीज के कारण हुई, जिसके लिए अनावेदकगण पृथक पृथक या संयुक्त रूप से कुल 12,00,000/-रू. तथा उस पर आवेदन दिनांक से भुगतान दिनांक तक 12 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज तथा संपूर्ण वादव्यय दिलाए जाने की प्रार्थना की गई है ।
4. अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण ने पृथक-पृथक जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्यों को छोड शेष सभी तथ्यों को स्पष्ट इंकार करते हुए कथन किया है कि आवेदक ने अनावेदक क्रमांक 1 से दिनांक 27.06.2014 को धान बीज एम.टी.यु. 7029 एग्री गोल्ड क्रय नहीं किया था, बल्कि आवेदक अपने रिष्तेदार विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता से क्रय किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी अनावेदक क्रमांक 1 की नहीं बनती है । अनावेदक क्रमांक 1 ने बचाव लिया है कि यदि कोई जिम्मेदारी ठहरायी जाती है तो वह मात्र अनावेदक क्रमांक 2 पर ठहरायी जा सकती है। विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता का संचालक है अपनी गलती को छुपाने के लिए अपने रिष्तेदारो को एकत्र कर अनावेदकों से दबाव पूर्वक रकम की मांग किया गया और नहीं देने पर उच्चाधिकारियों को षिकायत कराया गया, जिस पर कलेक्टर जांजगीर चांपा के निर्देष पर उप संचालक कृषि जांजगीर द्वारा चार विषेषज्ञों की टीम गठित कर आवेदक व अन्य लोगों की षिकायत की जाॅंच कराई गई, जिस पर दिनांक 29.09.2014 को जाॅच प्रतिवेदन दिया गया, जिसमें षिकायतकर्ता के द्वारा सीधे छ.ग. बीज भंडार सक्ती से बीज क्रय नहीं किया गया है, बल्कि गबेल कृषि केंद्र पोता से प्राप्त किया गया है और छ.ग. बीज भण्डार सक्ती द्वारा बीज का देयक गबेल कृषि केंद्र पोता के नाम से काटा गया है और गबेल कृषि केंद्र पोता पंजीकृत बीज विक्रेता नहीं है। आवेदक द्वारा चाही गई अनुतोष अनावेदक गण से प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है, अनावेदकगण को परेषान करने के लिए दावा प्रस्तुत किया गया है जिससे अनावेदक क्रं.1 ने 20,000/-रूपये तथा अनावेदक क्रं2 ने 25,000/-रू. प्रतिकारात्मक व्यय दिलाए जाने का निवेदन किया गया है ।
5. उभय पक्ष ने अपने पक्ष समर्थन में शपथपत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं ।
6. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
1. क्या आवेदक अनावेदक क्रमांक 2 की धान बीज एम.टी.यु. 7029 एग्री गोल्ड 25 किलोग्राम के पेकिंग के 25 नग दिनांक 27.06.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 से क्रय कर उनका उपभोक्ता है ?
2. क्या आवेदक ने उक्त धान बीज विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता से क्रय/प्राप्त किया है ?
3. क्या अनावेदकगण ने एम टी यु 7029 अमानकीकृत धान बीज आवेदक को दिया था, जिसके कारण आवेदक को प्रति एकड 25 क्विंटल धान फसल कम प्राप्त हुआ ?
4. क्या उक्त संबंध में अनावेदकगण द्वारा आवेदक को किसी भी प्रकार की कोई क्षतिपूर्ति प्रदान न कर सेवा में कोई कमी की गई ?
5. क्या आवेदक प्रार्थना अनुसार सहायता अनावेदकगण से प्राप्त करने का अधिकारी है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न क्रं. 1 एवं 2 का सकारण निष्कर्ष:-
7. आवेदक ने बताया है कि धान बीज एम.टी.यु. 7029 अनावेदक क्र 2 एग्रीगोल्ड का निर्माता कंपनी की अनावेदक क्रं. 1 से दिनांक 27.06.2014 को धान बीज एम.टी.यु. 7029 एग्री गोल्ड 25 किलोग्राम के पेकिंग के 25 नग कीमती प्रति नग 800/-रू. कुुल कीमती 20,000/-रू. का क्रय किया था। धान बीज क्रय करने का रसीद/ बिल छ.ग. बीज भंडार बुधवारी बाजार सक्ती के चालान नं. 371 दिनांक 27.06.2014 की मूल एवं फोटो प्रति प्रस्तुत किया है। साथ में क्वालिटी सिड्स (पर्ची) तथा एग्रीगोल्ड फुड्स एण्ड फार्म प्रोडक्ट लिमिटेड का दमू तमेमंतबी चंककल अंतपमपजमे ेंसमे चसंद वित ाींतप ि 2014 फोटो प्रति प्रस्तुत किया है, जिसके द्वारा आवेदक ने अनावेदक क्र 2 निर्माता कंपनी की धान बीज एम.टी.यु. 7029 को डीलर अनावेदक क्र 1 से दिनांक 18.06.2014 को क्रय करना बताया है।
8. अनावेदकगण की ओर से आवेदक के उक्त तथ्यों का खण्डन करते हुए कथन किया है कि आवेदक ने अनावेदक क्र 1 से उक्त धान बीज एम.टी.यु. 7029 क्रय नहीं किया है बल्कि विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता से क्रय/प्राप्त किया है, जिसके समर्थन में अनावेदकगण ने जांच प्रतिवेदन दिनांक 29.09.2014 सत्यापित प्रति तथा छ.ग. बीज भंडार बुधवारी बाजार सक्ती का चालान नं. 219 एवं 220 दिनांक 14.06.2014 सत्यापित प्रति तथा एग्री गोल्ड कंपनी का डिलवरी चालान दिनांक 11.06.2014 तथा 14.06.2014 की फोटो प्रति प्रस्तुत किया है उक्त दस्तावेजो में से जाॅच प्रतिवेदन दिनांक 29.09.2014 में कंडिका 1 में- ’’शिकायतकर्ता कृषकों द्वारा सीधे छ.ग.बीज भंडार सक्ती से बीज क्रय नहीं किया गया है अपितु गबेल कृषि केन्द्र पोता के माघ्यम से बीज प्राप्त होना बताया जा रहा है। ’’ उल्लेखित है।
9. अनावेदकगण द्वारा छ.ग. बीज भंण्डार का रसीद/बिल चालान क्रं. 219 एवं 220 गबेल कृषि केंद्र पोता के नाम से है। इस प्रकार उक्त रसीद/बिल से आवेदक कुष्ण कुमार गबेल को धान बीज एम.टी.यु. 7029 का विक्रय किया गया होना प्रमाणित नहीं हुआ है।
10. आवेदक ने अनावेदक क्रं. 1 से धान बीज एम.टी.यु. 7029 25 किलोग्राम 25 बेग क्रय करने का मूल्य एवं रसीद/बिल प्रस्तुत किया है जिसके संबंध में अनावेदकगण ने कोई आक्षेप नहीं किया है कि उक्त रसीद/बिल अनावेदक क्रं.1 डीलर की नहीं है। इस प्रकार आवेदक के नाम पर बिल होने के संबंध में कोई भी तथ्य स्पष्ट नहीं किया है। उक्त स्थिति में आवेदक द्वारा प्रस्तुत धान बीज खरीदी का रसीद/बिल का खंडन अनावेदकगण द्वारा अपने कथन में नहीं किया गया है।
11. आवेदक ने गबेल कृषि केन्द्र पोता से धान बीज एम.टी.यु. 7029 क्रय करने अथवा प्राप्त करने के संबंध में अनावेदकगण ने विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता के किसी व्यक्ति का शपथपत्र/प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। या दिनांक 29.09.2014 के प्रतिवेदन देने वाले व्यक्ति श्री एल.एन.भगत, श्री बी.पी पाठक ,श्री जंयत साहू, श्री शषीकांत सूर्यवंषी का शपथ पत्र या षिकायतकर्ता कृषको का शपथ पत्र आवेदक के अभिकथन एवं प्रस्तुत रसीद/बिल मूल तथा फोटोप्रति के खंडन के लिये अनावेदकगण ने प्रस्तुत नहीं किया गया है।
12. विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता ने प्रकरण में आवेदक के तथ्यो के खंडन में तथा अनावेदकगण के पक्ष सर्मथन में कि आवेदक ने फर्म गबेल कृषि के्रन्द्र पोता से धान बीज एम.टी.यु7029 एग्री गोल्ड का 25 बेग क्रय किया था अथवा प्राप्त किया था नहीं बताया है।
13. धान बीज एम.टी.यु7029 का निर्माता कंपनी अनावेदक क्रं.2 का अनावेदक क्रं.1 दिनांक 27.06.2014 को डीलर होना अविवादित है।
14. प्रकरण मे अनावेदकगण द्वारा सूची अनुसार प्रस्तुत दस्तावेज डिलवरी चालान दिनंाक 11.06.2014 के अनुसार अनावेदक क्रं.2 निर्माता कंपनी ने अनावेदक क्रं.1 डीलर को 640 बेग 25 किलोगा्रम के डिलीवरी किया था। जिसका लाट नंबर 313 है। उसी लाट नंबर में से आवेदक को अनावेदक क्रं.1 छ.गबीज भंण्डार द्वारा विक्रय किया जाना आवेदक ने अपने द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज से स्थापित प्रमाणित किया है।
15. अभिलेखगत सामग्री अतर्गत के जांच प्रतिवेदन के यह तथ्य कि षिकायतकर्ता ने दिनांक 29.09.2014 को गबेल कृषि क्रेन्द्र पोता से बीज प्राप्त किया था। किसी भी षिकायतकर्ता का कथन संलग्न नहीं है। जांच प्रतिवेदन में छ.ग बीज भंण्डार सक्ती से बीज आवेदक द्वारा क्रय नहीं करने का समर्थन छ.ग. बीज भंण्डार के चालान क्रं. 219 एवं 220 दिनांक 14.06.2014 से नहीं होता है। बल्कि छ.ग. बीज भंण्डार के चालान क्रं. 371 दिनांक 27.06.2014 के मूल प्रति से खण्डित होता है।
16. आवेदक ने परिवाद के समर्थन में कृषि विकास अधिकारी को लिखे पत्र दिनांक 22.09.2014, उपसंचालक कृषि जिला जांजगीर को लिखे पत्र दिनांक 23.09.2011, एवं कृषि विकास अधिकारी मालखरौदा को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी क्षेत्र मालखरौदा द्वारा लिखा गया पत्र दिनांक 26.09.2014, समाचारपत्र दैनिक भास्कर, रायगढ़ रविवार दिनांक 28.09.2014 , दिनांक 03.10.2014 शुक्रवार, दिनांक 23.10.2014 गुरूवार का एवं पंचनामा दिनांक 29.09.2014 से आवेदक के कथन का समर्थन होता है कि उसने अनावेदक क्रं.1 से धान बीज एम.टी.यु7029 क्रय किया था।
17. उपरोक्त अनुसार परिवाद के समर्थन में आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से अनावेदक क्रं.2 की धान बीज एम.टी.यु7029 एग्री गांेल्ड 25 किलोग्राम पेकीग के 25 नग दिनांक 27.06.2014 को अनावेदक क्रं.1 से क्रय कर अनावेदकगण का उपभोक्ता होना प्रमाणित है।
18. आवेदक द्वारा विनोद/रूपेष गबेल के फर्म गबेल कृषि केंद्र पोता से उपरोक्त धान क्रय/प्राप्त करना अनावेदकगण का पक्ष उपरोक्तानुसार स्वीकार्य योग्य नहीं होना हम पाते है।
19. फलस्वरूप विचारणीय प्रष्न क्रं01 का निष्कर्ष प्रमाणित एवं क्रमांक 2 का निष्कर्ष प्रमाणित नहीं होना में दिया जाता है।
विचारणीय प्रष्न क्रंमाक 3 का सकारण निष्कर्षः-
20. अनावेदकगण ने जवाब दावा, शपथ पत्र, एवं सूची अनुसार प्रस्तुत दस्तावेज तथा किये तर्क में मुख्य रूप से आवेदक को धान बीज एम.टी.यु7029 एग्री गोल्ड अनावेदक क्रं.1 द्वारा विक्रय नहीं किया है बल्कि आवेदक ने फर्म गबेल कृषि क्रेन्द्र पोता से क्रय/प्राप्त किया है जिससे आवेदक का विवाद के संबंध में अनावेदकगण की कोई दायित्वाधीन नहीं है। फर्म गबेल कृषि के्रन्द्र पोता की जिम्मेदारी बनती है बतलाया है। जबकि आवेदक ने परिवाद में विस्तार से अपना तथ्य बताया है जिसके समर्थन में शपथपत्र और सूची अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किया है।
21. आवेदक ने परिवाद के समर्थन में शपथपत्र में कथन किया है कि अनावेदक क्रं.1 ने धान बीज क्रय करते समय यह कहकर बीज दिया था कि बीज 145 दिन की फसल है जो प्रति एकड़ 35 क्विंटल धान की उपज होना बताया गया था। जून 2014 के अंत में आवेदक ने क्रय किये गये बीज का थरहा लगाया । थरहा तैयार होने पष्चात जूलाई के अंत तक अगस्त के प्रथम सप्ताह में अपने 25 एकड़ खेत में थरहा की रोपाई किया। बीज लगाई गई खेत उसके स्वामित्व की होने के समर्थन में बी. 1 किस्त बंदी खतौनी 2012-13 ग्राम पोता का प्रस्तुत किया है। उक्त फसल में बाली नंवबर के अंत तक आना था किन्तु फसल में बाली 30 अगस्त तक आ गया जिसके कारण छोटी-छोटी बाली आई एवं जितने पौधे रोपाई किये गये थे उतने मात्रा में बाली निकले जिससे आवेदक को 35 क्विटल के जगह मात्र 10 क्विंटल धान ही प्राप्त हुआ। प्रति क्विंटल धान की फसल कम हुई जो अनावेदक क्रं.2 निर्माता कंपनी के अमानकीकृत धान बीज के कारण हुई।
22. आवेदक ने अनावेदक क्रं.1 द्वारा धान विक्रय करने के समय 145 दिन में फसल होना बताकर विक्रय किया था बतलाया है। जिसकी पुष्टि में दमू तमेमंतबी चंककल अंतपमपजमे ेंसमे चसंद वित ाींतप ि 2014 तथा गा्रमीण कृषि विस्तार अधिकारी का भौतिक सत्यापन दिनांक 26.09.2014 उपसंचालक कृषि विस्तार अधिकारी को की गई षिकायत पत्र तथा उपसंचालक कृषि अधिकरी द्वारा कलेक्टर को लिखा गया पत्र दिनांक 15.10.2014 से भी धान बीज एम.टी.यु 7029 145 दिन की फसल है। इस तरह धान बीज एम.टी.यु 7029 लेट वेरायटी (लम्बे समय में तैयार होने वाली घान फसल) की धान फसल है स्पष्ट हुआ है।
23. गा्रमीण विस्तार अधिकारी का प्रतिवेदन सत्यापन दिनांक 26.09.2014, वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी का पत्र दिनांक 05.01.2015,15.11.2014 वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी का कृषको/षिकयतकर्ताओ को लिखा गया पत्र दिनांक 17 अगस्त 2014 सभी फोटोप्रति से 145 दिन से पूर्व ही 30 अगस्त 2014 तक लगभग धान की फसल में बाली आना प्रांरभ हो गया जिससे फसल लेट वेरायटी की फसल नहीं थी अमानक थी मानक स्तर का नहीं था स्थापित है जिसके खंडन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं हुआ है।
24. आवेदक ने अनावेदक क्रं.1 से क्रय की गई धान बीज से प्रति एकड़ 35 क्विटल धान उपज होना बताया जाना अभिकथन किया है। किन्तु उसका समर्थन आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेंज से नहीं हुआ है। आवेदक द्वारा धान खरीद रसीद/बिल क्वालिटी सिड्स (पर्ची) तथा एग्रीगोल्ड फुड्स एण्ड फार्म प्रोडक्ट लिमिटेड का दमू तमेमंतबी चंककल अंतपमपजमे ेंसमे चसंद वित ाींतप ि 2014 फोटो प्रति एम.टी.यु7029 35 क्विटल प्रति एकड धान उपज दी गई है का कोई उल्लेख नहीं है। अनावेदकगण ने अपने जवाबदावा में एम.टी.यु7029 की प्रति एकड 35 क्विटल धान की उपज होना स्वीकार नहीं किया है।
25. अनावेदकगण की ओर से तर्क किया गया है कि उन्हांेने धान बीज एम.टी.यु7029 का 35 क्विटल प्रति एकड फसल होना नहीं बताया है। 20- 22 क्विटल धान की उपज प्रति एकड शासन का मानक प्रति एकड़ है। आवेदक की ओर से भी तर्क किया है कि वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी के पत्र दिनांक 05.01.2015 एवं पंचनामा दिनांक 15.11.2014 से प्रतिएकड 20- 22 क्विटल धान प्रति एकड़ होता ही है, किन्तु फसल की पैदावार उससे बहुत कम लगभग 10 क्विटल प्रति एकड हुई।
26. धान बीज एम.टी.यु7029 एग्री गोल्ड से प्रति एकड पैदावार 35 क्विंटल होने का कोई प्रमाण आवेदक ने प्रस्तुत नहीं किया है। पक्षकारों की ओर से किए तर्क से 20-22 क्विंटल प्रति एकड धान की उपज सामान्यतया होती है की एकमत होने से उसका माघ्य 21 क्विटल प्रति एकड घान की उपज सामान्यतया होती है परिवाद के निराकरण के लिये स्वीकार किया जाता है।
27. आवेदक ने अनावेदक क्रमांक 1 से क्रय किए गए धान बीज से प्रति एकड 10 क्विंटल धान की पैदावार होना बताया है से 21 क्विंटल प्रति एकड धान की उपज होना को मानक मानते हुए आवेदक को प्रति एकड 11 क्विंटल धान उपज कम हुई का निष्कर्ष दिए जाने योग्य है । तद्नुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक 3 का निष्कर्ष सकारात्मक रूप से आवेदक को प्रति एकड 11 क्विंटल धान फसल कम प्राप्त होना निष्कर्ष दिया जाना हम पाते हैं। तद्नुसार उक्त का निष्कर्ष दिया जाता है ।
विचारणीय प्रष्न क्रंमाक 4 का सकारण निष्कर्षः-
28. आवेदक ने परिवाद अंतर्गत कम पैदा हुई फसल की क्षतिपूर्ति अनावेदकगण द्वारा किसी भी प्रकार से नहीं किया बतलाया है । अनावेदकगण ने आवेदक को परिवाद प्रस्तुत करने के पूर्व या परिवाद के लंबित रहने के दौरान आवेदक को किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति नहीं दिया जाना बताया है ।
29. आवेदक ने 35 क्विंटल प्रति एकड धान कीमत 1360/-रू. प्रति क्विंटल की दर से 34,000/-रू. एवं 300/-रू. प्रति क्विंटल बोनस की दर से 7,500/-रू. एवं खेतों में हार्वेस्टर मषीन नहीं घुस पाने के कारण मजदूरों से कटाई एवं ढुलाई का खर्च 5000/-रू. प्रति 46,500/-रूपये प्रति एकड़ की दर से 25 एकड़ का 11,62,500/-रूपये की नुकसानी होना बताया है तथा अनावेदकगण द्वारा अमानकीकृत धान बीज के कारण उक्त नुकसानी से 37,500/-रूपये की मानसिक क्षति का भी निवेदन किया है। उक्त राषि का अनावेदकगण द्वारा क्षतिपूर्ति नहीं किये जाने से सेवा में कमी किया जाना बताया है।
30. आवेदक को प्रति एकड़ 11 क्विंटल धान की पैदावार कम हुई हम स्वीकार करते है। वर्ष 2014-15 मे धान का समर्थन मूल्य 1360/-रूपये होना किसी प्रकार से अनावेदकगण द्वारा विवादित नहीं किया गया है जिससे 11 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से 14,960/-रूपये की धान उपज कम होना निष्कर्ष लिए जाने योग्य है।
31. आवेदक ने बोनस 300/-रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्षति होना बताया है। आवेदक ने राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर धान उर्पाजन के लिये सहकारी समिति को अपनी सहमति दिया था तथा उसके अग्रषरण में अनावेदक क्रमांक 1 से क्रय की गई धान बीज का प्राप्त फसल धान 10 क्विंटल समर्थन मूल्य पर विक्रय करने को बतलाने के लिये कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान का बोनस शासन से प्राप्त होने का भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, प्रति क्विंटल धान का बोनस शासन से प्राप्त होने का भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, से 300/-रूपये प्रति क्विंटल का बोनस का क्षति का आवेदक द्वारा किया गया आंकलन उचित नहीं होना हम पाते है।
32. आवेदक ने अपने भूमि पर लगाई फसल की कटाई एवं ढुलाई मजदूरों से कराने के कारण 5,000/-रूपये प्रति एकड़ खर्च होना बताया है। निर्धारित अवधि में फसल पकने पर हारवेस्टर मषीन से कटाई आदि का कार्य होने से कम खर्च होना बताया है। इसी प्रकार आवेदक ने प्रति एकड़ हारवेस्टर मषीन से खर्च 1,500/-रूपये आना बताया है। इस तरह उक्त काटी गई फसल का खर्च का अंतर 5,000/-रूपये में 1,500/-रूपये घटाये जाने पर 3,500/-रूपये होता है। इस प्रकार प्रति एकड़ कुल 18,460/-रूपये (11 क्विंटल धान की कीमत 14,960/-रूपये तथा मजदूरो से कटाई ढुलाई का खर्च 3,500/-रूपये ) होता है।
33. आवेदक ने अपने 25 एकड़ खेतो में लगाई गई धान बीज एम.टी.यु7029 का थरहा की रोपाई किया था बताया है जिसके समर्थन में राजस्व दस्तावेज बी.1 वर्ष 2013-14 प्रस्तुत किया है। अनावेदकगण ने आवेदक द्वारा उक्त 25 एकड़ से भिन्न क्या कृषि भूमि पर एम.टी.यू.7029 धान बीज का फसल लगाया था का कोई तथ्य प्रकट नहीं किया है से आवेदक के कथन पर अविष्वास करने का कोई कारण नहीं है। फलस्वरूप आवेदक को उक्त 25 एकड़ कृषि भूमि पर अमानकीकृत धान बीज के कारण कम फसल होने से कुल 4,61,500/-रूपये (18,460ग25) का नुकसान हुआ । इस प्रकार आवेदक को लगभग 4,61,500/-रूपये की धान की उपज कम होने की क्षति हुई।
34. आवेदक ने अनोवदकगण के कारण धान उपज कम प्राप्त होने जिसके लिये अनावेदकगण से षिकायत करने पर भी निवारण नहीं करने उपसंचालक कृषि सहित अन्य को षिकायत करने से जांच करने षिकायत बाद सही पाने के बाद भी क्षतिपूर्ति नहीं किये, से मानसिक क्षति दिलाने की प्रार्थना किया है। मामले में प्रकट तथ्यो से 25,000/-रूपये मानसकि क्षति का अनावेदकगण से दिलाया जाना हम उचित पाते है।
35. अनावेदकगण ने आवेदक को किसी भी प्रकार से क्षतिपूर्ति नहीं किया है। आवेदक, अनावेदकगण का उपभोक्ता रहा है प्रमाणित होने से अनावेदकगण ने आवेदक को कोई क्षतिपूर्ति प्रदान नहीं कर सेवा में कमी की है पाया जाता है। तद्अनुसार विचारणीय प्रष्न क्रं.4 का निष्कर्ष ’’हा’’ में दिया जाता है।
विचारणीय प्रष्न क्रंमाक 5 का सकारण निष्कर्षः-
36. आवेदक ने इस फोरम के समक्ष स्वंय को अनावेदकगण का उपभोक्ता होकर परिवादी बताते हुए अनावेदकगण द्वारा की गई सेवा में कमी के कारण क्षतिपूर्ति के लिए दावा किया है। अनावेदकगण ने क्षतिपूर्ति की अदायगी के लिये अनावेदकगण से संयुक्त तथा पृथक-पृथक रूप से दायित्वाधीन होना निवेदन करते हुए मेसर्स इंडिया सिड्स हाउस विरूद्व रामजी लाल शर्मा एवं अन्य 2008(सी.पी.आर 59)(एन.सी) पर विष्वास किया है। वहीं अनावेदकगण ने महाराष्ट्र हाईबिड्स शीड्स कंपनी लिमि.विरूद्व परचोरी नारायण प् 2009 (सी.पी.जे 180) (एन.सी) का अवलंब लेते हुए बीज प्रदान किया गया, जिन्हें त्रुटिपूर्ण नहीं मानते हुए परिवाद निरस्त किया से उनके विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद निरस्त किए जाने योग्य होना निवेदन किया है ।
37. पक्षकारों द्वारा किए गए अभिवचनों, प्रस्तुत प्रमाण, किए गए तर्क एवं अवलंबित न्याय दृष्टांतों में अभिनिर्णित के प्रकाष में अभिलेख अंतर्गत की सामग्री पर विचार करने पर हम पाते हैं कि अनावेदकगण ने मानक स्तर का धान बीज प्रदाय नहीं किया, जिससे फसल कम पैदा हुई, जिसकी क्षतिपूर्ति आवेदक को प्रदान न कर सेवा में कमी की गई।
38. अतः आवेदक का परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेष दिया जाता है:-
अ. अनावेदकगण संयुक्त एवं पृथक-पृथक रूप से 4,61,500/-रू. (चार लाख एकसठ हजार पाॅच सौ रूपये ) आवेदक को दो माह के अवधि के भीतर प्रदान करेंगे ।
ब. आवेदक को उक्त क्षति राषि पर आवेदन प्रस्तुत दिनांक से अंतिम अदायगी दिनांक तक 6 प्रतिषत वार्षिक साधारण ब्याज देने के लिए अनावेदकगण दायित्वाधीन होंगे ।
स. अनावेदकगण 25,000/-रू.(पच्चीस हजार रूपये) मानसिक क्षति हेतु आवेदक को प्रदान करेंगे।
द. अनावेदकगण परिवाद व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) आवेदक को प्रदान करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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