Shri Gaurav Agarwal filed a consumer case on 13 Sep 2018 against S.D.O (Electricity) in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is cc/70/2011 and the judgment uploaded on 24 Sep 2018.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-70/2011
गौरव अग्रवाल एडवोकेट पुत्र श्री नरेन्द्र कुमार अग्रवाल एडवोकेट निवासी 15 शंकर विहार जिगर कालोनी रोड सिविल लाइन्स मुरादाबाद। ….परिवादी
बनाम
1-एस.डी.ओ. विद्युत सब स्टेशन पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. बँगला गांव मुरादाबाद।
2-अधिशासी अभियन्ता नगर विद्युत वितरण खण्ड (द्वितीय) पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. मुरादाबाद।
3-महाप्रबन्धक पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. विक्टोरिया पार्क जिला मेरठ(उ.प्र.)। …....विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 03-05-2011 निर्णय तिथि: 13.09.2018
उपस्थिति
श्री लियाकत अली, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
(श्री लियाकत अली, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
यह परिवाद घरेलू सामान के नुकसान की क्षतिपूर्ति अंकन-60000/-रूपये तथा मानसिक व शारीरिक क्षतिपूति एक लाख रूपये पाने के लिए विपक्षीगण के विरूद्ध दायर किया गया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी के घर पर घरेलू विद्युत कनेक्शन सं.-064-3132-115534 एलएमवी-1 दो किलोवाट विपक्षीगण द्वारा दिनांक 01-05-2007 को चालू किया गया, जिसका मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र भी परिवादी को जारी किया गया और परिवादी उक्त विद्युत कनेक्शन का उपभोक्ता है। दिनांक 26-07-2009 को परिवादी की गली के बाहर विपक्षीगण द्वारा पुरानी विद्युत लाईन के स्थान पर नये विद्युत केबिल लगाये गये थे। विपक्षीगण के कर्मचारीगण ने जैसे ही परिवादी के घर की विद्युत लाईन चालू की, वैसे ही परिवादी के घर में लगे हुए बिजली के पंखें, पानी की मोटर, सीएफएल, फ्रिज, टीवी व कंप्युटर आदि एकदम जल(फुंक) गये और वायर आदि के जलने की दुर्गंध आसपास के क्षेत्र में फैल गयी। परिवादी ने तुरन्त विपक्षीगण के कर्मचारी मुन्नू व नन्हें से आग लगने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हमसे गलती से तार जुड़ गया और डबल फेस/हाई वाल्टेज होने से यह दुर्घटना हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत विभाग इस कार्य को ठेकेदार मेहराजूद्दीन के द्वारा करा रहा है। मुन्नू पुत्र श्री मोती सिंह ने कथित दुर्घटना के संबंध में दिनांक 26-7-2009 को ही अपने लिखित बयान दिये। उक्त दुर्घटना में परिवादी का लगभग 60 हजार रूपये का नुकसान हुआ, जिसको अदा करने की जिम्मेदारी विपक्षीगण की है। विपक्षीगण ने परिवादी को कोई क्षतिपूर्ति अदा नहीं की, इस कारण परिवादी ने यह वाद दायर किया है।
विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवादी को अपना उपभोक्ता होना स्वीकार किया है और यह भी स्वीकार किया है कि दिनांक 26-7-2009 को परिवादी के संयोजन के क्षेत्र में विद्युत लाईन केवीसी केबिल को बदलते समय मैसर्स कश्मीरी लाल ठेकेदार की लेबर द्वारा संयोजन को जोड़ते समय त्रुटि से डबल फेसिंग होने के कारण परिवादी के कुछ घरेलू विद्युत उपकरण ट्यूब लाईट व पंखें क्षतिग्रस्त हुए थे। विपक्षीगण ने यह भी स्वीकार किया है कि लेबर मुन्नू ने दिनांक 26-7-2009 को अपने बयान में टीवी, 4 ट्यूब लाइट, पानी की मोटर व कूलर का क्षतिग्रस्त होना लिखा है। विपक्षीगण ने वाद का विरोध इस आधार पर किया है कि परिवादी का नया फ्रिज नहीं था, पुराना था। परिवादी तथा विपक्षीगण के बीच कोई संविदा नहीं है, इसलिए वाद चलने योग्य नहीं है। परिवादी ने मै.कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को पक्षकार मुकदमा नहीं बनाया है, जो वाद में आवश्यक पक्षकार है। परिवादी ने क्षतिपूर्ति बढ़ा-चढ़ाकर अंकित की है। विपक्षीगण के किसी कार्य से परिवादी को कोई हानि नहीं हुई, इसलिए परिवाद मय खर्चा खारिज होने योग्य है।
परिवादी ने अपने साक्ष्य में मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की कार्बन कापी, विपक्षी विभाग की मूल रसीद, बिल, रसीद, मुन्नू पुत्र श्री मोती सिंह का बयान, मरम्मत का बिल, खरीदे गये सामान की रसीद, मकान की रँगाई-पुताई का बिल, फ्रिज की रसीद, प्रार्थना पत्र की छायाप्रति कागज सं.-7,8,9, विपक्षी का पत्र कागज सं.-10, सीलिंग प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं.-11, सूचना कागज सं.-12, मीटर बदलने की सूचना की छायाप्रति कागज सं.-13, 14, प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, रसीद अपना तथा अपने गवाहान राधे पुत्र बाकेलाल, राजदीप वार्ष्णेय पुत्र संजीव कुमार, सोमपाल सिंह पुत्र शिवचरन के शपथपत्र दाखिल किये हैं।
विपक्षीगण ने अपने साक्ष्य में अपने अधिशासी अभियन्ता श्री राजेश कुमार का शपथपत्र दाखिल किया है।
हमने पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से अवलोकन किया।
परिवादी ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि परिवादी के घर का समस्त घरेलू सामान बिजली के पंखें, ट्यूब लाइटें, पानी की मोटर, कूलर आदि जल गये, जिससे परिवादी का 60 हजार रूपये का नुकसान हुआ, जिसको अदा करने की जिम्मेदारी विपक्षीगण की है।
विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि परिवादी ने एमसीवी फ्यूज/स्टेबलाइजर अपने घर में नहीं लगा रखा था। अधिक करेंट से फ्यूज उड़ जाता है और परिवादी अपने नुकसान से बच जाता। उक्त घटना परिवादी की लापरवाही के कारण भी घटित हुई है। परिवादी ने मै. कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को पक्षकार मुकदमा नहीं बनाया है। वाद में आवश्यक पक्षकार बनाये जाने का दोष है और परिवाद निरस्त होने योग्य है।
परिवादी ने अपने शपथपत्र से अपने परिवाद का पूर्णत: समर्थन किया है। परिवादी के गवाहान ने भी अपने शपथपत्र से परिवादी के कथनों का समर्थन किया है। उनके शपथपत्र पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है।
विपक्षीगण ने परिवादी के घर में हुई कथित दुर्घटना को स्वीकार किया है। विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी के क्षेत्र में विद्युत केबिल व तार बदलने का कार्य मैसर्स कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा था, जो वाद में आवश्यक पक्षकार है।
उपरोक्त ठेकेदार विपक्षीगण की देखरेख में कार्य कर रहा था। विपक्षीगण अपने ठेकेदार के कार्य के लिए स्वयं जिम्मेदार है। मै. कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. द्वारा विपक्षीगण के कार्य में अपना कोई स्वतंत्र या अलग कार्य नहीं किया गया, जिसके लिए उसको जिम्मेदार ठहराया जा सके, इसलिए विपक्षीगण स्वयं कथित घटना के लिए जिम्मेदार हैं। विपक्षीगण मुन्नू पुत्र मोती सिंह(लेबर) के बयान को पैरा-4 में परिवादी द्वारा लिया जाना स्वीकार किया है। यह बयान पत्रावली का कागज सं.-5 है, जो परिवादी ने दाखिल किया है। मुन्नू सिंह ने अपने बयान में टीवी, 4 ट्यूब लाइटें, पानी की मोटर व कूलर जलने की बात बतायी है। इसके अतिरिक्त परिवादी कंप्युटर आदि जलने की बात भी अपने परिवाद पत्र व साक्ष्य में बताता है, जिसको परिवादी ने अपने साक्ष्य से साबित किया है।
परिवादी द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्य से यह साबित होता है कि विद्युत दुर्घटना में दिनांक 26.7.2009 को परिवादी को 50 हजार रूपये का अवश्य नुकसान हुआ है, जिसको परिवादी विपक्षीगण से प्राप्त करने का अधिकारी है। तद्नुसार परिवाद आंशिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।
परिवाद आंशिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगणको आदेशित किया जाता है कि विपक्षीगण अंकन-50,000(पचार हजार) रूपये क्षतिपूर्ति मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दौरान मुकदमा तावसूली तथा अंकन-2500/-रूपये वाद व्यय दो माह में परिवादी को अदा करें।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
दिनांक: 13-09-2018
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