समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-36/2012 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती सुनीता पत्नी स्व0 कल्याण सिंह निवासी-मुहाल-गोविन्दनगर कस्बा, परगना व तहसील-कुलपहाड व जिला महोबा ...परिवादिनी
बनाम
1.शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक शाखा-कुलपहाड जिला-महोबा ।
2.शाखा प्रबन्धक,दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लि0, 16/98 जीवन विश्वास बिल्डिंग कानपुर, उ0प्र0 .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के पति कल्याण सिंह एक कृषक थे और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे । परिवादिनी के पति ने अपनी कृषि भूमि विपक्षी बैंक में बंधक रख कर किसान क्रेडिट कार्ड सं0-30575532732 दिनांक 19-11-2008 को बनवाया था, जो दि0 19.11.2008 से दि0 17.11.2011 तक वैध है तथा 15000/- तक की ऋण सीमा थी। कल्याण सिंह की दिनांक 04.10.2011 को क्रिस्चियन स्कूल कुलपहाड के गेट के पास रात्रि 10.30 बजे एक चार पहिया वाहन द्वारा टक्कर मार दी, जिसके कारण् इलाज हेतु उन्हे मेडिकल कालेज झांसी ले जाया गया, जहॉ दुघटना में आयी चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गयी। मृतक का पंचायतनामा व पोस्टमार्टम कराया गया तथा दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा 279, 304ए आई0पी0सी0 थाना कुलपहाड में अपराध सं0-1030/2011 अंकित करायी गयी। किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का शासनादेशानुसार प्रत्येक कृषक का बीमा कराया जाता है। परिवादी किसान क्रेडिट कार्ड में घोषित नामिनी है। दिनांक 01-11-2011 को समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर परिवादिनी ने अपना आवेदन विपक्षी बैक शाखा में किया था, लेकिन उनके द्वारा क्लेम की धनराशि नही दी गयी। दिनांक 30-01-2012 को परिवादिनी ने नोटिस भी दिया, लेकिन विपक्षी द्वारा कोई जबाव नही दिया और परिवादिनी को बीमा धनराशि भी प्रदान नही की गयी। विपक्षीगण का बीमा धनराशि प्रदान न करना और क्लेम का निस्तारण न करना सेवा में त्रुटि एवं व्यापारिक कदाचरण है । अंत: यह परिवाद विपक्षीगण से 50,000/-रू0 की बीमित धनराशि व मृत्यु की तिथि 05-10-2011 से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज एवं मानसिक क्षति के रूप में 30,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 5,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है । वादकालीन विपक्षी सं0-2 बीमा कम्पनी को विपक्षी संख्या 01 के जबाबदावा के आधार पर पक्षकार बनाया गया है।
विपक्षी संख्या-01 के जबावदावा के अनुसार कल्याण सिंह का किसान क्रेडिट कार्ड दिनांक 19-11-2008 को बनवाया गया था। 24-01-2009 को दुर्घटना बीमा कराया गया था। मृतक कल्याण सिंह द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड से निकाली गयी रकम जमा न किये जाने के कारण खाता एन0पी0ए0 हो गया और दिनांक 31-01-2012 को बन्द हो गया। कल्याण सिंह का खाता नियमित नही था। मृत्यु की दिनांक को एन0पी0ए0 था। इसलिये कटौती नही की गयी। सीनियर मैनेजर औरियन्टल इनश्योरेन्स कम्पनी जीवन विश्वास कानपुर से बीमा कराया गया था। विपक्षी सं0-1 ने सेवा में कोई त्रुटि या लापरवाही नही की है। बीमा कम्पनी को पक्षकार नही बनाया गया है।
विपक्षी सं02 ने पक्षकार बनने के उपरान्त प्रार्थना पत्र प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करने हेतु दिया लेकिन उनके द्वारा अपना प्रतिवाद पत्र व साक्ष्य प्रस्तुत किया गया परन्तु परिवाद की कार्यवाही में भाग लिया गया ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ श्रीमती सुनीता देवी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 द्वारा सत्येन्द्र कुमार शाखा प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की और से कोई जबाबदावा और अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
स्वीकृत तथ्य है कि परिवादिनी के पति ने दि0 19.11.2008 को विपक्षी सं01 से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था,जिसकी अवधि दि0 19.11.2008 से 17.11.2011 तक थी । परिवादिनी के पति दि004.10.2011 को दुर्घटनाग्रस्त हो गये और दि0 05.10.2011 को उनकी दुर्घटना में आई चोटों के कारण मृत्यु हो गयी तथा इस संबंध में पंचनामा व पोस्टमार्टम तथा थाना कुलपहाड में अपराध सं01030/2011 में की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतिलिपि पत्रावली पर उपलब्ध है । इस प्रश्न पर विपक्षीगण को कोई आपत्ति नहीं है अर्थात कल्याण सिंह की दुर्घटना में मृत्यु होना स्वीकृत तथ्य है ।
विपक्षीगण की ओर से अपने केस के संबंध में विरोधाभासी तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं । यह भी कथन किया गया कि कल्याण सिंह का खाता नियमित न होने के कारण एन0पी0ए0 हो गया और उससे बीमा प्रीमियम की धनराशि की कटौती नहीं की गई और यह भी कहा है कि दि0 24.01.2009 को विपक्षी सं02 से बीमा कराया गया था । विपक्षी सं02 ने उपस्थित होने के उपरांत प्रार्थना पत्र 28ग द्वारा बीमा पालिसी या कवरनोट दिलाये जाने हेतु प्रार्थना पत्र 30ग और प्रीमियम के ड्राफट की प्रतिलिपि दिलाये जाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया । इस पर विपक्षी सं01 की ओर से परिवादी के खाते का स्टेटमेंट आफ एकांउट की प्रतिलिपि प्रस्तुत की गई है जिसमें दि0 29.01.2009 को उसके खाते से 15/-रू0 बीमा प्रीमियम काटा गया है । यह खाता दुर्घटना की तिथि को संचालित था । दि031.01.2012 को संचालित कहा इसलिये विपक्षी सं01 का यह केस है कि खाता अनियमित होने के कारण बीमा प्रीमियम का भुगतान नहीं किया । लेकिन दि0 29.01.2009 को उसके खाते से बीमा प्रीमियम काटना और विपक्षी सं01 द्वारा दि0 29.01.2009 को 12915/-रू0 का ड्राफट आरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी कानपुर को भेजा जाना जिसका भुगतान दि006.04.2009 को हुआ है जिससे संबंधित अभिलेख 20ग व 40ग प्रस्तुत किये गये हैं । ड्राफट के साथ किसानों की सूची भी भेजी गई जिनका संयुक्त प्रीमियम भेजा गया । इस सूची के क्रम सं0197 पर कल्याण सिंह का नाम लिखा है जिसमें श्रीमती सुनीता को नामिनी दर्शित किया गया है । परिवादिनी की ओर से परिवार रजिस्टर की नकल अभिलेख सं010ग भी प्रस्तुत की गई है जिसमें वह कल्याण सिंह की पत्नी दर्शित है । परिवादिनी की ओर से बैंक को नोटिस भी दिया गया । लेकिन विपक्षी सं01 ने नोटिस का उत्तर देना जबाबदावा में कहा है लेकिन नोटिस की प्रतिलिपि उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है । विपक्षी सं02 की ओर से विपक्षी सं01 द्वारा ड्राफट और सूची तथा ड्राफट की अदायगी का साक्ष्य दिये जाने के बावजूद कोई जबाबदावा अथवा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई और न किसी साक्ष्य से इसका खण्डन किया गया कि उक्त ड्राफट कानपुर शाखा में प्राप्त नहीं हुआ या उसका भुगतान नहीं हुआ इसलिये दुर्घटना की तिथि को मृतक कृषक का दुर्घटना बीमा विपक्षी सं02 से था । परिवादिनी की ओर से दि0 01.11.2011 को औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी सं02 को क्लेमफार्म भेजना शपथ पूर्वक कहा है । विपक्षी सं01 ने इस तथ्य का स्पष्ट खण्डन नहीं किया है कि परिवादिनी का कोई क्लेमफार्म प्राप्त नहीं हुआ और न ही इस आशय का कोई स्पष्ट कथन किया कि विपक्षी सं01 ने क्लेमफार्म प्रपत्र विपक्षी सं02 को भेजे थे या नहीं भेजे थे । लेकिन विपक्षी सं02 ने क्लेम अथवा बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया । जबकि मृतक कृषक का दुर्घटना में मृत्यु होना निर्विवाद तथ्य है और दुर्घटना की तिथि को उसका बीमा विपक्षी सं02 से था इसलिये बीमित धनराशि 50,000/-रू0 परिवादिनी मृतक की नामिनी वारिस होने के कारण पाने की अधिकारी है । यदि उक्त धनराशि परिवादिनी को समय से मिल जाती तो वह उसका उपयोग कर पाती,जिससे उसको मानसिक कष्ट हुआ और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं02 किसान क्रेडिट कार्डधारक कल्याण सिंह की मृत्यु पर 50,000/-रू0 बीमित धनराशि परिवाद योजित करने की तिथि 13.03.2012 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज सहित परिवादिनी को एक माह के अंदर प्रदान करे । इसके अतिरिक्त परिवादिनी मानसिक कष्ट की क्षति के रूप में 5,000/-रू0 व परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने की अधिकारी है । विपक्षीगण सं01 व 2 द्वारा यह धनराशि आधी-आधी आज से एक माह के अंदर परिवादिनी को भुगतान की जायेगी । अन्यथा परिवादिनी विपक्षीगण से उक्त धनराशि विधि अनुसार वसूल पाने का अधिकारी होगी ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016