जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री प्रताप सिंह राठौड पुत्र श्री चन्द्र सिंह राठौड, उम्र- 65 वर्ष, निवासी- षिव मंदिर के पास, षास्त्रीनगर, मदनगंज-किषनगढ, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर जरिए प्रबन्धक, षाखा मदनगंज-
किषनगढ, जिला-अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 168/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री आलोक बाकलीवाल, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 19.05.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उसका अप्रार्थी बैंक में बचत खाता संख्या 510093341795 है , इस खाते में उसकी पेंषन जमा होती है । उक्त खाते के तहत उसे एटीएम कार्ड की सुविधा उपलब्ध करा रखी हैं । उसनेे एटीएम कार्ड का दिनंाक 2.2.2013 को 17.15 बजे ट्रांजेक्षन संख्या 8132 के जरिए रू. 10,000/- का ट्रांजेक्षन किया, किन्तु लेन-देन सफल नहीं हुआ। इसके उपरान्त भी उसके खाते से रू. 10,000/- की राषि डेबिट कर दी गई । चूंकि ट्रांजेक्षन षनिवार को 17.15 बजे किया गया था और दूसरे दिन रविवार होने के कारण बैंक बन्द होने से उसने दिनांक 4.2.2013 को लिखित में अप्रार्थी बैंक को संव्यवहार सफल नहीं होने के बावजूद उसके खाते से राषि काट लिए जाने की षिकायत की। किन्तु अप्रार्थी बैंक ने दिनांक 6.2.2013 के पत्र द्वारा उसके खाते से राषि डेबिट कर लिया जाना सूचित किया । अप्रार्थी बैंक का उक्त कृत्य सेवा में कमी को दर्षाता है । उसने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बैक ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रारम्भिक आपत्तियों में कथन किया है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी बैंक के विरूद्व सीधे तौर पर कोई सेवा में कमी अथवा लापरवाही अधिरोपित नहीं की हे । प्रार्थी ने सही एवं वास्तविक तथ्यों को मंच से छिपाकर यह परिवाद पेष किया है जो प्रथम दृष्टया खारिज होने योग्य है ।
अप्रार्थी बैंक ने जवाब परिवाद में आगे कथन किया है कि बैंक प्रबन्धक के एक ही स्थान पर दो एटीएम मषीन संचालित हंै और प्रार्थी ने एक एटीम मषीन संख्या एस10ए100107001 से ट्रांजेक्षन 5119 से 17.15 बजे पर दिनांक 2.2.2013 को अपने खाते से रू. 10,000/- ॅपजीकतंूंस किए और दूसरी एटीएम मषीन संख्या एस10ए100107002 से ट्रांजेक्षन 81323 से दिनांक 2.2.2013 को अपने खाते का ठंसंदबम ैजंजमउमदज ठंसंदबम निकाला है और प्रार्थी ने इस तथ्य को छिपाते हुए मंच में परिवाद प्रस्तुत किया है । प्रार्थी ने अपने उक्त समस्त संव्यवहार की सूचना के अधिकार के तहत सूचना भी मांगी थी । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब परिवाद के समर्थन में श्री मदन लाल धानका, मुख्य षाखा प्रबन्धक का षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि एटीएम से सफल लेन-देन नहीं होने के बावजूद भी उसके खाते से रू. 10,000/- की राषि डेबिट कर दी गई है । जबकि सव्ंयवहार करते समय जो एटीएम से स्लिप प्राप्त हुई, में ’’ ैवततल न्दंइसम जव च्तवबमेे ’’ कारण दर्षाते हुए निकाली गई राषि का कोई उल्लेख नहीं आया है । इस प्रकार बिना राषि के निकाले रू. 10,000/- का आहरण बाधित हुआ है । अप्रार्थी के इस कृत्य से प्रार्थी को जो कि एक सीनियर सिटीजन है एवं पेंषनधारी है, को षारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक क्षति पहुंची है , जिसके लिए अप्रार्थी सीधे तौर पर उत्तरदायी है ।
4. अप्रार्थी की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी ने सही व वास्तिक तथ्यों को छिपाकर परिवाद प्रस्तुत किया है, जो निरस्त होने योग्य है । उसके द्वारा गलत एटीमए कार्ड नम्बर दर्षाया गया है। जिस ट्रांजेक्षन का उसके द्वारा उल्लेख किया गया है, वह निकाली गई राषि का न होकर बैलेन्स स्टेटमेंट प्राप्त किए जाने का है । वास्तव में प्रार्थी ने मौके पर पास ही में स्थित अन्य एटीएम मषीन से ट्रांजेक्षन संख्या 5119 के 17.15 बजे दिनंाक 2.2.2013 को इसी खाते से रू. 10,000/- की राषि का आहरण किया था । उसने इस आहरण के तथ्य को छिपाते हुए मात्र ट्रांजेक्षन संख्या 8132 का उल्लेख किया है । । समर्थन में बैंक खाते व रिपोर्ट अभिलेख में प्रस्तुत करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि ऐसी स्थिति में अप्रार्थी द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी अथवा दोष का परिचय नहीं दिया गया है । परिवावद निरस्त किया जाना चाहिए ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने एंव पत्रावली में उपलब्ध अभिलेख का अवलोकन भी कर लिया है ।
6. पत्रावली में उपलब्ध प्रार्थी के अप्रार्थी से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई यह सूचना कि, अप्रार्थी बैंक की उक्त षाखा के पास स्थित एटीएम मषीन नम्बर 1 व 2 से दिनांक 2.2.2013 से 3.2.2013 तक किए गए रूपयों के संव्यवहार बाबत् जानकारी दें, के संदर्भ में यह स्वीकृत तथ्य सामने आया है कि मौके पर 2 एटीएम मषीन उपलब्ध थी । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थी ने अपने एटीएम कार्ड का नम्बर भी सहीं नहीं लिखा है । इसकी पुष्टि उसके द्वारा प्रस्तुित अभिलेख यथा- एटीएम मषीन की रसीदों व अप्रार्थी बैंक के एकाउण्ट से भी होती है ।
7. उपलब्ध अभिलेख के अनुसार प्रार्थी द्वारा सर्वप्रथम मषीन नम्बर 1 एटीएम आई डी संख्या एस10ए100107002 से 17.14 बजे पर बैलेन्स इन्क्वायरी प्राप्त की गई है । रसीद के अनुसार तत्समय उसके खाते में रू. 10,328पै 48 थे । इसकेे तुरन्त बाद ही उक्त मषीन से उसके द्वारा 17.15 बजे ट्रांजेक्षन किए जाने पर ’’ ैवततल न्दंइसम जव च्तवबमेे ’’ अंकित करते हुए किसी प्रकार की कोई राषि निकाले जाने अथवा बैलेन्स में कोई राषि हैं, जैसा कोई उल्लेख सामने नहीं आया है । चूंकि मौके पर एक अन्य एटीएम मषीन उपलब्ध थी, अतः प्राप्त अभिलेख के अनुसार इस मषीन पर एटीएम कार्डधारी द्वारा ट्रांजेक्षन किए जाने पर रू. 10,000/- की राषि आहरित हुई है । इसकी पुष्टि अप्रार्थी के बैंक स्टेटमेंट व उनके द्वारा इस संव्यवहार के संदर्भ में तकनीकी इंजीनियर से प्राप्त रिपोर्ट व बैंक खाते की प्रमाणित प्रति से भी होती है । उक्त कार्डधारी द्वारा इसके तुरन्त बाद पुनः पहले किए गए संव्यवहार वाली मषीन में राषि के संबंध में एटीएम कार्ड डाले जाने के बाद 17.16 बजे किसी प्रकार की कोई राषि आहरित किए जाने अथवा बैलेन्स स्टेटमेंट की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है अपितु ’’ ैवततल न्दंइसम जव च्तवबमेे ’’ का स्लिप में अंकन हुआ है । इसके तुरन्त बाद ही कार्डधारी द्वारा 17.16 बजे पूर्ववत एटीएम मषीन में एटीएम कार्ड डाल कर बैलेन्स इन्क्वायरी प्राप्त किए जाने का प्रयास किया है जिसके फलस्वरूप उसे बैलेन्स इन्क्वायरी प्राप्त हुई है, के अनुसार दिनंाक 2.2.2013 को उसके खाते से रू. 10,000/- जरिए एटीएम आहरित किए गए है । इसके तुरन्त पष्चात् 17.20 बजे पुनः इसी कार्डधारी द्वारा पूर्ववत एटीएम मषीन में कार्ड डाल कर बैलेन्स इन्क्वायरी चाही गई है व इसके अनुसार भी उसके खाते से रू. 10,000/- की राषि आहरित हुई है । इसका अर्थ यह हुआ कि उक्त कार्डधारक ने सर्वप्रथम मषीन नम्बर 1 एटीएम आई डी संख्या एस10ए100107002 से बैलेेंस इन्क्वायरी प्राप्त करने के बाद दूसरी मषीन से रू. 10,000/- आहरित की व इस तथ्य को उसने परिवाद में छिपाया । उसके इस तथ्य को छिपाने की पुष्टि अप्रार्थी बैंक द्वारा प्राप्त की गई जानकारी से समपुष्ट होती है । चूंकि ये संव्यवहार मात्र 2 मिनिट की अवधि में एक ही स्थान पर स्थित 2 अलग अलग एटीएम मषीन से हुए हैं, अतः किसी अन्य द्वारा राषि आहरित किए जाने का भी प्रष्न नहीं हैं ।
8. सार यह है कि प्रार्थी के कार्ड से मौके पर 17.14 से लेकर
17.16 के दौरान किए गए 4 संव्यवहार में से 1 में रू. 10,000/- की राषि आहरित हुई है । इसकी उपरोक्त अनुसार पुष्टि हुई है , इसके लिए अप्रार्थी बैंक को किसी प्रकार सेवा में दोष के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है । परिवाद इन्हीं आधारों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । अतः आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
9. प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 19.05.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
प्रार्थी द्वारा मौके पर स्थिति एक अन्य एटीएम मषीन से दिनांक 2.2.2013 को ट्रांजेक्षन संख्या 5119 के माध्यम से रू. 10,000/- की राषि आहरित की और इस संबंध में तकनीकी जानकारी प्राप्त कर, प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दिनंाक
2.2.2013 को 17.15 बजे उक्त अन्य एटीएम मषीन से जरिए ट्रांजेक्षन संख्या 5119 के रू. 10,000/- की राषि निकाले जाने का सफल ट्रांजेक्षन हुआ है