राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 3199 सन 2003 सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, मेरठ के परिवाद संख्या-660/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-24-10-2003 के विरूद्ध)
1-युनियन आफ इंडिया द्वारा जनरल मैनेजर, नार्दन रेलवे, बड़ौदा हाऊस, न्यू दिल्ली। मैनेजर, डिवीजनल आफिस, एन0ई0 रेलवे, अशोक मार्ग, लखनऊ।
2-स्टेशन अधीक्षक, रेलवे स्टेशन, मेरठ।
...अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
1-श्री एस0एन0 शर्मा पुत्र के0एल0 शर्मा, निवासी- 50/6, दुर्गा नगर( कैलाशपुरीद्व मेरठ सिटी, मेरठ।
2-डा0 वी0के0 शर्मा पुत्र बाल स्वरूप शर्मा निवासी ई-18, शास्त्रीनगर, मेरठ सिटी, मेरठ।
3-श्रीमती इन्दिरा यादव पत्नी श्री प्रदीप कुमार यादव, निवासी- 50/7, शास्त्रीनगर, मेरठ सिटी, मेरठ।
.....प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:-
1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अधिवक्ता अपीलार्थी : श्री पी0पी0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
अधिवक्ता प्रत्यर्थी : कोई नहीं।
दिनांक: 30-12-2014
मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्यायिक सदस्य, द्वारा उदघोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी ने विद्वान जिला मंच, मेरठ, द्वारा परिवाद संख्या-660/2001 श्री एस0एन0 शर्मा एवं अन्य बनाम महाप्रबन्धक, उत्तर रेलवे में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-24-10-2003 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसमें कि विद्वान जिला मंच ने टिकट के मूल्य को वापस किये जाने का आदेश तथा 1,000-00 रूपये वाद व्यय के रूप में दिये जाने का आदेश पारित किया गया है।
(2)
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादीगण/प्रत्यर्थीगण ने दिनांक-20-11-1999 को संगम एक्सप्रेस से इलाहाबाद से मेरठ की यात्रा करने हेतु आरक्षण कराया था और उसे संगम एक्सप्रेस में बोगी सं0-एस0-02 में क्रमश: आर.सी. 31-24 एवं 28 एल.बी. आवंटित की गई थी, किन्तु यात्रा के लिए जब वह पहुंचा तो उसे सूचना दी गई कि उपरोक्त कोच गाड़ी से विलग है और उसका कारण तकनीकी बताया गया और ऐसी परिस्थिति में उसे व्यवसायिक कार द्वारा मेरठ जाना पड़ा। परिवादीगण ने आरक्षित धनराशि को वापस किये जाने तथा क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000-00 रूपये तथा मानसिक व आर्थिक कष्ट के रूप में 10,000-00 रूपये तथा वाद व्यय के रूप में 2,000-00 रूपये दिलाये जाने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया है।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण ने अपने कथन में यह दर्शाया है कि कोच संख्या-एस0-02 का धुरा व एक्सल गर्म हो गया था, जिसके कारण उसे आगे के लिए रवाना नहीं किया गया, क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से यह सम्भव नहीं था।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रस्तुत प्रकरण आरक्षित टिकट के मूल्य के रिफन्ड के लिए है, जो कि रेलवे क्लेम्स टि्ब्यूनल एक्ट की धारा 13 (1) (बी) के अर्न्तगत परिवादीगण/प्रत्यर्थीगण को अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत करना चाहिए था, क्योंकि अन्य किसी न्यायालय को उपरोक्त अधिनियम की धारा-15 के अर्न्तगत श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है। प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
प्रस्तुत प्रकरण आरक्षित टिकटों के मूल्य के रिफन्ड के सम्बन्ध में है, क्योंकि परिवादीगण/प्रत्यर्थीगण द्वारा आरक्षित कोच न लगने के कारण यात्रा नहीं की जा सकी। रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल एक्ट 1987 की धारा-13 (1) (बी) के अर्न्तगत परिवादी को अपना परिवाद/प्रत्यावेदन रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए था, क्योंकि किसी अन्य न्यायालय को उपरोक्त अधिनियम की धारा-15 के अर्न्तगत उसे श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है। ऐसी परिस्थिति में
(3)
अपीलार्थीगण की अपील स्वीकार किये जाने योग्य है तथा जिला मंच द्वारा पारित निर्णय निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्तागण की अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच, मेरठ, द्वारा परिवाद संख्या-660/2001 श्री एस0एन0 शर्मा एवं अन्य बनाम महाप्रबन्धक, उत्तर रेलवे में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-24-10-2003 को निरस्त किया जाता है। परिवादी यदि चाहे तो अपना परिवाद/प्रत्यावेदन सक्षम न्यायालय/अिधकरण के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है, जो कालबाधित नहीं माना जायेगा।
उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्यय स्वयं वहन करेगें।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाय।
( अशोक कुमार चौधरी ) (संजय कुमार )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर0सी0वर्मा, आशु. ग्रेड-2
कोर्ट नं0-3