Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/14/2014

Shri Santpal - Complainant(s)

Versus

S. Mobility Ltd. - Opp.Party(s)

01 Dec 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/14/2014
 
1. Shri Santpal
R/o Sanjay Nagar Gali No 1, Dubble Fatak, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. S. Mobility Ltd.
Add:- Rajdhani Telecom, Budha Bazaar, Station Road, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण  से उसे खराब हुऐ मोबाइल की कीमत 1600/- रूपया दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/- रूपये तथा परिवाद व्‍यय की मद में 15,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 01/06/2013 को 1600/- रूपये का एक मोबाइल विपक्षी सं0-3 खरीदा था जो उसी दिन  खराब होकर बन्‍द हो गया। विपक्षी सं0-3  के बताने पर परिवादी मोबाइल को लेकर दिनांक 02/6/2013 को इसके सर्विस सेन्‍टर-विपक्षी सं0-2 के पास गया। जॉंच  करके  परिवादी  को  उन्‍होंने बताया  कि मोबाइल सैट में स्‍पीकर और  प्‍लेट में खराबी है इस सीरीज के ज्‍यादातर मोबाइलों में खराबी आ रही है कम्‍पनी आपको नया मोबाइल बदलकर देगी, अगर आप जल्‍दी चाहते हैं तो  आपको 200/- रूपया अतिरिक्‍त खर्च करने होगें। हम अपने कर्मचारी के  हाथों  आपका मोबाइल कम्‍पनी को भेज देगें। परिवादी ने अपना मोबाइल सैट सर्विस  सेन्‍टर पर छोड़ दिया और 200/- रूपया भी जमा कर दिऐ। विपक्षी सं0-2 ने परिवादी को जॉबशीट दी। दिनांक 04/6/2013 को परिवादी अपना मोबाइल लेने विपक्षी सं0-2 के पास गया तो परिवादी को पुन: आने के लिए कहा   गया। दिनांक 12/6/2013 को अपने मित्र के साथ परिवादी विपक्षी सं0-2 के  सर्विस सेन्‍टर पर पहुँचा, वहॉं पर परिवादी के साथ अभद्रता की गई परिवादी  लौट आया। 15 जून,2013 को पुन: परिवादी सर्विस सेन्‍टर पर गया लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई। परिवादी ने दिनांक 25/6/2013 और  06/9/2013 को विपक्षी सं0-1 व 2 को नोटिस भेजे। दिनांक 01/7/2013 को विपक्षी का जबाब नोटिस परिवादी को  प्राप्‍त  हुआ।  इसके बाद  जब  परिवादी विपक्षी सं0-2  के  पास  गया और नया मोबाइल देने को कहा तो  विपक्षी सं0-2  ने  कहा  कि  इस  बारे  में  वह  विपक्षी सं0-1  से बात  करेगा। परिवादी का  आरोप है   कि  छ:  माह  इन्‍तजार करने के बाद  भी  विपक्षी सं0-2  ने  परिवादी को  मोबाइल नहीं दिया, मजबूरन दिनांक 24/12/2013 को  उसने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भिजवाया। इसके बावजूद परिवादी की  शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया। परिवादी के  अनुसार विपक्षीगण के  उक्‍त  कृत्‍य  सेवा में  कमी  है,  उसने परिवाद स्‍वीकृत कर परिवाद  में  अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के  समर्थन में  परिवादी  ने  अपना साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-3/5 दाखिल किया। परिवाद  के  साथ  उसने विपक्षी सं0-1  व 2 को भेजे गऐ  नोटिस दिनांक 25/6/2013 तथा 06/8/2013 की  नकल एवं  उन्‍हें  भेजे जाने की  डाकखाने की असल  रसीदों को दाखिल  किया। इनके अतिरिक्‍त  विपक्षी सं0-2 द्वारा मोबाइल जमा करते समय दी गई जाबशीट, मोबाइल खरीदने की असल  रसीद तथा  कानूनी नोटिस दिनांक 24/12/2013 की  नकल  को  परिवादी ने  दाखिल  किया, यह  प्रपत्र पत्रावली के  कागज सं0-3/6 लगायत 3/10 हैं।
  4.   तीनों  प्रतिवादीगण ने  पृथक-पृथक प्रतिवाद पत्र दाखिल  किऐ। विपक्षी सं0-2  ने  प्रतिवाद पत्र कागज सं0- 7/1  लगायत 7/2,  विपक्षी सं0-3  ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1  लगायत 8/2 तथा  विपक्षी  सं0-1  ने  प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1  लगायत 11/5  दाखिल किया जिसके साथ  उसने मोबाइल जमा  करते  समय  विपक्षी  सं0-2  द्वारा  परिवादी  को  दी  गई जॉबशीट दिनांकित 02/6/2013  की  नकल  को भी  दाखिल  किया।
  5.   विपक्षी  सं0-2 ने  अपने  प्रतिवाद  पत्र  में  यह  स्‍वीकार  किया  है कि वह विपक्षी  सं0-1  द्वारा  निर्मित  मोबाइल  का  सर्विस  सेन्‍टर है। विपक्षी  सं0-2  के अनुसार परिवादी  ने  अपना मोबाइल  ठीक  करने  के  लिए उत्‍तरदाता विपक्षी  सं0-2 को दिया था जिसे विपक्षी सं0-2 ने ठीक कर दिया है और  सही  होकर उक्‍त  मोबाइल विपक्षी  सं0-2  के पास  रखा  हुआ  है,  परिवादी  मूल  जॉबशीट प्रस्‍तुत करके  उक्‍त  मोबाइल  प्राप्‍त  कर  सकता  है।  विपक्षी  सं0-2 ने अग्रेत्‍तर  यह भी  कहा कि  परिवादी  ने  मोबाइल कहीं  से लेमीनेट  कराया था  जिस कारण  उसकी  वाडी डेमेज हो गई  है।  कम्‍पनी  ने  वारण्‍टी  की शर्तों के  अधीन  इस  मोबाइल  के बदले  नया  मोबाइल देने से इन्‍कार कर दिया है।  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-2  ने  परिवादी  द्वारा लगाऐ  गऐ  आरोपों  से  इन्‍कार करते  हुऐ  यह  कहते हुऐ कि  विपक्षी  सं0-2  ने  परिवादी को  सेवा  देने  में  कोई  कमी  नहीं की  है, परिवाद  को सव्‍यय  खारिज किऐ जाने  की  प्रार्थना की। विपक्षी  सं0-2  की  ओर  से यह कहा  गया  कि नोटिस दिनांकित 25/6/2013  का जबाब उसने  परिवादी को भेजा था जिसमें भी  मोबाइल ठीक  करके  अपने पास  होने  के  कथन  करते हुऐ  परिवादी  से  उसे  ले  जाने   का  आग्रह किया था।
  6.   विपक्षी  सं0-3  ने  अपने  प्रतिवाद  पत्र   में  यह तो स्‍वीकार  किया है कि परिवादी ने  दिनांक 01/6/2013 को  उसकी दुकान  से  1600/-  रूपया में  मोबाइल सैट खरीदा था  और इस  तथ्‍य  को भी  स्‍वीकार किया है  मोबाइल खराब होने की  शिकायत लेकर जब  परिवादी उसके पास  आया  था  तो  उसने परिवादी को  सर्विस सेन्‍टर- विपक्षी सं0-2  से  सम्‍पर्क करने के  लिए  कहा  था। उत्‍तरदाता  विप्क्षी सं0-3 की  ओर  से  अग्रेत्‍तर  कथन  किया गया कि  परिवादी तथा  विपक्षी सं0-2  के मध्‍य क्‍या  बातें हुई  इसकी उसे  जानकारी नहीं है। विपक्षी सं0-3  के  विरूद्ध परिवादी ने  कोई  आरोप नहीं लगाया है। विपक्षी सं0-3  ने यह कहते हुऐ कि उसे पक्षकार बनाकर अनावश्‍यक रूप  से परेशान  किया गया  है, उसने अपने विरूद्ध परिवाद को  खारिज किऐ जाने  की प्रार्थना  की।
  7.   विपक्षी सं0-1 मोबाइल सैट  की  निर्माता कम्‍पनी  है इसकी ओर  से  प्रस्‍तुत प्रतिवाद पत्र में  परिवाद को  आधारहीन बताते हुऐ और  यह कहते हुऐ कि  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1  के  विरूद्ध परिवादी को वाद  हेतुक उत्‍पन्‍न   नहीं  हुआ। इन्‍हीं  आधारों पर परिवाद को  खारिज किऐ  जाने की  प्रार्थना   की  गई। विपक्षी  सं0-1  की  ओर  से  अग्रेत्‍तर  कथन  किया गया  कि  परिवादी तथा विपक्षीगण  के मध्‍य  क्‍या  वार्तालाप हुई  इसकी उसे  कोई  जानकारी  नहीं  है।  विपक्षी सं0-1  के  अनुसार दिनांक  02/6/2013 को  परिवादी मोबाइल  में  स्‍पीकर  की  समस्‍या  लेकर विपक्षी  सं0-2  के  पास  आया  था। विपक्षी सं0-2  ने परिवादी का  मोबाइल ठीक  कर  दिया और  07/6/2013 को  एस0एम0एस0 भेजकर मोबाइल ले जाने का परिवादी से  अनुरोध किया, किन्‍तु  परिवादी  मोबाइल लेने  कभी  भी  सर्विस सेन्‍टर  पर  नहीं गया। मोबाइल ठीक  करके सर्विस सेन्‍टर  पर  रखा  हुआ  है  जिसे परिवादी कभी  भी  ले  सकता है। विपक्षी सं0-1  की  ओर  से  अग्रेत्‍तर  यह कथन  करते हुऐ कि वारण्‍टी  की  शर्तों के  अनुसार खराब मोबाइल  के  बदले नया   मोबाइल तभी  दिया जा  सकता है  जब मोबाइल की  खराबिया ठीक  न हो  पाऐं। परिवादी  को  नया मोबाइल  देने से  इन्‍कार  करते हुऐ  और  यह कहते हुऐ कि परिवादी को  सेवा प्रदान करने  में  कोई  कमी  नहीं की  गई,  परिवाद को सव्‍यय  खारिज  किऐ  जाने  की  प्रार्थना की  गई।
  8.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/3  दाखिल किया। विपक्षी सं0-2 की ओर से शाहनबाज ने अपना साक्ष्‍य शपथ  पत्र कागज सं0-14 प्रस्‍तुत  किया। विपक्षी सं0-1  व विपक्षी सं0-3  की  ओर  से  साक्ष्‍य  दाखिल नहीं हुआ।
  9.   किसी भी पक्ष ने  लिखित  बहस  दाखिल नहीं की।
  10.   हमने परिवादी  तथा  विपक्षी सं0-2  के  विद्वान अधिवक्‍ता  के तर्कों को  सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-1  व विपक्षी सं0-3  की  ओर  से  बहस  हेतु कोई  उपस्थित नहीं हुऐ।
  11.   विपक्षी  सं0-2  के विद्वान अधिवक्‍ता  का तर्क है  कि परिवादी का मोबइल पहले ही ठीक  कर  दिया गया  था  और वह  ठीक हालत में ​विपक्षी सं0-2  के  पास  रखा है, परिवादी मूल  जॉबशीट दिखाकर मोबाइल सर्विस सेन्‍टर-विपक्षी सं0-2 से प्राप्‍त  कर  सकता है।  बहस  के दौरान भी  विपक्षी सं0-2  के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने  उक्‍त  प्रस्‍ताव को  दोहराया।
  12. परिवादी  के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन  है  कि  बार-बार  जाने  के बावजूद उसे  बदलकर  नया  मोबाइल  नहीं  दिया  गया  जबकि  विपक्षी  सं0-2  ने  वायदा  किया  था कि  परिवादी को  वे  कम्‍पनी  से  नया  मोबाइल  दिलवाऐगें। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता  का यह भी  कथन  है  कि  दिनांक 12/6/2013  को  विपक्षी सं0-2 के  कमर्चारियों ने  उसके साथ  अभद्रता की  थी।  प्रत्‍युत्‍तर  में  विपक्षी सं0-2  के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने उक्‍त  आरोपों का  खण्‍डन  किया और  कहा  कि परिवादी पुराने  मोबाइल के  बदले नया मोबाइल दिलाऐ जाने के लिए दबाव बना  रहा  है  और इसके लिए कम्‍पनी  तैयार नहीं है।
  13.  विपक्षी  सं0-2  के  अनुसार मोबाइल  की  वाडी डेमेज है  जिस  कारण कम्‍पनी ने  बदले में  नया  मोबाइल  देने से  इन्‍कार कर  दिया है।  परिवादी विपक्षी सं0-2  के  इस  कथन  का  खण्‍डन  नहीं कर  पाया कि  जब  उसने मोबाइल विपक्षी सं0-2  को  ठीक  होने के लिए  दिया था  जब उसकी वाडी  डेमेज नहीं थी। इसके अतिरिक्‍त परिवादी के साथ  सर्विस सेन्‍टर पर  कोई  अभद्रता की गयी थी इसका भी  परिवादी कोई प्रमाण नहीं दे पाया। उक्‍त  परिस्थितियों में निर्माता कम्‍पनी-विपक्षी सं0-1 ने बदले में  नया  मोबाइल देने से  इन्‍कार  कर  कोई  त्रुटि नहीं की। विपक्षी सं0-1  के  प्रतिवाद पत्र के  पैरा  सं0-6  में  किऐ  गऐ  इस  कथन  में  भी  बल  है  कि  खराब मोबाइल  के बदले नया  मोबाइल उसी  स्थिति में  दिया जा  सकता था  जब  पुराना मोबाइल ठीक  होने योग्‍य  न रह  गया  हो।
  14. स्‍वीकृत रूप से  परिवादी का  मोबाइल विपक्षी सं0-2  ने  ठीक  कर  दिया है  जैसा कि  विपक्षी सं0-2  के जबाब नोटिस कागज सं0-7/3  लगायत 7/4  के  माध्‍यम  से  परिवादी को  सूचित भी  किया गया  था। ऐसी दशा में  परिवादी को  बदले में  नया  मोबाइल दिलाऐ जाने  का कोई  औचित्‍य हम  नहीं पाते हैं।
  15. परिवाद में बल  नहीं और यह  खारिज होने योग्‍य  है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

          01.12.2015             01.12.2015              01.12.2015

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 01.12.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      01.12.2015                01.12.2015           01.12.2015

      

 

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