Uttar Pradesh

StateCommission

A/1997/1061

U P P C L - Complainant(s)

Versus

S. K. Shukla - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

24 Oct 1998

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1997/1061
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U P P C L
A
...........Appellant(s)
Versus
1. S. K. Shukla
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

(राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)

                सुरक्षित                     

अपील संख्‍या 1061/1997

 

 

1- यू0पी0 स्‍टेट इलेक्‍ट्रीसिटी बोर्ड, द्वारा इक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलेक्‍ट्रीसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन द्वितीय, मोहद्दीपुर, जिला गोरखपुर।

2- इक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलेक्‍ट्रीसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन द्वितीय, मोहद्दीपुर, जिला गोरखपुर।

3- जूनियर इंजीनियर, इलेक्‍ट्रीसिटी सब‍ डिवीजन, गोला, अन्‍डर, डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन द्वितीय, मोहद्दीपुर, जिला गोरखपुर।

                                                                                       …अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

अश्‍वनी कुमार शुक्‍ला, पुत्र राम कृष्‍ण शुक्‍ला निवासी- मौजा पड़री पोस्‍ट भरोह तप्‍पा बरहज, परगना धुरियापार, तहसील गोला, जिला गोरखपुर।

                                                 .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:

       1. मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य ।

  2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित            : विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक महरोत्रा।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित                 : कोई नहीं।

 

दिनांक  29-05-2015

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

     प्रश्‍नगत अपील परिवाद सं0 230/97 अश्‍वनी कुमार शुक्‍ला बनाम उ0प्र0 राज्‍य विधुत परिषद एवं अन्‍य में जिला फोरम गोरखपुर के आदेश की प्राप्‍त प्रतिलिपि दिनांक 03/05/1997 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है।

     जिला फोरम ने परिवाद में आदेश दिया कि ‘’ वादी विभाग की सेवाओं का कोई नाजायज लाभ न ले सके इसलिए आदेशित किया जाता है कि प्रतिवादी पेशी की तारीख को कोई बकाया बिल या अन्‍य कोई त्रुटि उपभोक्‍ता के पक्ष में प्रस्‍तुत करते हैं तो अंतरिम आदेश को फोरम निष्‍प्रभावी कर देगा। यह अंतरिम आदेश दिनांक 08/05/97 तक प्रभावी रहेगा। विपक्षी अपनी अर्जी दिनांक 06/05/1997 तक दाखिल करे।‘’

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के बहस को विस्‍तार से सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

    

 

 

2

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि जिला फोरम ने जो परिवाद सं0 230/97 में आदेश दिये है वह सही एवं उचित नहीं है, खारिज होने योग्‍य है क्‍योंकि अंतरिम आदेश पारित करने का कोई प्राविधान नहीं है।

     प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

     उपभोक्‍ता संरक्षण विनियम 2005 के धारा- 17 में यह वर्णित है कि:-

     17. एकपक्षीय अन्‍तरिम आदेश- उपभोक्‍ता फोरम द्वारा जारी किया गया कोई एकपक्षीय अन्‍तरिम आदेश 45 दिनों के बाद विखण्डित किया जायेगा, यदि इस बीच अन्‍तरिम आदेश के प्रति आक्षेपों की सुनवाई या का निपटारा नहीं किया जाता। उक्‍त प्राविधान को देखते हुए अंतरिम आदेश का पारित किया जाना विधि अनुरूप है।

     आधार अपील एवं संपूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया जिससे यह प्रतीत होता है कि जिला फोरम ने जो आदेश दिया है उस आदेश में कोई त्रुटि नहीं पायी जाती है। आधार अपील बलहीन होने के कारण निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

अपील बलहीन होने के कारण निरस्‍त की जाती है।

 

 

 

 

               (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                        (संजय कुमार)

            पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

 

सुभाष, आशु0

    कोर्ट-3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.