(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2376/2008
श्रीमती विजयबाला बनाम भारतीय स्टेट बैंक व अन्य
दिनांक : 31.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपील पेश। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री ए0के0 मिश्रा एवं प्रत्यर्थीगण के विद्धान अधिवक्ता श्री पंकज कुमार सिन्हा को सुना गया।
पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि अपीलार्थी/परिवादिनी की मृत्यु दिनांक 25.12.2010 को हो गयी है, जबकि वारिसान कायमी का आवेदन दिनांक 2013 में प्रस्तुत किया गया है, इसलिए कायमी का आवेदन निश्चित समयावधि के पश्चात प्रस्तुत किया गया है। 90 दिन की अवधि समाप्त होने के पश्चात अपील स्वमेव उपशमित हो चुकी थी, लेकिन इस अपील को तत्समय दाखिल दफ्तर कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन इसी अपील में अपील के उपशमन का आवेदन प्रस्तुत किया गया है और अपील का उपशमन निरस्त करते हुए नियमित सुनवाई का अनुरोध किया गया है, परंतु दिनांक 25.12.2010 से 2018 तक इस आवेदन को प्रस्तुत करने में देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। विलम्ब प्रार्थना पत्र में यह उल्लेख है कि शपथ पत्र में विलम्ब के कारण अंकित हैं और कारण यह दर्शाया गया है कि अपीलार्थी के बच्चे बहुत छोटे थे। 2013 में अधिवक्ता द्वारा भी अवगत कराने का उल्लेख है इसलिए 2013 के पश्चात 2018 तक अपील के उपशमन का आवेदन न प्रस्तुत करना जाहिर है कि देरी का कोई कारण वर्णित एवं साबित नहीं है, इसलिए उपशमन को अपास्त किये जाने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार आवेदन खारिज होने योग्य है।
आदेश
उपशमन को अपास्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया आवेदन खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाए।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2