(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-708/2011
Sudheer Dhana Son of Sri Indira Pal Singh
Versus
State Bank of India & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :30.01.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्या द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-92/2010, सुधीर धामा बनाम शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक व अन्य में विद्वान जिला आयोग, बागपत द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.03.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा स्वयं निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच द्वारा वाद कारण समाप्त होने के आधार पर परिवाद खारिज किया गया है। अपील के ज्ञापन में उल्लेख है कि चूंकि बैंक द्वारा गलती स्वीकार की गयी है, इसलिए हजार रूपये परिवादी के खाते में ब्याज सहित जमा किये जाने चाहिए थे। परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने खाते में 500/-रू0 जमा किये गये, परंतु बैंक द्वारा 500/-रू0 नहीं दर्शाये गये हैं और बाद मे जमा किये गये हैं, परंतु चूंकि बैंक द्वारा यह राशि परिवाद प्रस्तुत करने से पूर्व ही जमा किये जा चुके थे। बैंक के स्तर से आशयपूर्वक त्रुटि और लिपिकीय त्रुटि होने का अंतर है। लिपिकीय त्रुटि कारित होने मात्र से बैंक को सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित किया जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3