Uttar Pradesh

StateCommission

A/1241/2022

NIIT Ltd. - Complainant(s)

Versus

Rupit Garg - Opp.Party(s)

Satya Prakash Pandey ,Sanjay Kr. Chaddha

23 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1241/2022
( Date of Filing : 15 Nov 2022 )
(Arisen out of Order Dated 16/07/2022 in Case No. C/2017/110 of District Agra-II)
 
1. NIIT Ltd.
8 1st floor Balaji Estate Guru Ravi Dass Marg Kalkaji New Delhi
...........Appellant(s)
Versus
1. Rupit Garg
S/o Sri Sanjay garg R/o 5/65 Media Katra Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Nov 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :1241/2022

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्धितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-110/2017 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-07-2022 के विरूद्ध)

 

एन0आई0आई0टी0 लिमिटेड,8, प्रथम तल, बालाजी स्‍टेट, गुरू रविदास मार्ग, कालका जी, नई दिल्‍ली-110019

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

श्री रूपित गर्ग, पुत्र श्री संजय गर्ग, निवासी-5/65, मीडिया कटरा, आगरा, यू0पी0                     प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष  :-

  1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,         अध्‍यक्ष।

    

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-   श्री एस0 पी0 पाण्‍डेय।

     प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-         कोई नहीं। 

दिनांक : 23-11-2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-110/2017 श्री रूपित गर्ग बनाम एन0आई0आई0टी0 लिमिटेड व दो अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्धितीय आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 16-07-2022  के विरूद्ध  यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     ‘’आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 

-2-

     ‘’परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को उसके द्वारा अदा की गयी फीस अंकन 1,34,773/-रू0, रजिस्‍ट्रेशन फीस अंकन 8,933/-रू0, 19,055/-रू0 जो ब्‍याज के रूप में बैंक को अदा किये गये, तथा परिवादी को पहुँची क्षति एवं हानि की क्षतिपूर्ति हेतु अंकन 50,000/-रू0 कुल 2,12,781/-रू0 आदेश की तिथि से 30 दिन के अंदर अदा करना सुनिश्चित करें। अन्‍यथा की स्थिति में उक्‍त धनराशि पर 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज अतिरिक्‍त रूप से आदेश की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक परिवादी विपक्षीगण से संयुक्‍त: अथवा पृथक्‍त: वसूलने का अधिकारी होगा। वाद की परिस्थितियों में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।‘’

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षीगण के इन्‍स्‍टीट्यूशन की आगरा शाखा  में बी.एम.आई.एस. कोर्स ज्‍वाइन किया जो तीन वर्ष अर्थात 02 साल चार सेमेस्‍टर का तथा एक वर्ष प्रोफेशनल प्रैक्टिस का था। विपक्षी के पत्र दिनांक 23-11-2013 के अनुसार परिवादी द्वारा 8,933/-रू0 रजिस्‍ट्रेशन फीस के अतिरिक्‍त सर्विस चार्ज सहित 1,34,773/-रू0 फीस का भुगतान किया जिसकी उचित रसीद विपक्षीगण द्वारा जारी की गयी थी।

     परिवादी का कथन है कि परिवादी ने विपक्षीगण से कई बार निवेदन किया तथा ई-मेल भेजे किन्‍तु विपक्षीगण परिवादी को फोर्थ सेमेस्‍टर की

 

-3-

 क्‍लासेज प्रदान करने में असमर्थ रहे। परिवादी के लम्‍बे प्रयास के बाद भी विपक्षीगण ने परिवादी को एक ट्रांसफर एडवाइज दिनांक 13-10-2016 को विपक्षी संख्‍या-3 के नये आफिस के लिए जारी की, जिसकी वैधता दिनांक 11-01-2017 तक के लिए थी। परिवादी विपक्षी संख्‍या-3 के आफीसर से मिला परन्‍तु उन्‍होंने परिवादी को क्‍लासेस ज्‍वाइंन करने और क्‍लासेस प्रोवाइड करने से इंकार कर दिया इस कारण के साथ कि विपक्षी संख्‍या-3 के पास बी.एम.आई.एस. कोर्स की सुविधा उपलब्‍ध नहीं है। परिवादी ने विपक्षी को अनेकों ई-मेल भेजा जिस पर विपक्षीगण द्वारा कोई ध्‍यान नहीं दिया गया। विपक्षी द्वारा सेमेस्‍टर सेकेण्‍ट के पेपर आज की तारीख तक नहीं लिये गये। विपक्षीगण द्वारा परिवादी से वादा किया गया था कि कोर्स तीन वर्ष अर्थात दिनांक 23-11-2013 के अंदर खत्‍म हो जायेगा परन्‍तु तीन वर्ष व्‍यतीत हो जाने के उपरान्‍त भी कोर्स कम्‍प्‍लीट नहीं कराया गया जब कि एक वर्ष का प्रोफेशनल कोर्स अभी बाकी है। विपक्षीगण ने परिवादी का कैरियर जानबूझकर दुर्भावना के साथ बर्बाद किया है जो कि विपक्षी के स्‍तर से सेवा में घोर  कमी है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।   

     विपक्षीगण की ओर से प्रारम्भिक आपत्ति विकास कुमार झा द्वारा हस्‍ताक्षरित शपथ पत्र से समर्थित प्रस्‍तुत की गयी जिसमें विपक्षीगण ने कथन किया कि परिवादी का परिवाद झूठा है तथा परिवाद कन्‍ज्‍यूमर एक्‍ट की धारा-26 के अन्‍तर्गत खारिज किये जाने योग्‍य है। परिवाद में विपक्षी के विरूद्ध वाद का कोई कारण स्‍पष्‍ट नहीं है। वाद कारण के अभाव में परिवादी

 

 

-4-

का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है। परिवादी विपक्षी द्वारा सेवा में कमी को दर्शाने में असमर्थ रहा है। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है तथा वर्तमान परिवाद चलने योग्‍य नहीं है। विपक्षी ने फोर्थ सेमेस्‍टर की आनलाइन मॉड की परीक्षा के लिए मिस्‍टर रिंकू हंसपाल जिनकी क्‍लीफिकेशन एम.एस.सी. थी को नियुक्‍त किया गया था। फोर्थ सेमेस्‍टर की ऑन लाइन मॉड की क्‍लासेज दिनांक 21-01-2017 को प्रारम्‍भ होनी थी और परिवादी को यह बता दिया गया था कि प्रत्‍यक्ष मॉड के क्‍लास कराने के लिए कोई फैकल्‍टी मौजूद नहीं है इसलिए ऑन लाइन मॉड की क्‍लासेज आयोजित की जा रही है। क्‍लासेज प्रत्‍येक शनिवार दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक चार घण्‍टे के लिए कक्षायें संचालित की जाती थी। दिनांक 14-03-2017 को एन.आई.आई.टी. के आफीसर मिस्‍टर उत्‍पल ने बातया कि क्‍लास दिनांक 18-03-2017 से नयी फैकल्‍टी मिस्‍टर शकुन द्वारा ली जायेगी जिसके लिए सुश्री अपिर्ता (फैकल्‍टी आफ एन.आई.आई.टी. आगरा) ने दिनांक 18-03-2017 को छात्रों को कक्षाओं के बारे में शिकायतकर्ता को अपडेट करने के लिए बुलाया था।

     विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का गहनतापूर्वक अध्‍ययन करने के पश्‍चात विपक्षीगण के स्‍तर से सेवा में कमी पाते हुए परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है जिसका उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है। 

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिक्‍ता श्री एस0 पी0 पाण्‍डेय उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

 

-5-

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग के निर्णय को अपास्‍त किया जावे।

     मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

     पत्रावली के परिशीलन एवं अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने के पश्‍चात मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का गहनतापूर्वक विश्‍लेषण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील अंगीकरण के स्‍तर पर ही निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

     आदेश

     अपील अंगीकरण के स्‍तर पर ही निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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