Rajasthan

Nagaur

CC/50/2017

Ramesh Singh Chouhan - Complainant(s)

Versus

RSRTC - Opp.Party(s)

Sh Om Prakash Purohit

05 Apr 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/50/2017
 
1. Ramesh Singh Chouhan
degana
Nagaur
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. RSRTC
parivahan vibhag
Jaipur
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Shri Ishwardas Jaipal PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:Sh Om Prakash Purohit, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 05 Apr 2017
Final Order / Judgement


              रमेषसिंह चैहान बनाम षासन सचिव परिवहन विभाग वगैरहा

 06.04.2017 
परिवादी के अधिवक्ता ओमप्रकाष उपस्थित। अप्रार्थी संख्या 4 की ओर से अधिवक्ता  पीर मोहम्मद खान उपस्थित। अन्य अप्रार्थीगण की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं है। अप्रार्थी संख्या 4 की ओर से प्रस्तुत आवेदन पर सुना गया। अप्रार्थी संख्या 4 की ओर से दिनांक 24.03.2017 को एक आवेदन प्रस्तुत कर निवेदन किया गया है कि इस मामले में वाद कारण आगरा से जयपुर के मध्य होना बताया गया है, ऐसी स्थिति में परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार का न होने से खारिज किया जावे। जबकि परिवादी की ओर से इस आवेदन का जवाब प्रस्तुत कर बताया गया है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 11 को देखते हुए परिवाद इसी मंच की अधिकारिता का है क्योंकि अप्रार्थी संख्या 4 रोडवेज डिपो, नागौर में ही अपना कारोबार करता है, ऐसी स्थिति में अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत आवेदन खारिज किया जावे। 
                 पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण द्वारा बहस के दौरान भी उपर्युक्त आषय के ही तर्क दिये गये हैं, जिन पर मनन कर पत्रावली का अवलोकन करने के साथ ही सुसंगत विधि का भी अवलोकन किया गया। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद में दिये गये अभिकथनों से ही स्पश्ट है कि परिवादी एवं उसकी धर्मपत्नी में दिनांक 19.06.2016 को रोडवेज डिपो की बस से आगरा से जयपुर तक की टिकट लेकर यात्रा की थी एवं यात्रा के दौरान रोडवेज बस का एसी खराब होने के कारण यात्रा कश्टमय रही तथा परिवादी की पत्नी बीमार हो गई। परिवाद में अंकित अभिकथनों से स्पश्ट है कि वाद कारण इस मंच के क्षेत्राधिकार में उत्पन्न न होकर आगरा से जयपुर के मध्य या जयपुर ही रहा है। यद्यपि परिवादी द्वारा अप्रार्थी संख्या 4 के रूप में नागौर स्थित रोडवेज डिपो के प्रबन्धक को पक्षकार संयोजित किया गया है लेकिन न तो कथित बस नागौर डिपो की रही है तथा न ही नागौर जिला मंच के क्षेत्राधिकार में कोई वाद कारण ही उत्पन्न हुआ है। ऐसी स्थिति में स्पश्ट है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार एवं श्रवणाधिकार का नहीं रहा है। मंच के उपर्युक्त निश्कर्श को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णित प्रकरण 2010 एनसीजे 82 (एससी) सोनिक सर्जिकल बनाम नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से भी अवलम्ब मिलता है।
                               उपर्युक्त विवेचन के आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार व श्रवणाधिकार में न होने के कारण सक्षम जिला मंच में प्रस्तुत करने हेतु नियमानुसार परिवादी को वापिस लौटाया जाता है। आदेष सुनाया गया।     
                                            

 


।बलवीर खुडखुडिया।               ।ईष्वर जयपाल।                 ।राजलक्ष्मी आचार्य।                                      सदस्य                         अध्यक्ष                           सदस्या

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Shri Ishwardas Jaipal]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

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