Mahendra Kumar filed a consumer case on 03 Apr 2017 against RR Mobile in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/687/2012 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
3.मैनेजर विद्या टेलीकाम (अधिकृत सर्विस सेंटर) षाप नं0-3 एक्सप्रेस रोड दि माल कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 30.11.2012
निर्णय तिथिः 15.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत रू0 6500.00 मय ब्याज तायूम वसूली, मानसिक, षारीरिक व आर्थिक क्षति के रूप में रू0 25000.00, मोबाइल सेट सही काम न करने से परिवादी को व्यापार व कारोबार में भागदौड़ में व्यय रू0 10000.00 तथा रू0 1500.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने अधिकृत डीलर विपक्षी सं0-1 से एक मोबाइल सेट स्पाइस एम 6900 आई.एम.ई. नं0-911116 850033921 व 911116850137920 दिनांक 25.10.11 को रू0 6500.00 में क्रय किया था, जिस पर एक वर्श की वारंटी थी। परिवादी द्वारा क्रय किया गया उक्त मोबाइल कुछ दिन चलने के बाद तमाम तकनीकी खराबी आने लगी, जिस पर परिवादी ने दिनांक 31.01.12
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को उक्त सेट अधिकृत सर्विस सेंटर विद्या टेलीकाम षाप नं0-3 के यहां बनने हेतु जमा कर दिया, जो बनने के बाद दिनांक 07.02.12 को प्राप्त हुआ। किन्तु कुछ देर बाद मोबाइल में पूर्व षिकायतें आने लगी, जिस पर परिवादी ने दिनांक 08.02.12 को पुनः उक्त सर्विस सेंटर में षिकायत की, तो वहां उपस्थित कर्मचारियों ने कहा कि अब आप 15-20 दिन बाद आना मोबाइल हेड आफिस से बनकर आयेगा। परिवादी को उक्त सेट क्रय करने के बाद तमाम तकनीकी खराबी व पार्ट में कमी व सेट में मैन्यूफैक्चरिंग खराबी के कारण मोबाइल सेट बन नहीं पा रहा है और न ही चल पा रहा है। परिवादी ने अंतिम बार दिनांक 12.07.12 को उक्त सेट विपक्षी सं0-2 के द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर माल रोड विपक्षी सं0-3 के यहां दिया था। तब से न तो उक्त सेट सही बनाकर दिया गया और न ही उसके बदले दूसरा सेट आज दिन तक दिया गया। जिससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक रूप से परेषान होना पड़ रहा है तथा व्यापार भी चौपट हो गया, क्योंकि परिवादी का मोबाइल फोन बिना लोगों से संपर्क टूट गया। विपक्षीगण द्वारा उपभोक्ता सेवाओं में घोर कमी एवं लापरवाही के दोश के साथ-साथ परिवादी के साथ अभद्रता भी की गयी है। बावजूद विधिक नोटिस विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा कोई भी हैण्डसेट विपक्षी सं0-2 से क्रय नहीं किया गया है और न ही तो परिवादीने प्रष्नगत हैण्डसेट को ठीक कराने के लिए सर्विस सेंटर से संपर्क किया। जहां तक प्रष्नगत हैण्डसेट की मरम्मत व बदलने का सम्बन्ध है, वह वारंटी कार्ड की षर्तों व नियमों के अंतर्गत आती है। विपक्षी को परिवादी की कोई विधिक नोटिस प्राप्त नहीं हुई। यदि विपक्षी सं0-1 के द्वारा कोई त्रुटियुक्त हैण्डसेट विक्रय किया गया है, तो उसके लिए विपक्षी सं0-2 को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि विपक्षी संख्या-1,
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विपक्षी सं0-2 का अधिकृत डीलर नहीं है। अतः स्पश्ट है कि परिवादी को विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अस्पश्ट और सामान्य प्रकृति का है। परिवादी द्वारा किसी भी प्रकार की क्षति प्रमाणित नहीं की गयी है, कोई अधिकार नहीं बताया गया, कोई कारण नहीं बताया गया। त्नसम वि ब्ंअमंज म्उचजवत के अनुसार स्वयं परिवादी को ही क्रय करने वाली वस्तु को क्रय करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। परिवाद झूठ व मनगढ़ंत कथन एवं दूरस्थ मंषा से विधि के बेजा इस्तेमाल के लिए प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
4.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-1 व 3 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-1 व 3 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-1 व 3 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 24.12.13 को विपक्षी सं0-1 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 30.11.12 एवं 28.08.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज 1/1 लगायत् 1/7 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में बी0एम0 अग्रवाल का षपथपत्र दिनांकित 22.07.13 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
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उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 व 6 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत मोबाइल को मरम्मत के लिए विपक्षी सं0-2 के अधिकृत सर्विस सेंटर विपक्षी सं0-3 के यहां दिया गया, किन्तु विपक्षी सं0-3 के द्वारा परिवादी का प्रष्नगत मोबाइल कभी भी पूर्णतयः ठीक करके, उसे वापस नहीं दिया गया। विपक्षी सं0-2 का यह कहना है कि परिवादी द्वारा कोई भी हैण्डसेट विपक्षी सं0-2 से क्रय नहीं किया गया है और न ही तो परिवादी ने हैण्डसेट ठीक कराने के लिए सर्विस सेंटर से संपर्क किया गया। विपक्षी सं0-2 को परिवादी की कोई विधिक नोटिस प्राप्त नहीं हुई। जबकि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से जो कि विपक्षी सं0-3 का अधिकृत डीलर है, से प्रष्नगत हैण्डसेट लिये जाने का उपरोक्त कागज सं0-1/1 प्रस्तुत किया गया है। उल्लेखनीय है कि विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-3 का अधिकृत सर्विस सेंटर है। इस प्रकार विपक्षी सं0-1, 2 व 3 तीनों ही प्रष्नगत हैण्डसेट के लिए उत्तरदायी हैं। विपक्षी सं0-2/उत्तरदाता के द्वारा यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-1 के द्वारा कोई त्रुटियुक्त हैण्डसेट परिवादी को विक्रय किया गया है, तो उसके लिए विपक्षी सं0-2 को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। किन्तु विपक्षी सं0-2 जो कि विपक्षी सं0-3 का अधिकृत सर्विस सेंटर है तथा विपक्षी सं0-1 के द्वारा विक्रय किये गये सभी विपक्षी सं0-3 के मोबाइल की मरम्मत के लिए उत्तरदायी है, के द्वारा स्पश्ट रूप से यह नहीं कहा गया कि प्रष्नगत मोबाइल में कोई निर्माणी त्रुटि थी। विपक्षी सं0-1 व 2 बावजूद विधिक नोटिस उपस्थित नहीं आये। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में विपक्षी सं0-2 के यहां प्रष्नगत मोबाइल ठीक कराने हेतु मोबाइल जमा करने से सम्बन्धित जाबसीट कागज सं0-1/2 लगायत् 1/4 प्रस्तुत की गयी हैं।
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अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर तथा उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों के विष्लेशणोपरांत फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से उसे प्रष्नगत मोबाइल की कीमत रू0 6500.00 तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। क्योंकि विपक्षीगण प्रष्नगत मोबाइल को वारंटी अवधि में ठीक करने में असफल रहे हैं। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को, प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत रू0 6500.00 तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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