Saurabh Dhariwal filed a consumer case on 20 Feb 2015 against Royal Sunderam Allaince Insurance Co.LTD. in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is cc/355/2013 and the judgment uploaded on 17 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-355/2013 (पुराना परिवाद संख्या 1683/2011)
श्री सौरभ धारीवाल पुत्र श्री सुनील धारीवाल, उम्र 30 वर्ष, जाति जैन, निवासी- 31, एम.एल.ए.फ्लैट् स, जवाहर कला केन्द्र के पीछे, गांधीनगर, जयपुर । हाल निवासी- 1/1, निदेशक आवास, हरीशचन्द्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान (ओ.टी.एस.), जवाहरलाल नेहरू मार्ग, जयपुर ।
परिवादी
बनाम
01. राॅयल सुन्दरम एलाईन्स इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, सुन्दरम टावर्स, 45-46, व्हाईट्स रोड, चेन्नई जरिये प्रबन्धक ।
02. राॅयल सुन्दरम एलाईन्स इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, शाखा कार्यालय- 607-611, छठी मंजिल, विजय सिटी पाॅईन्ट, सुभाष मार्ग, सी-स्कीम, जयपुर जरिये शाखा प्रबन्धक ।
विपक्षीगण
उपस्थितः-
परिवादी की ओर से श्री हेमन्त धारीवाल, एडवोकेट
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से श्री जुगलकिशोर अग्रवाल, एडवोकेट
निर्णय
दिनांकः- 20.02.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण बीमा कम्पनी के विरूद्ध दिनांक 29.11.2011 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने अपने स्वयं एवं अपनी पत्नी के लिए एक हैल्थ स्टैण्डर्ड बीमा पाॅलिसी विपक्षीगण बीमा कम्पनी से दिनांक 11.12.2008 से 10.12.2009 की अवधि के लिए तीन लाख रूपये की इन्श्योरड राशि के लिए करवाई थी । जिसका प्रीमियम विपक्षीगण बीमा कम्पनी को अदा किया गया था । फिर इस बीमा पाॅलिसी का नवीनीकरण परिवादी ने दिनांक 11.12.2009 से 10.12.2010 की अवधि के लिए करवाया था । परिवादी ने जब लगातार तीसरे वर्ष बीमा पाॅलिसी का नवीनीकरण करवाया तो परिवादी ने इस हेतु विपक्षीगण बीमा कम्पनी को निर्धारित राशि का प्रीमियम जरिये चैक दिनांक 16.12.2011 को भेजा । जो विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने भुगतान कर प्राप्त कर लिया । इस बीमा पाॅलिसी की अवधि के दौरान परिवादी की पत्नी श्रीमती भारती दिनंाक 21.01.2011 को अचानक बीमार हो गई । जिससे उसे फोर्टिस एस्काॅर्ट हाॅस्पिटल, जयपुर में भर्ती करवाया गया और ईलाज में परिवादी द्वारा 50,000/-रूपये व्यय किये गये । लेकिन विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी का बीमा क्लेम यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया कि ’परिवादी की बीमा पाॅलिसी दिनांक 10.12.2010 को समाप्त हो गई थी । इस पर 15 दिवस का ग्रेस पीरियड भी पूर्ण हो चुका था । इसलिए परिवादी का बीमा क्लेम देय नहीं पाया गया ।’
इस प्रकार विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने बिना किसी उचित आधार के परिवाी का बीमा क्लेम अस्वीकार करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण बीमा कम्पनी से परिवाद के मद संख्या 14 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से अंग्रेजी भाषा में जवाब दिया गया है जिसका सार संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी की बीमा पाॅलिसी दिनंाक 10.12.2010 को स्ंचेम हो गई थी और फिर परिवादी को थ्तमेी बीमा पाॅलिसी दिनांक 27.12.2010 से 26.12.2011 की अवधि के लिए जारी की गई थी । इसलिए जब परिवादी की पत्नी श्रीमती भारती धारीवाल दिनंाक 21.01.2011 से 24.01.2011 की अवधि में हाॅस्पिटल में भर्ती हुई तो परिवादी द्वारा बीमा क्लेम बीमा पाॅलिसी जारी होने के 30 दिवस से कम की अवधि में जारी किये जाने के कारण स्वीकार किया जाना सम्भव नहीं था । इसलिए विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी का बीमा क्लेम अस्वीकार करके कोई सेवादोष कारित नहीं किया हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री सौरभ धारीवाल ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 20 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री जी.विनय प्रकाश का अंग्रेजी भाषा में शपथ पत्र एवं कुल 07 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण मंे परिवादी ने प्रथम बीमा पाॅलिसी दिनांक 11.12.2008 से 10.12.2009, दूसरी बीमा पाॅलिसी दिनांक 11.12.2009 से 10.12.2010 एवं तीसरी बीमा पाॅलिसी दिनांक 27.12.2010 से 26.12.2011 की अवधि के लिए विपक्षीगण बीमा कम्पनी को निश्चित प्रीमियम अदा करके जारी करवाई थी । इस प्रकार परिवादी की द्वितीय वर्ष की बीमा पाॅलिसी, जो दिनांक 11.12.2009 से 10.12.2010 तक प्रभाव में थी, उसके ब्वदजपदनंजपवद में परिवादी ने अपनी तीसरी बीमा पाॅलिसी जारी नहीं करवाई । बल्कि इस अवधि में 17 दिवस का ळंचम आ गया क्योंकि दूसरी बीमा पाॅलिसी दिनांक 10.12.2010 को समाप्त हो गई थी और तीसरी बीमा पाॅलिसी दिनांक 27.12.2010 को आरम्भ हुई थी । इसलिए इस ळंचम के आ जाने के कारण परिवादी की तृतीय बीमा पाॅलिसी द्वितीय बीमा पाॅलिसी के ब्वदजपदनंजपवद में नहीं मानी जा सकती । और इसलिए तृतीय बीमा पाॅलिसी का ॅंपजपदह च्मतपवकए जो 30 दिवस की अवधि का हैं, वह पूर्ण नहीं हुआ और दिनांक 21.01.2011 को ही परिवादी को अपनी पत्नी श्रीमती भारती धारीवाल का ईलाज फोर्टिज हाॅस्पिटल, जयपुर में करवाना पड़ा था । चूंकि परिवादी की पहले से ली गई बीमा पाॅलिसी के बाद में तृतीय बीमा पाॅलिसी लेने में ब्रेक हो गया था इसलिए परिवादी को तृतीय बीमा पाॅलिसी लेने पर दिनंाक 27.12.2010 से 27.01.2011 यानि 30 दिवस की अवधि निकलने के बाद ही बीमा पाॅलिसी देय बनती थी ।
इसलिए चूंकि परिवादी की पत्नी श्रीमती भारती धारीवाल ने दिनंाक 21.01.2011 से दिनंाक 24.01.2011 तक हाॅस्पिटल में भर्ती रहकर ईलाज करवाया हैं, जो 30 दिवस के ॅंपजपदह च्मतपवक की अवधि गुजरने से पहले का ईलाज है, इसलिए विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी का बीमा क्लेम हमारे विनम्र मत में नियमानुसार बीमा पाॅलिसी की शर्तों के अनुरूप अस्वीकार किया हैं । और इस संबंध में परिवादी को दिनंाक 03.11.2010 को पत्र प्रदर्श एनए-1 लिखकर भी सभी परिस्थितियों से निम्नानुसार अवगत करवाया गया थाः-
श्ॅम उनेज पदवितउ लवन जींज लवन ंतम मसपहपइसम वित जीम बनउनसंजपअम इवदने ;ेनइरमबज जव जीम बवदकपजपवद जींज दव बसंपउ ींे इममद ंकउपजजमक वत चंपक नदकमत लवनत बनततमदज बवअमतद्ध ंदक बवदजपदनपजल व िबवअमत वदसल प िजीम चवसपबल पे तमदमूमक ूपजीपद 15 कंले तिवउ जीम कंजम व िमगचपतलण् प्द बंेम जीम चवसपबल पे तमदमूमक ंजिमत 15 कंले तिवउ जीम कंजम व िमगचपतलण् ॅम ूपसस इम ंइसम जव पेेनम वदसल ं दमू बवअमतए पण्मण्ए ेजंतजपदह ूपजी ं 30 कंले ूंपजपदह चमतपवकण्श्
इस प्रकार विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने बीमा पाॅलिसी की शर्तों के अनुरूप परिवादी की पत्नी श्रीमती भारती धारीवाल का बीमा क्लेम अस्वीकार करके कोई सेवादोष कारित नहीं किया हैं । अतः परिवाद, परिवादी स्वीकार किये जाने योग्य नहीं पाया जाता हैंैं और अस्वीकार किया जाता हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी विपक्षीगण बीमा कम्पनी के विरूद्ध निरस्त किया जाता हैं ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 20.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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