Uttar Pradesh

Chanduali

CC/34/2014

VIRENDRA - Complainant(s)

Versus

ROYAL AUTO SALES - Opp.Party(s)

13 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/34/2014
 
1. VIRENDRA
ASANDHAPUR, MJHWAR CHANDAULI
...........Complainant(s)
Versus
1. ROYAL AUTO SALES
KRISNA CINEMA COMPOUND BABURI BAJAR CHANDAULI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 34                                सन् 2014ई0
विरेन्द्र पुत्र श्री विजयी निवासी बनौली कलां (अगन्धपुर)पो0 सिकरी जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
प्रबन्धक/मैनेजर रायल आटो सेल्स टी0वी0एस0 सब डीलर टी0वी0एस0 मोपेड टी0वी0एस0 मोटर साइकिल, कृष्णा सिनेमा कम्पाउण्ड बबुरी बाजार चन्दौली।
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी से क्रय की गयी टी0वी0एस0 मोटर साइकिल की जगह नई टी0वी0एस0 मोटर साइकिल दिलाये जाने अथवा इंजन बदलवाकर नया इंजन लगवाये जाने हेतु एवं मु0 80000/- क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद पत्र में परिवादी की ओर से संक्षेप में कथन किया गया है कि उसने विपक्षी के यहाॅं से एक टी0वी0एस0 एक्स एल0 सुपर एच.डी. मोपेड मोटरसाइकिल दिनांक 28-10-2013 को मु0 33500/- नकद भुगतान कर क्रय किया जिसका इंजन नम्बर ओ.डी.1केडी 1086602 व चेचिस नम्बर एम डी 621बी पी 14डी 3के 98716 है। जिसका रजिस्ट्रेशन नं0 यू0पी0 67एल 1175 परिवहन विभाग में दिनांक 7-12-2013 को कराया। उपरोक्त वाहन क्रय करने की तिथि से 550 किमी. चलने के बाद पहली सर्विस दिनांक 25-11-2013 को निःशुल्क सर्विस कूपन के जरिये विपक्षी के यहाॅं कराया। विपक्षी द्वारा पहली सर्विस के उपरान्त परिवादी से कहा गया कि अब 1200 किमी0 चलने के बाद पुनः दूसरी सर्विस निःशुल्क की जायेगी। किन्तु परिवादी का मोपेड  दिनांक 3-3-2014 तक 1090 किमी0 चलने के बाद इंजन बन्द हो गया। परिवादी  किसी तरह उक्त वाहन विपक्षी के एजेंसी पर लेकर गया और विपक्षी के मिस्त्री को दिखाया तो उनके द्वारा इंजन ठीक करने के लिए पैसे की मांग किया गया। परिवादी ने जब उक्त वाहन के गारण्टी अवधि में होने का कहा तो विपक्षी के कर्मी द्वारा कहा गया कि गाडी गैरेज में खडा करके जाइये। कम्पनी के आदमी आयेगे तो इंजन बदल दिया जायेगा। परिवादी अपने वाहन को विपक्षी के यहाॅं छोड़कर चला आया, और वाहन के इंजन बदलने के बारे में दिनांक 3-3-2014 से बराबर विपक्षी से बात करता रहा किन्तु विपक्षी सिर्फ आश्वासन देते रहे।विपक्षी द्वारा दिनांक 20-6-2014 को परिवादी के वाहन के इंजन को बदलने से मना कर दिया। परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 25-6-2014 को वाहन के इंजन बदलने के सम्बन्ध में नोटिस दिया किन्तु विपक्षी द्वारा कोई जबाब नहीं दिया गया। इस आधार पर परिवादी ने विपक्षी से उपरोक्त वाहन के इंजन बदलने एवं क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु प्रार्थना किया है।

                                                                                  2
2-    विपक्षी द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया है कि परिवादी कुशल दोपहिया वाहन का चालक नहीं है। परिवादी ने विपक्षी द्वारा प्रदत्त ग्राहक सूचना पुस्तक को नहीं पढ़ा है। परिवादी ने अपने दो पहिया वाहन का मात्र पहली निःशुल्क सर्विस निर्धारित अवधि से पहले दिनांक 25-11-2013 को विपक्षी के यहाॅं से कराया है, और द्वितीय सर्विस दिनांक 27-12-2013 को एवं तृतीय निःशुल्क सर्विस दिनांक 27-2-2014 को कराया जाना अति आवश्यक था अन्यथा इंजन में खराबी आना निश्चित था। किन्तु परिवादी ने कम्पनी द्वारा जारी ग्राहक सूचना पुस्तक में वर्णित दिशा-निर्देशों का समय-समय पर अनुपालन नहीं किया। ऐसी स्थिति में परिवादी के वाहन में यदि कोई क्षति होती है तो ग्राहक सूचना पुस्तक के पेज 30 पर वारण्टी एवं सर्विसेज के पैरा 1(10)बिन्दु के अनुसार परिवादी वारण्टी के नियमों से वंचित हो जाता है जिसके लिए कम्पनी अथवा विपक्षी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। किन्तु परिवादी ने हम विपक्षी के यहाॅं अपने दो पहिया वाहन का मात्र पहली निःशुल्क सर्विस कराया है, और द्वितीय एवं तृतीय सर्विस नहीं कराया है।परिवादी को प्रदत्त निःशुल्क सर्विस कूपन की समयावधि वाहन क्रय करने की तिथि दिनांक 28-10-2013 के उपरान्त दिनांक 27-2-2014 को समाप्त हो गयी थी। उसके बाद परिवादी जब विपक्षी के यहाॅं क्रयशुदा दोपहिया वाहन की सर्विस कराने आया तो उस समय कम्पनी के नियमानुसार भुगतान सर्विस कुपन का समय शुरू हो चुका था ऐसी स्थिति में कम्पनी के नियमानुसार मामूली मरम्मत लेबर चार्ज मु0 150/- अदा करके अपने वाहन का मरम्मत करा सकता था किन्तु परिवादी ने ऐसा नहीं किया। अतः विपक्षी ने परिवादी के सेवा में कोई कमी नहीं किया है और इस याचना के साथ परिवादी के परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना किया है।
3-    परिवादी की ओर से फेहरिस्त  के साथ साक्ष्य के रूप में वाहन के इंश्योरेंस की छायाप्रति कागज संख्या 4/1ता 4/2, वाहन के रजिस्ट्रेशन की छायाप्रति 4/3, वाहन के डिलेवरी चालान की प्रति 4/4,रायल आटो का पर्चा 4/5,निःशुल्क सर्विस कूपन की प्रति 4/6,नोटिस की प्रति 4/7,रजिस्ट्री रसीद की प्रति 4/8 दाखिल किया गया है। विपक्षी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में कम्पनी का फोटोग्राफ 10/1ता 10/2,ग्राहक सूचना पुस्तक 10/3 दाखिल किया गया है।
4-    हम लोगों ने परिवादी एवं विपक्षी के विद्वान अधिवक्तागण के बहस को सुना तथा पत्रावली का गम्भीरतापूर्वक अवलोकन किया है। 
5-    इस प्रकरण में उभय पक्षों के बीच यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी ने टी0वी0एस0 मोपेड मोटरसाइकिल के सब डीलर विपक्षी संख्या 1 रायल आटो सेल्स बबुरी बाजार जनपद चन्दौली से मु0 33500/- भुगतान कर टी0वी0एस0 एक्स एल0 सुपर एच0डी0 मोपेड मोटरसाइकिल दिनांक 28-10-2013 को क्रय किया
                                                                                  3
 जिसका इंजन नम्बर ओ.डी.1केडी 1086602 व चेचिस नम्बर एम डी 621बी पी 14डी 3के 98716 है। उक्त वाहन क्रय करने के बाद उसका दिनांक 7-12-2013 को परिवहन विभाग चन्दौली में पंजीयन कराया जिसका पंजीयन संख्या यू0पी0 67एल/1175 है। यह तथ्य भी स्वीकृत है कि वाहन क्रय करने के बाद परिवादी ने 550 किलोमीटर वाहन चलाने के बाद उसका प्रथम निःशुल्क सर्विस दिनांक 25-11-2013 को विपक्षी के यहाॅं कराया था। परिवादी का कथन है कि विपक्षी द्वारा बताया गया कि दूसरी निःशुल्क सर्विस 1200किलोमीटर गाड़ी चलने के बाद की जायेगी लेकिन परिवादी की गाड़ी कुल 1009किलोमीटर तक चली कि तभी दिनांक 3-3-14 को गाड़ी का इंजन बन्द हो गया। परिवादी गाड़ी को विपक्षी के सर्विस सेण्टर में ले गया तो वहाॅं उसे इंजन के मरम्मत के संदर्भ में पैसे की मांग किया गया जब परिवादी ने कहा कि गाड़ी अभी गारण्टी अवधि के अन्दर है और इंजन खराब हो गया है तब विपक्षी द्वारा कहा गया कि गाड़ी खड़ी कर दो कम्पनी के आदमी आयेगे तब इंजन बदल दिया जायेगा इसके बाद परिवादी विपक्षी के यहाॅं इंजन बदलवाने के बाबत जाता रहा और विपक्षी हमेशा आश्वासन देता रहा लेकिन इंजन नहीं बदला तथा अन्तिम रूप से दिनांक 20-6-2014 को इंजन बदलने या मरम्मत करने से इन्कार कर दिया। उपरोक्त आधार पर कथन है कि विपक्षी द्वारा सेवा में कमी किया गया है। अतः विचारणीय प्रश्न है कि क्या विपक्षी ने इंजन न बदल कर अथवा मरम्मत न करके सेवा में कोई कमी किया है ?
6-    उपरोक्त बिन्दु पर हम लोगों द्वारा विचार किया गया। इस संदर्भ में विपक्षी की ओर से कथन किया गया है कि परिवादी ने जब गाड़ी क्रय किया तो उसे ग्राहक सूचना पुस्तक दी गयी थी जिसके पेज 30 पर वारण्टी एवं सर्विसेज का उल्लेख है। ग्राहक सूचना पुस्तक कागज संख्या 10/3 पत्रावली में उपलब्ध है। वारण्टी के संदर्भ में इस पुस्तक में स्पष्ट उल्लेख है कि वाहन क्रय करने की तिथि से 12 माह के दौरान या मौलिक ग्राहक द्वारा वाहन पर तप की गयी प्रथम 1200किलोमीटर चलने के दौरान,जो भी पहले हो,वाहन के सभी भागों, जिनके सम्बन्धी कम्पनी को यह संतुष्टि हो कि उनके निर्माण में ही कोई नुक्स रह गया है तो उन्हें निःशुल्क मरम्मत किया जायेगा अथवा बदला जायेगा।इसी पेज पर उपरोक्त वारण्टी की सीमाएं दी गयी है। इसके बिन्दू-1 के पैरा 10 में उल्लेख है कि ऐसे वाहन जिनकी वारण्टी सर्विस करवाई जानी चाहिए थी परन्तु वह करवाई नहीं गयी तो ऐसी स्थिति में यह वारण्टी लागू नहीं होगी। इस आधार पर विपक्षी का कथन है कि परिवादी ने अपने दो पहिया वाहन का मात्र पहला निःशुल्क सर्विस निर्धारित अवधि से पहले दिनांक 25-11-2013 को विपक्षी के यहाॅं से कराया लेकिन द्वितीय सर्विस जो दिनांक 27-12-13 तक एवं तृतीय निःशुल्क सर्विस दिनांक 27-2-2014 तक कराया जाना आवश्यक था उसे नहीं कराया। यह आवश्यक सर्विस न कराने के कारण ही परिवादी के मोपेड का इंजन खराब हो गया। उपरोक्त वारण्टी अवधि  में सर्विस न कराने के कारण निःशुल्क सर्विस समाप्त हो गयी। अतः इंजन में जो खराबी उत्पन्न हुई है उसका निःशुल्क मरम्मत 
                                                                                                4
कराने अथवा इंजन को बदलने का कोई दायित्व विपक्षी के ऊपर नहीं है। उपरोक्त आधार पर परिवाद खारिज किये जाने का तर्क दिया गया है।
7-    हम लोगों ने विपक्षी की ओर से प्रस्तुत उपरोक्त तर्को पर विचार किया। ग्राहक सूचना पुस्तक के पैरा-30 पर वारण्टी एण्ड सर्विसेज के बारे में जो कम्पनी ने प्राविधान दिया है इसमे इस तथ्य का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि किस अवधि में तथा कितने किलोमीटर चलने पर वाहन का सर्विस कराया जाना आवश्यक है। पुस्तक में कुल 6 सर्विस कूपन के अलावा 7 वां बोनस सर्विस कूपन संलग्न है जिसमे से प्रथम द्वितीय और तृतीय निःशुल्क सर्विस कूपन है प्रथम सर्विस कूपन पर उल्लेख है कि यह कूपन 1000किलोमीटर या क्रय करने की तिथि से एक माह तक,जो कि पहले हो वैध है, दूसरे कूपन पर उल्लेख यह है कि 2000किलोमीटर या क्रय करने की तिथि से 2 माह तक जो भी पहले हो वैध है। तीसरे निःशुल्क सर्विस कूपन पर 4000किलोमीटर या क्रय करने की तिथि से 4 माह तक जो भी पहले हो वैध है। इस प्रकार स्पष्ट है कि उपरोक्त कूपनों में सिर्फ यही उल्लेख है कि किस अवधि में अथवा कितना किलोमीटर चलने पर निःशुल्क सर्विस के लिए यह कूपन वैध रहेगे। तात्पर्य यह है कि वाहन क्रय करने के एक माह के बाद अथवा 1000किलोमीटर से अधिक चलने पर पहले निःशुल्क सर्विस कूपन की वैधता समाप्त हो जायेगी। इसी तरह वाहन क्रय करने के दो माह की अवधि के बाद अथवा 2000किलोमीटर वाहन चलने के पर दूसरे निःशुल्क सर्विस की वैधता समाप्त हो जायेगी एवं वाहन क्रय करने के 4 माह के बाद अथवा4000किलोमीटर के बाद तीसरे निःशुल्क सर्विस कूपन की वैधता समाप्त हो जायेगी। इस प्रकरण में यह तथ्य स्पष्ट है कि दिनांक 28-10-13 को वाहन क्रय करने के बाद परिवादी ने 550 किलोमीटर तक वाहन चलाने के बाद इसकी पहली निःशुल्क सर्विस कूपन के आधार पर दिनांक 25-11-2013 को कराया इसके बाद वाहन क्रय करने के दो माह के अन्दर दूसरा निःशुल्क सर्विस अथवा 4 माह के बाद तीसरा निःशुल्क सर्विस का लाभ नहीं लिया। परिवादी के कथनानुसार प्रथम सर्विस के उपरान्त दिनांक 3-3-14 तक उसका वाहन 540 किलोमीटर चला था तभी मात्र 1090 किलोमीटर चलने के बाद उसका इंजन खराब हो गया।अतः यह स्पष्ट है कि प्रथम सर्विस कराने के बाद उसका वाहन 2000किलोमीटर चलने के पहले ही मात्र 1090 किलोमीटर पर खराब हो गया। प्रथम सर्विस के बाद परिवादी का वाहन सिर्फ 540 किलोमीटर चला था। 2000किलोमीटर तक चलने पर दूसरे सर्विस की आवश्यकता थी। दो माह के अन्दर दूसरी निःशुल्क सर्विस न कराने से उपरोक्त स्थिति में भी कोई निष्कर्ष नहीं दिया जा सकता है कि वाहन की गारण्टी समाप्त हो जायेगी। अतः विपक्षी का दायित्व था कि वह वाहन पर दिये गये वारण्टी के अनुसार परिवादी के वाहन का जो इंजन सीज हो गया था उसका निःशुल्क मरम्मत करवाता अथवा उसका इंजन बदल देना चाहिए था। हम लोगों के विचार से ऐसा न करके विपक्षी द्वारा सेवा में कमी किया है। उपरोक्त स्थिति में हम लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि विपक्षी को यह निर्देश दिया जाना आवश्यक है कि वह परिवादी के वाहन के 
                                                                                      5
इंजन की यदि मरम्मत हो सकती है तो उसका निःशुल्क मरम्मत करें, अथवा यदि इंजन मरम्मत योग्य न हो तो नया इंजन लगाये। परिवादी को अनावश्यक परिवाद दाखिल करना पड़ा है तथा उसे शारीरिक मानसिक कष्ट पहुंचा है इस संदर्भ में परिवादी को मु0 3000/- क्षतिपूर्ति एवं मु0 2000/- वाद व्यय दिलाया जाना न्यायोचित है। तद्नुसार परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।     
                                                                                         आदेश
    प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि परिवादी द्वारा क्रय किये गये टी0वी0एस0 वाहन को विपक्षी के यहाॅं प्रस्तुत करने पर एक माह के अन्दर परिवादी के वाहन के इंजन की निःशुल्क मरम्मत करें,अथवा बदलकर नया इंजन लगावे तथा इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी को मु0 3000/-(तीन हजार रू.)क्षतिपूर्ति और मु0 2000/-(दो हजार रू0)वाद व्यय का भुगतान करें।

(मारकण्डेय सिंह)               (मुन्नी देबी मौर्या)                   (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                        सदस्या                           अध्यक्ष
                                                           दिनांक 13-2-2015

 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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