जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
अमित प्रकाष जोषी पुत्र श्री ओम प्रकाष जोषी, निवासी- 467/43,पथिक नगर, पूजा मार्ग, धोलाभाटा, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. डीलर, रूप वाॅच एण्ड मोबाईल मोईनिया इस्लामिया स्कूल के सामने, स्टेषन रोड, अजमेर ।
2. भारतीय आयतक/आपूर्तिकर्ता, लावा इण्टरनेषनल लि., ए-56 सैक्टर 64, नोएड- 201301(उत्तरप्रदेष)
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 335/2014
समक्ष
1. बृज लाल मीना अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री अनिल बांगा, प्रतिनिधि, प्रार्थी
2.श्री विजय स्वामी, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.2
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 09.09.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित मोबाईल हैण्ड सेट दिनंाक 26.01.2014 को अप्रार्थी संख्या 1 से राषि रू. 8000/- में क्रय किया । प्रष्नगत सेट में मार्च माह के द्वितीय सप्ताह में खराबी आ गई जिसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 से किए जाने पर उसने सर्विस सेन्टर पर ले जाने के लिए कहा । तत्पष्चात् प्रार्थी द्वारा दिनांक 25.03.2014 को उक्त सेट सर्विस सेन्टर अपना सेट दे दिया जिसे दुरूस्त कर दिया गया पुनः दिनांक 18.4.2014 को प्रष्नगत सेट में खराबी आ गई जिसकी भी षिकायत की गई इस प्रकार बार बार हैण्ड सेट में खराबी उत्पन्न होने पर उसे अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की अन्त में दिनंाक 30.8.2014 को खराब होने पर सर्विस सेन्टर पर दिया गया जिसे अप्रार्थी कम्पनी के सर्विस सेन्टर ने दुरूस्त कर नहीं लौटाया है । प्रार्थी ने अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बतलाते हुए यह परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 बावजूद नोटिस तामिल के उपस्थित नहीं हुआ और ना ही परिवाद का जवाब पेष किया इसलिए अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 ने परिवाद का जवाब पेष कर कथन किया है कि प्रार्थी द्वारा दिनांक 2.8.2014 को प्रष्नगत मोबाईल के संदर्भ में षिकायत दर्ज करवाई थी जिस पर उनके अधिकृत सर्विस सेन्टर द्वारा दुरूस्त कर दिया गया । प्रार्थी ने यह परिवाद हैरान परेषान करने की नियत से पेष किया है । जो खारिज होने योग्य है ।
3. हमने पक्षकारान की बहस सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया
4. पत्रावली से निर्विवाद है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा निर्मित विवादित मोबाईल डीलर अप्रार्थी संख्या 1 से रू. 8000/- मे दिनांक 26.1.2014 को ं क्रय किया । यहां इस बात का उल्लेख करना उचित होगा कि विवादित मोबाईल क्रय करने के करीब 2 माह बाद खराब हुआ । खराबी में टच स्क्रीन इफेक्टिव हुई तथा मोबाईल काम नहीं कर रहा था । इसी प्रकार दिनंाक 2.8.2014 को भी पूर्व में मरम्मत के बाद विवादित मोबाईल खराब हुआ जिसमें हैंिगग प्रोब्लम हुई । तत्पष्चात दिनंाक 30.8.2014 को भी डिस्प्ले की खराबी हुई । इस प्रकार से लगातार प्रार्थी को मोबाईल खराब होता रहा और उसे अप्रार्थीगण द्वारा सहीं सर्विस नहीं दी । प्रार्थी ने अप्रार्थीगण के यहां लगातार खराबी की षिकायत की जिसकी पुष्टि परिवाद के संलग्न एनेक्सचर 1,2, व 3 से भली भंाति होती है । मोबाईल सेट में खराबी क्रय करने के तुरन्त बाद से ही षुरू हुई जो कि वारण्टी अवधि में है । यहां यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि विवादित मोबाईल अप्रार्थी के यहां मरम्मत हेतु आज भी लम्बित है । यद्यपि विद्वान अधिवक्ता अप्रार्थी का यह तर्क है कि प्रार्थी लम्बे समय से अपना मोबाईल लेने नहीं आया है और वो देने के लिए तत्पर है ।
5. उपरोक्त तथ्यों से इस बात की पुष्टि होती है कि विवादित मोबाईल विनिर्मित रूप से ग्रसित रहा । अप्रार्थीगण की सेवा में कमी रही ।
6. प्रार्थी ने विवादित मोबाईल अपने दैनिक काम एवं नौकरी की तलाष के लिए खरीदा गया है और लम्बे समय से प्रार्थी विवादित मोबाईल दोषपूर्ण हो जाने के कारण सेवा से वंचित रहा है । निसन्देह उसे मानसिक पीडा हुई और उसे इस संबंध में परिवाद प्रस्तुत करना पडा । प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य है । प्रार्थी का परिवाद निम्नानुसार स्वीकार किया जाता है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
(1) अप्रार्थीगण प्रार्थी द्वारा बिल संख्या 94170 दिनांक 26.01.2014के क्रय किए गए हैण्ड सेट ग्व्स्व् माॅडल नम्बर ।-600 को प्रार्थी को इस आदेष से एक माह की अवधि में सौंपे । विकल्प में हैण्ड सेट की कीमत रू. 8000/- उक्त अवधि में अदा करें ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2500/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) अप्रार्थीगण यदि क्र. संख्या 1 मे वर्णित प्रष्नगत हैण्ड सेट की राषि प्रार्थी को लौटाना चाहे तो अप्रार्थीगण यह राषि आदेष से एक माह में प्रार्थी को अदा करें साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी अप्रार्थीगण उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (बृज लाल मीना )
सदस्या अध्यक्ष
6. आदेष दिनांक 09.09.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष