(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2531/2001
मै0 अजीत कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री (प्रा0) लि0, पलवल रोड, खैर, जिला अलीगढ़, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कैलाश चंद्र वर्मा।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
रूप सिंह पुत्र भवर सिंह, निवासी शंकर गढ़ी, परगना व तहसील माट, जिला मथुरा।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर.के. गुप्ता, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री अजय कुमार सिंह, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक: 24.01.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-1802/1994, रूप सिंह बनाम मै0 अजीत कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24.09.2001 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी द्वारा अपीलार्थी के कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ आलू वापस न करने के कारण आलू की कीमत अंकन 1,10,000/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है साथ ही 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया गया है यदि 30 दिन के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है।
2. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने तथ्य एवं साक्ष्य के विपरीत निर्णय एवं आदेश पारित किया है। परिवादी को आलू वापस लौटा दिए गए थे। आलू
-2-
वापस लौटाने की रसीद 2/126, 3/66, 530/75, 593/75, 596/72 तथा 1139/133 का भी उल्लेख किया गया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर.के. गुप्ता तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अजय कुमार सिंह को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. बहस के दौरान अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने इस पीठ का ध्यान पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेज संख्या-43 लगायत 48 की ओर आकृष्ट किया है और यह कथन किया कि इन्हीं रसीदों के अनुसार आलू परिवादी को वापस लौटाए गए हैं, जबकि यह दस्तावेज अपठनीय हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर यह निष्कर्ष दिया जाना संभव नहीं है कि अपीलार्थी द्वारा परिवादी को आलू वापस लौटा दिया गया। चूंकि अपीलार्थी द्वारा आलू कोल्ड स्टोरेज में रखे जाने से इंकार नहीं किया गया है, इसलिए आलू वापस लौटाने के तथ्य को साबित करने का भार अपीलार्थी पर है और अपीलार्थी द्वारा आलू वापस लौटाने से संबंधित कोई गेट पास इस पीठ के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है। प्रस्तुत अपील तदनुसार निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
पक्षकार अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3