Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/399/2012

MO.FAISAL - Complainant(s)

Versus

ROMI MOTORS - Opp.Party(s)

20 Apr 2016

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/399/2012
( Date of Filing : 09 Jul 2012 )
 
1. MO.FAISAL
KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. ROMI MOTORS
KANPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Apr 2016
Final Order / Judgement

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

                                                                             उपभोक्ता वाद संख्या-399/2012
मो0 फैसल जुनैद पुत्र श्री काजी मो0 जुनैद निवासी मकान नं0-88/103, प्रेम नगर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    रोमी मोटर्स प्रा0लि0 द्वारा प्रबन्ध निदेषक श्री रवीन्द्र सिंह, 14/63, एस0जी0एम0 वल्र्ड, सिविल लाइन्स कानपुर ;कंपनी कार डीलरद्ध  
2.    जनरल मोटर्स इण्डिया प्रा0लि0, प्लाट नं0-15 सेक्टर-32, इण्डस्ट्रियल एरिया गुड़गांव-122001 व जनरल मोटर्स इण्डिया प्रा0लि0 चन्द्रपुरा इण्डस्ट्रियल स्टेट, हलौल-38931 जिला पंचमहल गुजरात जरिये अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेषक।
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 09.07.2012
निर्णय की तिथिः 19.04.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी षेवरलेट बीट (एल0एस0) कार बदलकर उसी कीमत की अन्य कोई नई कार दे, साथ ही परिवादी को पिछले 18 महीनों में विपक्षीगण द्वारा जो मानसिक एवं भागदौड़ में षारीरिक उत्पीड़न किया गया और विपक्षीगण के अति लापरवाहीपूर्ण रवैये की वजह से परिवादी एवं उसके परिवार की जान जोखिम में डालने एवं आर्थिक नुकसान पहुॅचाने, मजाक उड़ाने, परिवादी से अभद्र भाशा का प्रयोग एवं परिवादी की बेइज्जती करने के संदर्भ में परिवादी को मानहानि के रूप में रू0 10,00,000.00 तथा रू0 10000.00 परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता फीस विपक्षीगण से दिलायी जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के लोक-लुभावन प्रस्ताव से दिनांक 12.07.10 को षैवरलेट बीट एल0एस0 कार क्रय करके परिवादी जैसे ही कार लेकर अपने घर की तरफ चला तो परिवादी को कुछ खटपट की आवाज गाड़ी में सस्पेंषन और साकर से सुनाई पड़ी व गाड़ी बन्द होने लगी। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से षिकायत करने पर विपक्षी सं0-1 से कहा कि गाड़ी नई है, उसमें एक साफ्टवेयर पड़ना है, कल लेकर आ जायें, आपकी समस्या ठीक हो जायेगी। परिवादी दूसरे ही दिन विपक्षी सं0-1 से जाकर मिला और गाड़ी पुराने होने का षक जाहिर किया कि कहीं परिवादी को डेमो कार जो ग्राहकों को टेस्ट ड्राइव के लिए आती है व डिफेक्टेड कार धोखे
3.    विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके यह परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में मुख्यतः यह कहा गया है कि परिवादी को ।बुनपतमक कमउलमसपदंजपदहए च्वसलदमनतवचंजील  ;।क्च्द्ध की बीमारी 
........3
...3...

थी, जो कि प्रमुखतः दो समूह में होती है। तात्कालिक उपरोक्त ;।क्च्द्ध की बीमारी ळण्ठण्ैण् से और पुरानी बीमारी जैसाकि ब्ीतवदपब प्दसिंउउंजवतल क्मउलमसपदंजपदह च्वसलदमनतवचंजील ;ब्प्क्च्द्ध समूह से होती है। दोनों प्रकार की बीमारी का इलाज भ्ण्प्ण्टण् च्वेपजपअम के इलाज की तरह किया जाता है। उपरोक्त बीमारियां पाॅलिसी की उपधारा-4.9 के अंतर्गत कवर नहीं होती हैं।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 08.01.13 एवं 18.10.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 दिनांकित 10.01.13 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगातय् 1/43 तथा कागज सं0-2/1 लगायत् 2/88 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में बी0के0 त्रिपाठी डिवीजनल मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 10.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में मेडिक्लेम पाॅलिसी से सम्बन्धित नियम व षर्तों की प्रति तथा परिवादी को प्रेशित पत्र दिनांकित 28.09.12 की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं विपक्षी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी बीमा कंपनी का प्रमुख कथन यह है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत अभिकथित क्लेम से सम्बन्धित बीमारी पाॅलिसी की उपधारा-4.9 से कवर नहीं होती हैं। अब यह सिद्ध करने का भार विपक्षी पर है कि याचित क्लेम से सम्बन्धित पाॅलिसी की उपधारा-4.9 से कवर नहीं होती है। इस सम्बन्ध में विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है तथा मेडिक्लेम इंष्योरेन्स क्लेम की विषेशताओं से सम्बन्धित 
..........4
...4...
प्रपत्र संख्या संलग्नक-1 प्रस्तुत किया गया है। जिसके पृश्ठ सं0-8 पर उपधारा-4.9 निम्नवत् दी गयी हैः-
    श्।सस मगचमदेमे ंतपेपदह वनज व िंदल बवदकपजपवद कपतमबजसल वत पदकपतमबजसल बंनेमक इलए वत ंेेवबपंजमक ूपजी भ्नउंद ज्.बमसस स्लउचीवजतवचपब टपतने ज्लचम प्प्प् ;भ्ज्स्क्.प्प्प्द्ध वत स्लउवींकपदवचंजील ।ेेवबपंजमक टपतने ;स्।टद्ध वत जीम डनजंदजे क्मतपअंजपअम वत टंतपंजपवदे क्मपिबपमदबल ैलदकतवउम व िंदल ैलदकतवउम व िबवदकपजपवद व िेपउपसंत ापदक बवउउवदसल तममिततमक जव ंे ।प्क्ैए भ्प्ट ंदक पजे बवउचसपबंजपवदे पदबसनकपदह ेमगनंससल जतंदेउपजजमक कपेमंेमेण्श्
     जिसके अवलोकन से विदित होता है कि उक्त क्लाॅज के अंतर्गत ।प्क्ैए भ्प्ट से और इससे सम्बन्धित अन्य योनि सम्बन्धित बीमारियों के लिए अभिकथित मेडिक्लेम इंष्योरेन्स लागू नहीं होता है। चूॅकि विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से ऐसा कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया है कि परिवादी के पुत्र को उपरोक्त में से ऐसी कोई भी बीमारी थी। जबकि परिवादी की ओर से संलग्नक कागज सं0-2/28 डा0 एल.सी. ठाकुर द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। जिसकी अंतिम पंक्ति में यह स्पश्ट किया गया है कि परिवादी के पुत्र की बीमारी, यथा पाॅलिसी की उपधारा-4.9 में अंकित बीमारियाॅं हैं, से कोई सम्बन्ध नहीं है। परिवादी की ओर से ही डा0 विवेक कुमार, न्यूरोलाॅजिस्ट के द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अवलोकन से स्पश्ट होता है कि परिवादी के पुत्र की बीमारी का कोई सम्बन्ध, विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से उल्लिखित बीमारी से नहीं है। 
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्यों व उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यों के उपोक्तानुसार विष्लेशणोंपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से, परिवादी के पुत्र के इलाज में व्यय रू0 2,79,833.00 के लिए विपक्षी के यहां दावा प्रस्तुत करने की तिथि से तायूम वसूली 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिलाये जाने हेतु तथा परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है-उक्त याचित उपषम के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान  साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के 
.........5
...6...

कारण, परिवादी का प्रस्तुत परिवाद उक्त याचित उपषम के लिए स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी बीमा कंपनी, परिवादी को रू0 2,79,833.00 मय विपक्षी के यहां दावा प्रस्तुत करने की तिथि से तायूम वसूली, 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से ब्याज सहित अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 

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