Uttar Pradesh

StateCommission

A/172/2019

Divisional Railway Manager Northern Railway - Complainant(s)

Versus

Roma Prakash - Opp.Party(s)

Vaibhav Raj

18 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/172/2019
( Date of Filing : 06 Feb 2019 )
(Arisen out of Order Dated 21/12/2018 in Case No. C/17/2016 of District Lucknow-II)
 
1. Divisional Railway Manager Northern Railway
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Roma Prakash
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 18 May 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-172/2019

मंडल रेल प्रबंधक, उत्‍तर रेलवे

बनाम

रोमा प्रकाश

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री वैभव राज,                                   

                                  विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित : सुश्री रोमा प्रकाश,                

                                    स्‍वयं।

दिनांक: 18.05.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-17/2016 रोमा प्रकाश बनाम मण्‍डल रेल प्रबंधक, उत्‍तर रेलवे में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.12.2018 के विरूद्ध योजित की गयी है।

     जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उक्‍त निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.12.2018 के द्वारा परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

     ''परिवादिनी का परिवाद आंशिक रुप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से चार सप्‍ताह के अंदर परिवादिनी को चोरी हुए सामान की कीमत रू050,000/- मय 9 (नौ) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ घटना की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक अदा करें। इसके अतिरिक्‍त विपक्षी परिवादिनी को मानसिक व शारीरिक कष्‍ट हेतु रू015000/- तथा रू05000/- वाद व्‍यय अदा करें। ऐसा न करने की दशा में विपक्षी को उक्‍त धनराशियों पर उक्‍त ति‍थि से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ देय होगा।''

 

 

-2-

          अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वैभव राज उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी सुश्री रोमा प्रकाश स्‍वयं उपस्थित हैं। उभय पक्ष को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

     यद्यपि परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र में विस्‍तार से घटना को उल्लिखित किया गया एवं यह कथन किया गया कि वास्‍तव में परिवादिनी को कुल चोरी हुए सामान की कीमत लगभग 50,000/-रू0 का नुकसान हुआ है। शारीरिक एवं मानसिक क्षति के अन्‍तर्गत 2,00,000/-रू0 की मांग की गयी। उपरोक्‍त 2,00,000/-रू0 की मांग का कारण परिवादिनी, जो इस न्‍यायालय के सम्‍मुख उपस्थित हैं, द्वारा इस न्‍यायालय को अवगत कराया गया कि अपीलार्थी रेलवे विभाग द्वारा उन्‍हें कम से कम 15 से 20 बार अपने सामान को पहचानने हेतु चारबाग रेलवे स्‍टेशन, लखनऊ में बुलाया जाता था, जहॉं पर उन्‍हें किसी प्रकार का कोई अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता था, सारे दिन उन्‍हें परेशान किया जाता था व इधर से उधर दौड़ाया जाता था, जबकि उनका निवास चिनहट लखनऊ में स्थित है, जो कि चारबाग रेलवे स्‍टेशन लखनऊ से लगभग 15 किलो मीटर है, जहॉं से आने-जाने में शारीरिक, मानसिक कष्‍ट के अलावा आर्थिक रूप से भी कष्‍ट होता था।

     समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश उचित है, परन्‍तु चूँकि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी द्वारा चोरी हुए सामान की कीमत 50,000/-रू0 (पचास हजार रूपये) के संबंध में कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया है तथा न ही पत्रावली पर उपलब्‍ध है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो चोरी हुए सामान की कीमत              50,000/-रू0 (पचास हजार रूपये) दिलाया है, उसे न्‍यायहित में कम कर 40,000/-रू0 (चालीस हजार रूपये) किया जाना उचित है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो मानसिक व शारीरिक कष्‍ट हेतु 15,000/-रू0 (पन्‍द्रह हजार रूपये) दिलाया गया है, वह उचित है, परन्‍तु वाद व्‍यय की मद में 5,000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) की धनराशि अधिक प्रतीत होती है, जिसे कम करते हुए 2,000/-रू0 (दो हजार रूपये) निर्धारित किया जाना उचित है।

 

 

 

-3-

     तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-17/2016 रोमा प्रकाश बनाम मण्‍डल रेल प्रबंधक, उत्‍तर रेलवे में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.12.2018 को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को चोरी हुए सामान की कीमत 40,000/-रू0 (चालीस हजार रूपये) एवं वाद व्‍यय 2,000/-रू0 (दो हजार रूपये) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।

     अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश के अनुपालन में सम्‍पूर्ण देय धनराशि शीघ्रतम 06 सप्‍ताह की अवधि में प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी सुश्री रोमा प्रकाश को, जिनका मोबाइल नं0 7054196993 एवं मोबाइल नं0 9451686593 है, उनके निवास स्‍थल (रोमा प्रकाश पुत्री स्‍व0 छोटे लाल निवासिनी-ग्राम-नन्‍दपुर, थाना-चिनहट, लखनऊ) पर प्राप्‍त करायी जावे तथा यह कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण देय धनराशि प्राप्‍त कराये जाने से पूर्व प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी के उपरोक्‍त मोबाइल नं0 7054196993 एवं मोबाइल नं0 9451686593 पर सम्‍पर्क स्‍थापित किया जा सकता है।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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