जिल्हा ग्राहक तक्रार निवारण मंच, औरंगाबाद
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ग्राहक तक्रार क्रमांक :- 20/2012 तक्रार दाखल तारीख :- 20/01/2012
निकाल तारीख :- 06/02/2012
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श्री डी.एस.देशमुख,अध्यक्ष
श्रीमती एम.एस.विश्वरुपे, सदस्या, श्रीमती रेखा कापडिया,सदस्य
-------------------------------------------------------------------------------------------------------- अशफाक बेग पि.अहमद बेग,
रा.मिल कॉर्नर, कोतवालपुरा,औरंगाबाद तक्रारदार
विरुध्द
1. रोहीत केआर.चंदन,
आयडीयल मुव्हर्स प्रा.लि., एस्सार कंपनीसमोर,
गेट नंबर 740, पुणे नगर रोड, ता.शिरुर सन्सावली पुणे
2. मॅनेजींग डायरेक्टर,
आयडीयल मुव्हर्स प्रा.लि., एस्सार कंपनीसमोर,
गेट नंबर 740, पुणे नगर रोड, ता.शिरुर सन्सावली पुणे 3. श्री सुरेश,
आयडीयल मुव्हर्स प्रा.लि., एस्सार कंपनीसमोर,
गेट नंबर 740, पुणे नगर रोड, ता.शिरुर सन्सावली पुणे गैरअर्जदार
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तक्रारदारातर्फे अड.वाय.एम.खान.
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निकाल
(घोषित द्वारा – श्री.डी.एस.देशमुख, अध्यक्ष)
गैरअर्जदारांच्या सेवेत त्रुटी असल्याच्या आरोपावरुन ही तक्रार दाखल करण्यात आली आहे.
तक्रारदाराचे म्हणणे असे आहे की, त्याने गैरअर्जदारांकडून रु 6,10,000/- किंमतीचा ट्रक डिसेंबर 2010 मध्ये खरेदी केला होता व त्यासाठी त्याने गैरअर्जदारांना संपूर्ण रक्कम अदा केली होती. परंतु रक्कम मिळूनही गैरअर्जदारांनी त्यास ट्रकचे मूळ कागदपत्र आणि ना-हरकत प्रमाणपत्र दिले नाही. त्यामुळे त्याला ट्रकचा वापर करता आला नाही. म्हणून त्याने अशी मागणी केली आहे की, त्यास गैरअर्जदारांकडून ट्रकचे मूळ कागदपत्र व ना-हरकत प्रमाणपत्र मिळावेत आणि रु 11,79,000/- नुकसान भरपाई मिळावी.
प्रस्तूत तक्रार पाहता तक्रारदार ग्राहक संरक्षण कायदा 1986 मधील कलम 2(1)(ड) नुसार ग्राहकाच्या व्याख्येत बसतो काय असा प्राथमिक मुद्दा उपस्थित झालेला आहे.
उपरोक्त मुद्दयाच्या अनुषंगाने विचार केला तर असे दिसून येते की तक्रारदार हा मोठा व्यापारी असून तक्रारदाराकडे दोन तीन ट्रक व बुलडोजर आहेत. सदर बाब तक्रारदाराच्या वकीलांनी युक्तीवादा दरम्यान मान्य केली आहे. यावरुन तक्रारदाराने व्यापारी कारणासाठीच गैरअर्जदारांकडून ट्रक खरेदी केल्याचे दिसते. व्यापारी करणासाठी वस्तु खरेदी करणारी किंवा सेवा घेणारी व्यक्ती कलम 2(1)(ड) ग्राहक संरक्षण कायदा 1986 नुसार ग्राहक होत नाही. म्हणून तक्रारदाराची प्रस्तूत तक्रार या मंचात चालू शकत नाही. त्यामुळे ही तक्रार सुनावणीसाठी दाखल करुन न घेता प्राथमिक अवस्थेतच फेटाळण्यात येते.
तक्रारदारास आदेशाची प्रत देण्यात यावी.
(श्रीमती रेखा कापडिया) (श्रीमती एम.एस.विश्वरुपे) (श्री डी.एस. देशमुख)
सदस्या सदस्या अध्यक्ष
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