(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1145/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रयागराज द्वारा परिवाद संख्या-515/2016 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.08.2019 के विरूद्ध)
बशीर अहमद पुत्र मुनीर अहमद, निवासी 122, सी मेहदौरी गांव, थाना शिवकुटी, परगना व तहसील सदर, जिला इलाहाबाद।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. रोहन मोटर्स, मेवा लाल की बगिया (पंजाब नेशनल बैंक के सामने मिर्जापुर रोड, नैनी, इलाहाबाद)।
2. यश बैटरी सेल्स एण्ड सर्विस (काटन मिल चौराहा) मिर्जापुर रोड, नैनी इलाहाबाद।
3. एस0एफ0 सोनिक 56 ई, चाउरिधी रोड, कोलकाता।
4. शाखा प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक, शाखा मेवा लाल की बगिया नैनी, जिला इलाहाबाद।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री शमशाद अहमद, विद्वान
अधिवक्ता के कनिष्ठ सहायक
अधिवक्ता श्री मो0 आमिर।
प्रत्यर्थीगण की ओर सेउपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 05.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-515/2016, बशीर अहमद बनाम रोहन मोटर्स तथा अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रयागराज द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.08.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी के ई-रिक्शा में लगा फटा पर्दा, टायर तथा बैट्री खराब होने पर फटा पर्दा बदलने, टायर बदलने तथा
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नयी बैट्री बदलने एवं अन्य बैट्रियों की नि:शुल्क मरम्मत करने तथा अंकन 2,000/- रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति एवं अंकन 1,000/- रूपये परिवाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश पारित किया गया।
2. इस निर्णय एवं आदेश को स्वंय परिवादी/अपीलार्थी द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने मानसिक प्रताड़ना की मद में केवल 2,000/- रूपये तथा परिवाद व्यय की मद में केवल 1,000/- रूपये अदा करने का आदेश देकर अवैधानिक त्रुटि की है, इसलिए यह आदेश संशोधित होने योग्य है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. परिवादी द्वारा वांछित सभी अनुतोष विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा स्वीकार किए गए हैं। मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 2,000/- रूपये एवं परिवाद व्यय की मद में अंकन 1,000/- रूपये अदा करने का आदेश दिया गया है, जिसमें कोई अवैधानिकता नहीं है। प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1