Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/1411

M/S Rockwood Business School - Complainant(s)

Versus

Ritesh Sharma - Opp.Party(s)

Ashok Bhatnagar

21 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/1411
( Date of Filing : 01 Jul 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. M/S Rockwood Business School
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ritesh Sharma
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Mar 2024
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ

अपील संख्‍या- 1411/2007

रॉकवुड बिजनेस स्‍कूल

बनाम

रितेश शर्मा व एक अन्‍य

 

          समक्ष:-

  1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍या

        

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक भटनागर

प्रत्‍यर्थी की ओर से :  कोई उपस्थित नहीं।

       

         दिनांक-   21.03.2024

      माननीय सदस्‍या श्रीमती सुधा उपाध्‍याय द्वारा उदघोषित

  •   

     प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी रॉकवुड बिजनेस स्‍कूल की ओर से विद्वान जिला आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या– 312/2005 रितेश शर्मा बनाम डायरेक्‍टर, रॉकवुड बिजनेस स्‍कूल व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 31-05-2007 के विरूद्ध योजित की गयी है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक भटनागर उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

     पीठ द्वारा केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया।

2

 

       परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने जुलाई 2003 में एम०बी०ए०  मार्केटिंग में अध्‍ययन करने हेतु विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा पंजीकृत संस्‍थान अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 में प्रवेश प्राप्‍त किया। उसने प्रवेश के लिए कुल 1,00,000/-रू० शुल्‍क के रूप में जमा किया। विपक्षी संख्‍या-2 ने पश्‍चातवर्ती अवधि में विपक्षी संख्‍या-1 का पंजीकरण निरस्‍त कर दिया जिसकी सूचना प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नहीं दी गयी। विपक्षीगण द्वारा शिक्षण कार्य समाप्‍त कर दिये जाने के कारण प्रत्‍यर्थी/परिवादी का लगभग दो वर्ष व्‍यर्थ हो गया जिससे उसका भविष्‍य प्रभावित हुआ। इसलिए परिवाद योजित किया गया।

       विपक्षी संख्‍या-2 का कथन है कि वह क्षतीसगढ़  निजी क्षेत्र विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2002 के अन्‍तर्गत राज्‍य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति दिनांक 07-09-2002 के तहत  स्‍थापित हुआ जिसका उद्देश्‍य शिक्षा का प्रसार-प्रचार कर विद्यार्थियों को डिग्री/डिप्‍लोमा प्रदान करना है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है। विपक्षीगण द्वारा अभियथिर्यों को सूचित कर दिया गया था कि उनका असित्‍व समाप्‍त कर दिया गया इस कारण विपक्षीगण परीक्षा लेने एवं डिग्री आदि प्रदान करने से वंचित कर दिये गये।

        जिला आयोग ने उभय-पक्ष के अभिकथन एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों के आधार पर परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया है कि वह आदेश प्राप्ति के 45 दिन के अन्‍दर 45,150/-रू० दिनांक 31-10-2004 से अंतिम भुगतान तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित अदा करें। साथ

3

 

क्षतिपूर्ति के मद में 25,000/-रू० एवं परिवाद व्‍यय के रूप में 2000/-रू० भी अदा करें।

     जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय के विरूद्ध यह अपील योजित की गयी है।

     पीठ द्वारा जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।

     जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत रसीदों का अवलोकन करने से यह स्‍पष्‍ट होता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी के यहॉं 45,150/-रू० शुल्‍क के रूप में जमा किया गया है। चूंकि अपीलार्थी/विपक्षीगण का अस्तित्‍व समाप्‍त हो चुका है अत: अपीलार्थी/विपक्षीगण के यहॉं शुल्‍क के रूप में जमा की गयी धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को वापस दिलाया जाना उचित है।

     उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त पीठ इस मत की है कि जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों की उचित विवेचना पर आधारित है जिसको परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है, परन्‍तु जिला आयोग द्वारा  उपरोक्‍त धनराशि पर ब्‍याज 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया है जो अत्‍यधिक उच्‍चदर है जिसे संशोधित करते हुए 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी तक अदा किये जाने हेतु आदेशित किया जाता है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

4

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे 45,150/-रू० मय 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करें। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।

          प्रस्‍तुत  अपील में  अपीलार्थी  द्वारा  यदि  कोई  धनराशि  जमा  की  गयी  हो  तो  उक्‍त  जमा  धनराशि  अर्जित  ब्‍याज  सहित  संबंधित जिला आयोग को  यथाशीघ्र  विधि  के अनुसार  वापस की जाए।

       आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

 

  (सुधा  उपाध्‍याय)                                         (सुशील  कुमार)

 सदस्‍य                                                     सदस्‍य

                              

          कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 3.

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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