Alok filed a consumer case on 21 Jul 2016 against Riliance in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/101/2012 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी बीमा कंपनी से मुबलिग रू0 30,000.00 मय ब्याज तथा हर्जे-खर्जे सहित दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी मोटर साइकिल संख्या-यू0पी0-78 सी.एम.-9451 का पंजीकृत स्वामी है। उक्त मोटर साइकिल दिनांक 24.02.15 को पनकी मंदिर थाना पनकी कानपुर नगर से चोरी हो गयी थी। जिसकी रिपोर्ट थाना पनकी में दिनांक 26.02.15 को दर्ज करायी गयी थी और चोरी की सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को उसी दिन जरिये फोन दी गयी थी। प्राथमिकी की प्रति विपक्षी बीमा कंपनी को उसके कार्यालय गुमटी प्लाजा 18/90 कौषलपुरी कानपुर नगर में दी गयी थी परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी के यहां समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करके, क्लेम फार्म दिया गया। किन्तु विपक्षी द्वारा परिवादी का अवैधानिक ढंग से क्लेम, सूचना विलम्ब से देने का कारण बताते हुए, अदेय कर दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
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3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 05.10.16 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 18.12.15 एवं 13.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्नक कागज सं0-4/2 लगायत् 4/17 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षी बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से, रू0 30,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम
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वसूली तक के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, रू0 रू0 30,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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