Uttar Pradesh

StateCommission

R/2000/105

Dildar Nagar Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Reshikesh Rai - Opp.Party(s)

V. P. Sharma

26 Feb 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. R/2000/105
( Date of Filing : 23 Aug 2000 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Dildar Nagar Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Reshikesh Rai
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 26 Feb 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

पुनरीक्षण संख्‍या-105/2000

दिलदार नगर कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आइस प्‍लान्‍ट प्रा0लि0, गाजीपुर

बजरिये मि0 ए.के. शर्मा उर्फ डब्‍बू पुत्र बलेश्‍वर राय दिलदार

नगर कोल्‍ड स्‍टोरेज, गाजीपुर।                 .......पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी

बनाम्

ऋषिकेश राय पुत्र दुर्गा प्रसाद राय, निवासी ताजपुर माझा, परगना

व तहसील जमानिया जिला गाजीपुर।             ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित  : श्री वी.पी.शर्मा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित      : कोई नहीं।

दिनांक 03.07.2018

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका निष्‍पादन वाद संख्‍या 139/96 जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम गाजीपुर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय दिनांक दि. 30.06.2000 के विरूद्ध योजित किया गया है। प्रश्‍नगत आदेश द्वारा पुनरीक्षणकर्ता को 2 माह के साधारण कारावास के दण्‍ड से दंडित किया गया।

     पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0पी0 शर्मा को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से तर्क प्रस्‍तुत करने के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत आदेश पुनरीक्षणकर्ता को अपना पक्ष प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान न करते हुए पारित किया गया है। दण्‍ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन भी नहीं किया गया है। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि निष्‍पादन वाद संख्‍या 139/96, परिवाद संख्‍या 139/96 में पारित निर्णय के अनुपालनार्थ योजित

-2-

किया गया, किन्‍तु परिवाद संख्‍या 139/96 में पारित निर्णय के विरूद्ध योजित अपील संख्‍या 324/97 में पारित निर्णय दिनांकित 28.10.2015 द्वारा अपील स्‍वीकार की जा चुकी है। परिवाद में पारित निर्णय दिनांकित 27.01.97 अपास्‍त किया जा चुका है एवं परिवाद गुणदोष के आधार पर सुनवाई हेतु प्रतिप्रेषित किया जा चुका है।

     अपील संख्‍या 324/97 की पत्रावली भी आज उपलब्‍ध है, जिसके अवलोकन से इस संदर्भ में पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क की पुष्टि हो रही है। अपील संख्‍या 324/97 में पारित निर्णय दिनांकित 28.10.2015 द्वारा परिवाद संख्‍या 139/96 में पारित निर्णय दि. 27.01.97 अपास्‍त किया जा चुका है।

     यह भी उल्‍लेखनीय है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 27(2) के अंतर्गत उपभोक्‍ता मंच को प्रथम श्रेणी मजिस्‍ट्रेट की शक्तियां प्राप्‍त हैं, धारा 27 के अंतर्गत कार्यवाही हेतु जिला मंच/ प्रथम श्रेणी मजिस्‍ट्रेट से अपेक्षित है कि दण्‍ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रावधानित संक्षिप्‍त प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए कार्यवाही की जाए, किंतु जहां तक प्रश्‍नगत आदेश दि. 30.06.2000 का प्रश्‍न है इसके अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच द्वारा 2 माह के कारावास के संबंध में पारित दण्‍डादेश पारित किए जाने से पूर्व दण्‍ड प्रक्रिया संहिता की धारा 262 में प्रावधानित संक्षिप्‍त प्रक्रिया का अनुपालन न करते हुए प्रश्‍नगत आदेश पारित किया गया है।

     सिविल अपील संख्‍या- 224-225/2015 कमलेश अग्रवाल बनाम नारायण सिंह डब्‍बास व अन्‍य के मामले में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय

 

 

-3-

द्वारा पारित निर्णय दिनांक 10.02.2015 में इसी विधिक स्थिति की पुष्टि की गई है।

     उपरोक्‍त तथ्‍य के आलोक में हमारे विचार से पुनरीक्षण याचिका स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दि. 30.06.2000 अपास्‍त किया जाता है।

     पक्षकार अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

     निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

 

 

      (उदय शंकर अवस्‍थी)                      (राज कमल गुप्‍ता)                                                                                                                                               पीठासीन सदस्‍य                             सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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