Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/1314

Priya Electronic - Complainant(s)

Versus

Renu Mishra - Opp.Party(s)

Rajendra Kumar Gupta

01 Apr 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/1314
( Date of Filing : 13 Jun 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Priya Electronic
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Renu Mishra
2
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 01 Apr 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-१३१४/२०१३

 

(जिला मंच, फैजाबाद द्वारा परिवाद सं0-२१३/२००८ में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक  १३-०३-२०१३ के विरूद्ध)

 

प्रिया इलैक्ट्रिक एण्‍ड इलैक्‍ट्रॉनिक आयोजित स्‍मारक सदन अयोध्‍या परगना-हवेली अवध, तहसील-सदर, जिला फैजाबाद।                          .............अपीलार्थी/विपक्षी।

बनाम

१. श्रीमती रेनू मिश्रा पत्‍नी श्री सुधाकर मिश्रा निवासी प्रमोद वन अयोध्‍या, परगना-हवेली अवध, तहसील-सदर, जिला फैजाबाद।            ............        प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी।

 

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : श्री एस0के0 शुक्‍ला विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- ०१-०५-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच, फैजाबाद द्वारा परिवाद सं0-२१३/२००८ में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक १३-०३-२०१३ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी के कथनानुसार परिवादिनी ने अपीलार्थी की दुकान से ईगो स्‍टार टी0वी0 नं0-२१, एस0एन0बी0 ०३०६३ तथा एक डी0वी0डी0 ८७००/- रू० में खरीदा जिसकी वारण्‍टी एक वर्ष थी। परिवादिनी ने जब घर पर टी0वी0 चलाया तो शुरू से ही झिलमिलाहट व साउण्‍ड में खराबी थी। अपीलार्थी से इस बात की शिकायत की तो उसने रिमोट न चलाने का बहाना कर दिया और कोई भी मैकेनिक या अपीलार्थी स्‍वयं परिवादिनी के घर नहीं आया। परिवादी के पति कई बार अपीलार्थी की दुकान पर गये मगर अपीलार्थी ने कोई मिस्‍त्री नहीं भेजा। अपीलार्थी     द्वारा किसी मिस्‍त्री के न भेजने पर परिवादिनी ने अपीलार्थी को अपने अधिवक्‍ता के

 

 

 

-२-

जरिये एक नोटिस दिनांक १७-०६-२००८ को भेजी और परिवादिनी का टी0वी0 ठीक करने का निर्देश दिया किन्‍तु अपीलार्थी ने टी0वी0 ठीक करने के बजाय झूठा मुकदमा दायर करने की धमकी दी। अत: परिवादिनी द्वारा परिवाद इस अनुतोष के साथ योजित किया गया कि अपीलार्थी को निर्देशित किया जाय कि वह प्रश्‍नगत टी0वी0 व डी0वी0डी0 वापस लेकर दूसरा प्रदान करे तथा परिवादिनी को ४४,०००/- रू० क्षतिपूर्ति के रूप में अपीलार्थी से दिलाया जाय।

अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तु किया गया। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत टी0वी0 व डी0वी0डी0 में कथित त्रुटियों के निराकरण का दायित्‍व निर्माता कम्‍पनी का है न कि बिक्रेता का। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत टी0वी0 व डी0वी0डी0 क्रय करने के उपरान्‍त परिवादिनी द्वारा किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई बल्कि डी0वी0डी0 के सम्‍बन्‍ध में वारण्‍टी समय व्‍यतीत होने के बाद परिवादिनी की ओर से अपीलार्थी के प्रतिष्‍ठान पर बताया गया जिसके सन्‍दर्भ में कम्‍पनी के नियम व शर्तों के अनुसार उचित राय बतायी गई तथा यह भी बताया गया कि आठ माह बाद वारण्‍टी समय समाप्‍त होने के बाद डी0वी0डी0 को लाया गया है तथा परिवादिनी ने डी0वी0डी0 को बदलना चाहा जिसे वारण्‍टी की समय सीमा समाप्‍त होने के कारण नहीं बदला जा सका।

जिला मंच ने प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा अपीलार्थी को आदेशित किया कि वह परिवादिनी के टी0वी0 एवं डी0वी0डी0 को आदेश की दिनांक से ३० दिन के अन्‍दर ठीक करा कर दे। ३० दिन व्‍यतीत होने पर अपीलार्थी परिवादिनी को टी0वी0 एवं डी0वी0डी0 की कीमत ८,७००/- रू० परिवाद दाखिल करने की दिनांक से ०९ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज के साथ ता अदायगी अदा करेगा। अपीलार्थी, परिवादिनी को क्षतिपूर्ति के मद में २,०००/- रू० तथा परिवाद व्‍यय के मद में १,५००/- रू० भी अदा करेगा।

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी।

हमने प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 शुक्‍ला के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। अपीलार्थी की ओर से तर्क प्रस्‍तुत करने हेतु कोई

 

 

-३-

उपस्थित नहीं हुआ।

प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब से प्रस्‍तुत की गई है। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र के अभिकथनों के समर्थन में श्री दिवाकर दुबे का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र एवं शपथ पत्र के अभिकथनों के विरूद्ध कोई आपत्ति अथवा प्रतिशपथ पत्र प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। अत: अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब का कारण पर्याप्‍त पाते हुए अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुआ विलम्‍ब क्षमा किया जाता है।

अपील के आधारों में अपीलार्थी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि अपीलार्थी प्रश्‍नगत टी0वी0 एवं डी0वी0डी0 का निर्माणकर्ता नहीं है। प्रश्‍नगत वस्‍तुओं की त्रुटि के निवारण हेतु निर्माता कम्‍पनी द्वारा वारण्‍टी दी गई। परिवादिनी ने परिवाद में निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार नहीं बनाया है। अपीलार्थी का त्रुटि निवारण का कोई दायित्‍व नहीं है।

परिवाद के अवलोकन से यह विदित होता है कि परिवादिनी ने टी0वी0 की स्‍क्रीन में झिलमिलाहट तथा साउण्‍ड की गड़बड़ी होना बताया है। डी0वी0डी0 में कोई त्रुटि परिवाद के अभिकथनों में अभिकथित नहीं की गई है। यह तथ्‍य निर्विवाद है कि प्रश्‍नगत वस्‍तुओं की त्रुटियों के निवारण हेतु निर्माता कम्‍पनी ने टी0वी0 के सन्‍दर्भ में क्रय की तिथि से ०१ वर्ष की अवधि तक तथा डी0वी0डी0 के सन्‍दर्भ में क्रय की तिथि से ०६ माह की अवधि तक वारण्‍टी प्रदान की। परिवादिनी का यह कथन नहीं है कि परिवादिनी कभी त्रुटि निवारण हेतु वारण्‍टी अवधि के मध्‍य निर्माता कम्‍पनी के सर्विस सेण्‍टर पर गई। परिवादिनी ने प्रश्‍नगत वस्‍तुओं के त्रुटिपूर्ण होने के सम्‍बन्‍ध में मात्र परिवाद के अभिकथनों के अतिरिक्‍त जिला मंच के समक्ष कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की। ऐसी परिस्थिति में प्रश्‍नगत वस्‍तुओं का त्रुटिपूर्ण होना स्‍वत: प्रमाणित नहीं माना जा सकता। परिवादिनी ने निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार भी नहीं बनाया जबकि निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार बनाया जाना आवश्‍यक था।

उपरोक्‍त तथ्‍यों के आलोक में हमारे विचार से विद्वान जिला मंच ने पत्रावली पर

 

 

-४-

उपलब्‍ध साक्ष्‍य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्‍नगत त्रुटिपूर्ण निर्णय पारित किया है, अत: अपास्‍त किए जाने योग्‍य है। अपील तद्नुसार स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

    अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, फैजाबाद द्वारा परिवाद सं0-२१३/२००८  में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक १३-०३-२०१३ अपास्‍त करते हुए परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

      इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

 

      (उदय शंकर अवस्‍थी)                       (गोवर्द्धन यादव)

        पीठासीन सदस्‍य                             सदस्‍य

                                                                                                              

                                                                                                    

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१,  

कोर्ट-२.

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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