Uttar Pradesh

StateCommission

CC/41/2022

Anju Bhardwaj As Mrs Anju Sharma - Complainant(s)

Versus

Renowned Buildtech Pvt. Ltd. And Another - Opp.Party(s)

Sanjay Bhardwaj

29 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/41/2022
( Date of Filing : 12 Apr 2022 )
 
1. Anju Bhardwaj As Mrs Anju Sharma
W/o Sri Ramesh kumar Sharma D/o Late Rajendra Paul Bhardwaj R/o P-156 Anuj Vihar Shankar vihar Delhi
...........Complainant(s)
Versus
1. Renowned Buildtech Pvt. Ltd. And Another
office H-95 2nd floor sector 63 Noida Through Directer Mr. Shalendra SharmaGautambudhnagar
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 May 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-41/2022

अंजू भारद्वाज (श्रीमती अंजू शर्मा) पत्‍नी श्री रमेश कुमार शर्मा पुत्री स्‍व0 राजेन्‍दर पॉल भारद्वाज।

वर्तमान निवास- पी-156, अनुज विहार, शंकर विहार, दिल्‍ली कैण्‍ट, दिल्‍ली 110010.

स्‍थायी निवास- 176, लोटस विला मोहल्‍ला, के.सी. इण्‍टरनेशनल स्‍कूल के सामने, जलपुरा ग्राम, ग्रेटर नोएडा, उत्‍तर प्रदेश, द्वारा एसपीए श्री संजय भारद्वाज पुत्र स्‍व0 आर.पी. भारद्वाज, वर्तमान निवास पी-156, अनुज विहार, दिल्‍ली कैण्‍ट, दिल्‍ली 110010 ।

  परिवादिनी

                                               बनाम     

1.   रिनाउन्‍ड बिल्‍डटेक प्रा0लि0, रजिस्‍टर्ड आफिस एच-95, सेकेण्‍ड फ्लोर, सेक्‍टर-63, नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, उत्‍तर प्रदेश 201301 द्वारा डायरेक्‍ट श्री शैलेन्‍द्र शर्मा।

2.   लोटस विलास सेक्‍टर-1, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, लोटस विला 312, लोटस विला कालोनी, एडज्‍वाइनिंग सेक्‍टर 1, जलपुरा, ग्रेटर नोएडा, यू.पी. 201306 (यू.पी.) द्वारा प्रेसिडेंट/सेक्रेटरी।

     शॉप नं0-11 एण्‍ड शॉप नं0-17, लोटस विला कालोनी, एडज्‍वाइनिंग सेक्‍टर 1, जलपुरा, ग्रेटर नोएडा, यू.पी. 201306 ।

3.   नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड, इलेक्ट्रिक सब-स्‍टेशन, नॉलेज पार्क-IV, ग्रेटर नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, यू.पी. 201310, द्वारा सी.ई.ओ. ।

                                                   विपक्षीगण

समक्ष:-                                                  

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

परिवादिनी की ओर से उपस्थित     : श्री संजय भारद्वाज, स्‍वंय

विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित   : श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव।

विपक्षी सं0-2 की ओर से उपस्थित   : श्री आनन्‍द भार्गव।

विपक्षी सं0-3 की ओर से उपस्थित   : सुश्री पल्‍लवी सिंह।

दिनांक:  29.05.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        यह परिवाद, परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध कुल 17 अनुतोषों की मॉंग के लिए प्रस्‍तुत किया गया है।

2.        परिवाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी द्वारा एक डुप्‍लेक्‍स सम्‍पत्ति विला संख्‍या 176, लोटस विला, जिला गौतम बुद्ध नगर में क्रय की गयी, जिसका विक्रय पत्र दिनांक 13.9.2018 को निष्‍पादित हो चुका है। विक्रय पत्र के अनुसार परिवादिनी द्वारा डीजल जनरेटर सेट की सुविधा प्राप्‍त करने का विकल्‍प नहीं दिया गया है। परिवादिनी द्वारा विद्युत कनेक्‍शन तथा IFMS शुल्‍क बिल्‍डर के मांग पत्र के अनुसार अदा की गयी है। विक्रय प्रस्‍ताव के समय इस यूनिट का परिक्षेत्र 1365 स्‍क्‍वायर फिट बताया गया था, जबकि विक्रय पत्र में केवल 971.76 स्‍क्‍वायर फिट अंकित किया गया है। NPCL द्वारा एक सिंगल कनेक्‍शन संख्‍या 2000110568 मोहल्‍ला लोटस विला फेस-1 एवं फेस-2 आवासीय तथा व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए दिया गया था। बिल्‍डर द्वारा अभी तक CC/OC राजकीय अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदत्‍त नहीं कराया गया है। बिल्‍डर द्वारा जमीन से 10 लाख लीटर वाटर का प्रतिदिन प्रयोग किया जा रहा है और यही वाटर सीवेज किया जा रहा है, जिसमें प्रत्‍येक प्रकार के Waist शामिल हैं। बिल्‍डर तथा RWA आपस में साज किए हुए हैं तथा प्रति स्‍क्‍वायर फिट अधिक मेंटीनेंस शुल्‍क वसूल कर रहे हैं और इस प्रकार अनुचित व्‍यापार प्रणाली अपनाए हुए हैं। विपक्षीगण द्वारा अवैध धन की मांग की जाती है और STP संचालित नहीं है।

3.        परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों की पुष्टि शपथ पत्र से की गयी है, जिसके साथ अनेक्‍जर A लगायत X तक प्रस्‍तुत किए गए हैं।

4.        विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से प्रस्‍तुत लिखित कथन में परिवादिनी के पक्ष में आवंटन स्‍वीकार किया गया है और यह कथन किया गया है कि उनके द्वारा एक रूपये प्रति स्‍क्‍वायर फिट की राशि प्राप्‍त नहीं की गयी है। यह राशि RWA द्वारा प्राप्‍त की गयी या नहीं इसकी कोई जानकारी उन्‍हें नहीं है। मशीनरी लगाई जा चुकी है और इसके द्वारा कार्य प्रारम्‍भ कर दिया जाएगा। यह भी कथन किया गया कि RWA से उनकी कोई दुरभि संधि नहीं है। उत्‍तरदायी विपक्षी द्वारा कभी किसी धनराशि की मांग नहीं की गयी है। यदि कोई मांग की गयी है तो RWA द्वारा की गयी है। यह सोसायटी फ्री-होल्‍ड सोसायटी है। IFMS की राशि RWA को अं‍तरित होनी है। परिव‍ादिनी से जो भी धनराशि वापस लेनी है, वह RWA से वापस लेनी है। परिवादिनी द्वारा मांगा गया कोई भी अनुतोष संधारणीय नहीं है।

5.        विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से प्रस्‍तुत लिखित कथन में उल्‍लेख किया गया है कि परिवादिनी द्वारा वर्ष 2018 में विला क्रय किया गया है, जबकि परिवाद वर्ष 2022 में प्रस्‍तुत किया गया है, इसलिए यह परिवाद समयावधि से बाधित है। विपक्षी संख्‍या-2 के विरूद्ध उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय नहीं है, क्‍योंकि सुविधा को प्रदत्‍त किए जाने का कार्य विपक्षी संख्‍या-1 का है। चूंकि परिवादिनी द्वारा यूनिट क्रय की गयी है, इसलिए उत्‍तर प्रदेश अपार्टमेंट्स रूल्‍स 2011 के नियम 14 (4) के प्रावधान के अनुसार परिवादिनी RWA की सदस्‍य है। परिवादिनी को आव‍ंटित विला एक सिंगल गेट वाली विला है, जिसमें सभी प्रकार की सर्विस उपलब्‍ध कराई जाती हैं। चौकीदार, प्‍लम्‍बर, इलेक्ट्रिशियन आदि को वेतन दिया जाता है, जिसके लिए सभी आवंटी अपने अंश दान का उपयोग करते हैं, इसलिए परिवादिनी से भी अंश दान लिया जा रहा है।

6.        विपक्षी संख्‍या-3, विद्युत विभाग द्वारा भी लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है, जिसमें उनके विरूद्ध वाद कारण उत्‍पन्‍न न होने का कथन किया गया है।

7.        विपक्षीगण द्वारा अपने-अपने लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्‍तुत किए गए हैं।

8.        सभी पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को विस्‍तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

9.        परिवादिनी द्वारा अनुतोष A, B, M इस आशय का मांगा गया है कि विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रणाली न अपनाई जाए। यथार्थ में यह अनुतोष अनुतोष B एवं M के साथ सलंग्‍न है। अनुतोष B के अनुसार विला संख्‍या 176 मोहल्‍ला लोटस विला में विला का साइज 971.76 स्‍क्‍वायर फिट अभिलेखों में दुरूस्‍त किया जाए। परिवादिनी ने विक्रय पत्र के अनुसार इस तथ्‍य को साबित किया है कि यथार्थ में परिवादिनी के पक्ष में विला 971.76 स्‍क्‍वायर फिट की विला का विक्रय पत्र निष्‍पादित हुआ है, इसलिए विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा या RWA IFMS की राशि अंतरित करेंगे। RWA द्वारा केवल 971.76 स्‍क्‍वायर फिट की दर से ही प्रति स्‍क्‍वायर फिट के मेंटीनेंस शुल्‍क परिवादिनी से वसूल किए जा सकते हैं न कि 1365 स्‍क्‍वायर फिट पर। इस बिन्‍दु पर विधिक स्थिति स्‍पष्‍ट है कि विक्रय पत्र में जो क्षेत्र अंकित है, उसी क्षेत्र के आधार पर मेंटीनेंस शुल्‍क प्रति स्‍क्‍वायर फिट के आधार पर लिया जा सकता है। अत: परिवादिनी द्वारा मांगा गया यह अनुतोष स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है कि परिवादिनी को विक्रीत विला संख्‍या-176, 971.76 स्‍क्‍वायर फिट रिकार्ड में अंकित किया जाए और इसी नाप के अनुसार परिवादिनी से वांछित मेंटीनेंस शुल्‍क प्राप्‍त किया जाए और जब तक 1365 स्‍क्‍वायर फिट की दर से जो मेंटीनेंस शुल्‍क वसूल किया गया है, उसे भविष्‍य में तब तक समायोजित किया जाए जब तक राशि पूर्ण रूप से शून्‍य की स्थिति को प्राप्‍त नहीं हो जाती।

10.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष C इस आशय का मांगा गया है कि विपक्षी संख्‍या 1 यानी भवन निर्माता कंपनी को निर्देशित किया जाए कि CC/OC/NOC की प्रति परिवादिनी को प्रदान की जाए। यह अनुतोष व‍िधिसम्‍मत है। विक्रय पत्र निष्‍पादित करने के समय ही इन सभी दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध कराया जाना चाहिए था। तत्‍समय इन दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध न कराना विपक्षी संख्‍या 1 के स्‍तर से उपभोक्‍ता के प्रति सेवा में कमी है।

11.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष D एवं E इस आशय का मांगा गया है कि जिस भूमि पर विला संख्‍या 176 स्थित है, इसके गवर्नमेंट अभिलेख उपलब्‍ध कराए जाए। उल्‍लेखनीय है कि परिवादिनी के पक्ष में स्‍वंय परिवाद में अंकित विवरण के अनुसार दिनांक 13.9.2018 को विक्रय पत्र निष्‍पादित हो चुका है। इस विक्रय पत्र के निष्‍पादन के पश्‍चात स्‍वामित्‍व से संबंधित दस्‍तावेजों की मांग करने का अधिकार परिवादिनी को प्राप्‍त नहीं है, जिस समय विक्रय पत्र निष्‍पादित कराया गया, उसी समय इन दस्‍तावेजों की मांग की जानी चाहिए थी। अत: इन दस्‍तावेजों की मांग के संबंध में प्रस्‍तुत परिवाद समयावधि से बाधित है, इसलिए अनुतोष D एवं E को परिवादिनी के पक्ष में प्रदत्‍त करने का वैधानिक औचित्‍य नहीं है। फिर यह भी कि परिवादिनी स्‍वंय राजकीय अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्‍त कर सकती हैं।

12.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष F इस आशय का मांगा गया है कि NPCL से लिए गए धन की वापसी की मांग की गयी है, जो विला संख्‍या 176 के संबंध में NPCL से विपक्षीगण द्वारा प्राप्‍त कराया गया। परिवादिनी की ओर से उपस्थित अटॉर्नी होल्‍डर श्री संजय भारद्वाज का यह तर्क है कि सिंगल प्‍वाइंट कनेक्‍शन प्राप्‍त किया गया है, जब स्‍वीकृत मानचित्र में निर्मित विला तथा अन्‍य व्‍यापारिक यूनिट में विद्युत के प्रयोग के अलावा परिवादिनी द्वारा भूमि क्रय करने के लिए निर्माण संबंधी अनेक गतिविधि करने के लिए बिजली का प्रयोग स्‍वंय के लिए किया गया, जबकि इसकी मांग आवंटियों से की जाती रही है, परन्‍तु यह बिन्‍दु सुनिश्‍चित करने के लिए कोई सामग्री पीठ के समक्ष मौजूद नहीं है कि विद्युत विभाग से विला संख्‍या 176 के लिए कितनी राशि विपक्षीगण द्वारा प्राप्‍त की गयी है। अत: अनिश्चित बिन्‍दु पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।

13.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष G प्राइवेसी के संबंध में मांगा गया अनुतोष है। उनकी व्‍यक्तिगत सूचनाएं थर्ड पार्टी एप्‍स पर उपलब्‍ध न कराई जाए, जब तक कानून के अंतर्गत आज्ञात्‍मक रूप से ज्ञात न हो। चूंकि परिवादिनी RWA की सदस्‍य है। अत: इसकी सदस्‍य होने के नाते सभी सदस्‍यों से मांग पत्र आदि के संबंध में सूचनाएं वाट्स-अप ग्रुप पर न मांगने का कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। यदि विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के व्‍यक्तिगत अधिकार में हस्‍तक्षेप किया जाता है तब इसके लिए परिवादिनी आपराधिक कार्यवाही संचालित करने के लिए स्‍वतंत्र है। चूंकि परिवादिनी से संबंधित सूचना को लीक किया गया, जो केवल व्‍यक्तिगत श्रेणी में आती हैं और RWA की सदस्‍य के नाते नहीं आतीं, इस संबंध में कोई विशिष्‍ठ सूचना उपलब्‍ध नहीं है और न ही भविष्‍य में यह आंकलन किया जा सकता है कि परिवादिनी की प्राइवेसी को विपक्षीगण द्वारा किस प्रकार भंग किया जाएगा। अत: इस संबंध में भी कोई अनुतोष प्रदान नहीं किया जा सकता।

14.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष H एवं I के संबंध में मांगे गए अनुतोष भी भ्रामक हैं। जेंडर भेद-भाव से संबंधित कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर उपलब्‍ध नहीं है। अत: अनुतोष H एवं I के संबंध में कोई ओदश पारित किया जाना संभव नहीं है।

15.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष J के संबंध में भी भ्रामक मांग की गयी है। वैध प्रथम श्रेणी कंकरीट निर्माण तथा अतिरिक्‍त निर्माण के तथ्‍य को स्‍थापित करने का भार परिवादिनी पर है, इसके लिए विपक्षीगण को यह सूचना दिया जाना संभव नहीं है कि वह वैध कंकरीट निर्माण और अतिरिक्‍त निर्माण की सूची आयोग को उपलब्‍ध कराए। परिवादिनी केवल अपने विला के संबंध में जो उसे आंवटित की गयी है, के संबंध में मांग कर सकती है, किसी अन्‍य विला या निर्माण के संबंध में परिवादिनी को विपक्षीगण के विरूद्ध आज्ञात्‍मक अनुतोष मांगने का कोई अधिकार प्राप्‍त नहीं है। अत: इस अनुतोष के संबंध में भी कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

16.       अनुतोष K के संबंध में परिवादिनी के पैरोकार का कथन है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह प्रापर एवं कंपलीट सीवेज सिस्‍टम STP तथा DG विकल्‍प के बिना विद्युत आपूर्ति का आदेश पारित किया जाए। किसी भी आवास को आवास योग्‍य बनाने के लिए सीवेज सिस्‍टम का दुरूस्‍त होना तथा स्‍थायी विद्युत कनेक्‍शन का मौजूद होना एक आवश्‍यक शर्त है। जनरेटर की सुविधा प्राप्‍त करने की कोई बाध्‍यता किसी आवंटी पर नहीं होनी चाहिए। यह आवंटी की इच्‍छा है कि वह DG विकल्‍प प्राप्‍त करे या न करे, इस विकल्‍प की प्राप्ति के लिए किसी भी आवंटी को बाध्‍य नहीं किया जा सकता। अत: परिवादिनी यह अनुतोष प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं है कि सीवेज सिस्‍टम दुरूस्‍त किया जाए तथा विद्युत आपूर्ति देकर DG विकल्‍प का संचालन रोका जाए।

17.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष L इस आशय का मांगा गया है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि परिवादिनी के यूनिट में स्‍थायी रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्‍चित की जाए, इसके लिए परिवादिनी को सर्वप्रथम NPCL में आवेदन करना होगा, जिस पर स्‍टीमेट तैयार किया जाएगा, स्‍टीमेट बनने के बाद स्‍टीमेट की राशि जमा करनी होगी, इसलिए इस संबंध में केवल यह निर्देश दिया जा सकता है कि परिवादिनी यदि स्‍टीमेट धनराशि जमा करती है तब प्रश्‍नगत यूनिट में स्‍वतंत्र रूप से विद्युत आपूर्ति की जा सकती है और यदि परिवादिनी स्‍टीमेट के अनुसार धनराशि जमा नहीं करती है तब इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं होगा।

18.       परिवादिनी द्वारा अनुतोष N के अंतर्गत मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 50 लाख रूपये की मांग की गयी है। यह मांग न कवेल अत्‍यधिक है, अपितु अनुचित है, जब भी कोई उपभोक्‍ता एक सोसायटी के अंतर्गत कोई आवासीय यूनिट प्राप्‍त करता है तब वह अनेक सहकारी व्‍यव‍स्‍थाओं के आधीन होता है। परिवादिनी को हर चीज स्‍वतंत्रता के साथ उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है। परिवादिनी का मुख्‍य उद्देश्‍य विक्रय पत्र के अनुसार मेंटीनेंस शुल्‍क में कटौती कराने का है, जिसे स्‍वीकार किया गया है, परन्‍तु मानसिक प्रताड़ना की मद में किसी राशि को अदा करने लायक मामला नहीं बनता है। अत: इस संबंध में कोई अनुतोष जारी नहीं किया जा सकता।

19.       इसी प्रकार अनुतोष O भी काल्‍पनिक है। यहां पर शब्‍द If any का प्रयोग किया गया है। ऐसे अनुतोष को जारी किया जाना संभव नहीं है, जिसके संबंध में परिवादिनी स्‍वंय स्थिर न हो। यद्यपि अनुतोष P के संबंध में परिवाद खर्च के रूप में अंकन 20,000/-रू0 परिवादिनी प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद निम्‍न प्रकार से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

20.       प्रस्‍तुत परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि-

(क.)       विपक्षी संख्‍या 1 एवं 2 को आदेशित किया जाता है कि विला संख्‍या 176 को अभिलेखों में 971.76 स्‍क्‍वायर फिट के रूप में अंकित करे और इसी नाप के अनुसार परिवादिनी से वांछित मेंटीनेंस शुल्‍क प्राप्‍त किया जाए तथा 1365 स्‍क्‍वायर फिट की दर से जो मेंटीनेंस शुल्‍क वसूल किया गया है, उसकी अवशेष राशि को तब तक समायोजित किया जाए जब तक पूर्ण रूप से अधिक धनराशि की वसूली शून्‍य की स्थिति में न पहुँच जाए। इसके पश्‍चात 971.76 स्‍क्‍वायर फिट की दर से मेंटीनेंस शुल्‍क वसूला जाए।

(ख.)       विपक्षी संख्‍या 1 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को CC/OC/NOC की प्रतियां इस निर्णय/आदेश के पारित होने के तीन माह के अन्‍दर परिवादिनी को उपलब्‍ध कराई जाए।

(ग.)       विपक्षी संख्‍या 1 एवं 3 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादिनी को स्‍वतंत्र रूप से अपने आवास के लिए विद्युत कनेक्‍शन की आपूर्ति प्रदान की जाए, इसके लिए आवश्‍यक होगा कि विद्युत विभाग द्वारा एक एस्‍टीमेट तैयार किया जाए, जिसकी अदायगी परिवादिनी द्वारा की जाएगी। इस स्‍टीमेट की राशि जमा करने के पश्‍चात परिवादिनी के पक्ष में स्‍वतंत्र रूप से विद्युत कनेक्‍शन विद्युत विभाग द्वारा जारी किया जाएगा, परन्‍तु परिवादिनी द्वारा यदि स्‍थाई लाइन प्राप्‍त करने के लिए स्‍टीमेट की राशि जमा नहीं की जाती है तब उन्‍हें स्‍वतंत्र रूप से विद्युत की आपूर्ति नहीं की जाएगी और जिस प्रकार से सभी विद्युत उपभोक्‍ताओं को विद्युत आपूर्ति की गई है, उसी प्रकार से परिवादिनी को भी विद्युत आपूर्ति की सुविधा उपलब्‍ध रहेगी।

(घ.)       परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 (बीस हजार रूपये) विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा परिवादिनी को अदा किए जाए। 

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

                     

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 (सुशील कुमार)

    अध्‍यक्ष                              सदस्‍य

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.