जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्याः-244/2015
उपस्थितः-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीखः-27.07.2015
परिवाद के फैसले की तारीखः-30.01.2020
दया शंकर पाण्डेय उम्र लगभग 38 वर्ष पुत्र श्री बी0पी0 पाण्डेय निवासी-5/168, विराम खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
..............परिवादी।
बनाम
1-रिलायंस रिटेल लिमि0 फीनिक्स माॅल, शाॅप नं0-10, प्लाॅट नं0 सी0पी0 08, सेक्टर बी, कानपुर रोड, आलमबाग, लखनऊ, द्वारा प्रबन्धक।
2-सर्विस सेल, विल कैम्पस/सेन्सुई इण्डिया 15 कि0मी0 स्टोन, औरंगाबाद पैथान रोड, चिटगाॅंव तालुका पैथान, जिला औरंगाबाद 431 105 द्वारा-मैनेजिंग डायरेक्टर।
...........विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से टी0वी0 की कीमत 30,495/-रूपये 18 प्रतिशत ब्याज के साथ, मानसिक, शारीरिक कष्ट के लिये 40,000/-रूपये एवं वाद व्यय व अन्य भागदौड़ के लिये 15,500/-रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनाॅंकः-02.04.2015 को सैन्सुई कम्पनी का एल0ई0डी0 माॅंडल नम्बर-एस0जे0एक्स0 40एफ0बी0 सीरियल नम्बर-210315110283501163 मुबलिग-30,495/-में क्रय किया। विक्रेता द्वारा उसकी वारन्टी एक वर्ष बतायी गयी थी। उपरोक्त टी0वी0 शुरू से ही खराब था, और लगाने के बाद से ही उसके स्क्रीन में समस्या आने लगी। तो विपक्षी द्वारा भेजे गये मैकेनिक से कहने पर उसने बताया कि वह सिर्फ टी0वी0 को इन्स्टाल करते हैं, रिपेयर का काम कम्पनी में काॅल कर कराइये। करीब 13 दिन बाद ही उक्त टी0वी0 में आवाज एवं स्क्रीन समस्या होने लगी, जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 से की, तब उसने विपक्षी संख्या-02 कस्टमर केयर का नम्बर दिया। परिवादी ने विपक्षी संख्या-02 को टी0वी0 खराब होने की शिकायत दिनाॅंक-18.04.2015 को किया। विपक्षी संख्या-02 ने परिवादी को शिकायत नम्बर-एल यू सी 0404150032 दिया। परन्तु एक सप्ताह तक विपक्षीगणों ने परिवादी की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। तब परिवादी ने दिनाॅंक-01.05.2015 को विपक्षी संख्या-01 से लिखित शिकायत किया। परन्तु उसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया। टी0वी0 आज भी खराब हालत में परिवादी के यहाॅं रखा हुआ है। विपक्षीगण ने अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनाया है, और खराब टी0वी0 परिवादी को बेचकर उसकी मरम्मत नहीं करायी, जो उनके द्वारा सेवा में कमी है, जिससे परिवादी को मानसिक कष्ट हुआ।
विपक्षी संख्या-01 टी0वी0 का विक्रेता है। उसने अपने उत्तर पत्र में यह कहा है कि वह टी0वी0 का निर्माता नहीं है, वह सिर्फ टी0वी0 बेचने का कार्य करता है। परिवादी ने इस विपक्षी से टी0वी0 क्रय किया था, और शर्तों के अनुसार निर्माता एवं सेवा प्रदाता इसके लिये जिम्मेदार हैं। परिवादी का परिवाद इस विपक्षी के विरूद्ध खारिज होने योग्य है।
विपक्षी संख्या-02 की ओर से उत्तर पत्र दाखिल नहीं किया गया है। अतः उनके विरूद्ध वाद की कार्यवाही एकपक्षीय चल रही है।
परिवादी ने शपथ पर अपना साक्ष्य दाखिल किया है। परिवादी ने साक्ष्य में टी0वी0 क्रय करने की रसीद, डिलीवरी चालान रसीद, विपक्षी संख्या-01 को दिये गये पत्र की छायाप्रति दाखिल किया है। विपक्षी संख्या-01 ने सिर्फ यह कहा है कि उनका काम सिर्फ टी0वी0 बेचना है, उसकी मरम्मत कराना विपक्षी संख्या-02 का कार्य है, और उसके विरूद्ध वाद खारिज होने योग्य है।
परिवादी ने जो कथन शपथ पर दिया है, उस पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने अपने कथन को लिखित साक्ष्य से भी समर्थन दिया है, जिस पर अविश्वास का कोई कारण नहीं है। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-02 के विरूद्ध स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी संख्या-02 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-02 को निर्देश दिया जाता है कि वे परिवादी द्वारा क्रय किये गये टी0वी0 का मूल्य मुबलिग-30,495/-(तीस हजार चार सौ पच्चानबे रूपया मात्र) 09 प्रतिशत ब्याज के साथ, दिनाॅंक-02.04.2015 से 45 दिनों के अन्दर अदा करेंगें। साथ ही साथ विपक्षी परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग-15,000/-(पन्द्रह हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग-10,000/-(दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतेय होगी।
(स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,
प्रथम लखनऊ।