Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/15/2015

Sri Rajesh Vishavakarma - Complainant(s)

Versus

Reliance Life Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Sri Padam Singh Chauhaan

03 Jun 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/15/2015
 
1. Sri Rajesh Vishavakarma
R/o Dubble Fatak, Durgesh Nagar, Sitapuri, Dus Sarai Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Reliance Life Insurance Company Ltd.
Add:- Plaza Complex Thana Majhola, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे उसकी माता की बीमा पालिसियों की बीमित राशि 4,75,000/- रूपया और अन्‍य लाभ दिलाऐ जाऐं। क्षतिपूर्ति की मद में  50000/- रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 10000/- रूपया परिवादी ने  अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी की माता श्रीमती बुच्‍ची देवी ने अपने जीवन काल में 3 बीमा पालिसियों ली थीं। इन  पालिसियों के विवरण निम्‍नवत् है :-

                                                                                                                                                                                                                              

क्रम संख्‍या

बीमा पालिसी नम्‍बर

  •  

बीमा राशि

 

परिपक्‍वता तिथि

 

अगले प्रीमियम अदायगी की तिथि

  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  
  1.  

 

  1. परिवादी की माता की दिनांक 28/7/2012 को मृत्‍यु  हो  गई।  परिवादी ने उपरोक्‍त तीनों बीमा पालिसियों की बीमित राशि के भुगतान हेतु विपक्षीगण के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया और आवश्‍यक दस्‍तावेज भी परिवादी ने उन्‍हें उपलब्‍ध कराऐ। पत्र दिनांकित 23/3/2013 द्वारा  विपक्षीगण ने परिवादी का क्‍लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि  परिवादी की माता ने क्रमश: 5/10/2012, 19/10/2012 तथा 22/10/2012 को ड्यू प्रीमियम का भुगतान नहीं किया गया और पालिसियॉं लैप्‍स हो गई। परिवादी के अनुसार उसकी माता का  स्‍वर्गवास दिनांक 28/7/2012 को हुआ था। क्‍लेम के साथ उसने अपनी माता का मृत्‍यु प्रमाण पत्र भी भेजा था। चॅूंकि उसकी माता का स्‍वर्गवास दिनांक 28/7/2012 हो गया था अत: उपरोक्‍त पालिसियों का वार्षिक प्रीमियम उक्‍त ड्यू डेट पर अदा किया जाना सम्‍भव नहीं था। परिवादी के अनुसार उसने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी बीमा राशि के भुगतान हेतु भेजा, किन्‍तु विपक्षीगण ने डेथ  क्‍लेम अदा नहीं किया। परिवादी ने यह कहते हुऐ  कि विपक्षीगण ने उपरोक्‍त कृत्‍य करके सेवा में कमी की है, परिवाद में  अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की। 
  2.   परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4  दाखिल किया। इसके अतिरिक्‍त उसने विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिस, अपनी माता द्वारा विपक्षीगण से ली गई बीमा पालिसियों के प्रथम  प्रीमियम के भुगतान की रसीदों, उनके पालिसी शिडयूल, अपनी बैंक पासबुक, परिवार रजिस्‍टर, बीमा पालिसियों के रिप्‍यूडिऐशन लेटर और  अपनी माता के मृत्‍यु प्रमाण पत्र की फोटो प्रतियों को दाखिल किया। यह  प्रपत्र पत्रावली के कागज संख्‍या-3/6 लगायत 3/19 हैं। विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिसों को भेजे जाने की डाकखाने की असल रसीदों को भी  परिवादी ने दाखिल किया है।
  3.  विपक्षीगण की ओर से शपथ पत्र से समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज संख्‍या-9/1 लगायत 9/3 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की माता द्वारा  परिवाद में उल्लिखित बीमा पालिसियां लिया जाना और उनसे सम्‍बन्धित विवरण जो इस निर्णय के पैरा संख्‍या-2 में उल्लिखित सारिणीं में दिया  गया है, तो स्‍वीकार किया गया किन्‍तु परिवादी की माता की मृत्‍यु दिनांक 28/7/2012 को होने से इन्‍कार किया गया है। विपक्षीगण के अनुसार श्रीमती बुच्‍ची देवी की मृत्‍यु दिनांक 28/12/2012 को हुई थी। पालिसियों  के प्रीमियम माह अक्‍टूबर, 2012 में देय थे जिनका भुगतान श्रीमती बुच्‍ची  देवी ने नहीं किया और इस कारण पालिसियां लैप्‍स हो गई। विपक्षीगण की ओर से यह कहते हुऐ कि डेथ क्‍लेम का भुगतान करने से इन्‍कार कर  विपक्षीगण ने न तो कोई त्रुटि की और न ही सेवा प्रदान करने में कमी  की, उन्‍होंने परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  4.   प्रतिवाद पत्र के साथ परिवादी की ओर से प्राप्‍त डेथ क्‍लेम  इन्‍टीमेशन फार्म और श्रीमती बुच्‍ची देवी के डेथ सर्टिफिकेट जिसमें उसकी मृत्‍यु की तिथि 28/12/2012 अंकित है, की फोटो प्रतियों को दाखिल  किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-10/3 लगायत 10/7 हैं।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3  दाखिल किया जिसके साथ उसने अपनी माता का मूल डेथ सर्टिफिकेट बतौर संलग्‍न दाखिल किया जो पत्रावली का कागजसं0-12/4 है।
  6.  विपक्षीगण की ओर से उनके ई.टी.एम. श्री दीपेश सिंह ने साक्ष्‍य   शपथ पत्र कागज संख्‍या-13/1 लगायत 13/4 दाखिल किया।
  7.   किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  8.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  9.   इस मामले में परिवादी ने अपनी माता की मृत्‍यु की तिथि 28/7/2012 बताई है और तत्‍सम्‍बन्‍धी नगर निगम, मुरादाबाद के डेथ  सर्टिफिकेट कागज सं0-12/4 को दाखिल किया है वहीं दूसरी ओर विपक्षीगण  ने परिवादी की माता की मृत्‍यु की तिथि दिनांक 28/12/2012 बताते हुऐ  तत्‍सम्‍बन्‍धी डेथ सर्टिफिकेट की फोटो प्रति कागज संख्‍या-10/7 को दाखिल   किया। विपक्षीगण की ओर से दाखिल डेथ सर्टिफिकेट भी चूँकि नगर निगम,  मुरादाबाद द्वारा जारी होना दर्शाया गया है ऐसी दशा में हमने यह उचित  समझा कि दोनों ही डेथ सर्टिफिकेट की नकल नगर निगम, मुरादाबाद को भेजकर यह मालूम किया जाये कि दोनों में से कौन सा डेथ सर्टिफिकेट नगर निगम के अभिलेखों के अनुसार सही है। हमने दोनों सर्टिफिकेट की नकल नगर आयुक्‍त को सम्‍बोधित पत्र कागज संख्‍या-15/1 के साथ संलग्‍न कर नगर निगम, मुरादाबाद को भेजे और अनुरोध किया कि फोरम को अवगत कराया जाय कि कौन सा मृत्‍यु प्रमाण पत्र नगर निगम के अभिलेखों के अनुसार सही है। हमारे द्वारा प्रेषित पत्र के जबाव में नगर निगम, मुरादाबाद के वरिष्‍ठ नगर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी / रजिस्‍ट्रार (जन्‍म मृत्‍यु) का उत्‍तर प्राप्‍त हुआ जो पत्रावली का कागज संख्‍या-16/1 है। इसमें फोरम को अवगत कराया गया है कि नगर निगम, मुरादाबाद के अभिलेखों के अनुसार श्रीमती बुच्‍ची देवी के मृत्‍यु की तिथि 28/7/2012 है और तत्‍सम्‍बन्‍धी मृत्‍यु प्रमाण पत्र नगर निगम के कार्यालय द्वारा जारी किया गया है। इस  प्रकार परिवादी की  माता की मृत्‍यु  दिनांक 28/7/2012 को  होना प्रमाणित है।
  10.   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने हमारा ध्‍यान क्‍लेम फार्म कागज सं0-10/3 लगायत 10/6 की ओर आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि इस क्‍लेम फार्म के पृष्‍ठ सं0-10/3 और पृष्‍ठ-10/4 पर परिवादी ने श्रीमती बुच्‍ची देवी की मृत्‍यु की तिथि 28/12/2012 लिखी है, अत: परिवादी यह  कहने से विबन्धित है कि उसकी माता बुच्‍ची देवी की मृत्‍यु दिनांक 28/12/2012 को न होकर दिनांक 28/7/2012 को हुई थी। परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षीगण की ओर से दिऐ गऐ तर्क का प्रतिवाद किया और परिवादी के साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3  के पैरा सं0-15 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ कहा कि क्‍लेम राशि देने से बचने के लिए विपक्षीगण ने कोरे बिना भरे हुऐ क्‍लेम फार्म पर हस्‍ताक्षर करा लिऐ थे और बाद में क्‍लेम फार्म में बुच्‍ची देवी की मृत्‍यु की काल्‍पनिक तिथि 28/12/2012 प्रदर्शित करके परिवादी का क्‍लेम  खण्डित कर दिया। हम परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के उक्‍त कथन से  सहमत हैं।
  11.   परिवादी की ओर से दाखिल मृत्‍यु प्रमाण पत्र कागज सं0-12/4  और  विपक्षीगण की ओर से दाखिल मृत्‍यु प्रमाण पत्र की फोटो प्रति कागज सं0-10/7 दोनों ही में प्रमाण पत्रों में उनके रजिस्‍ट्रेशन की दिनांक 23/1/2013 लिखी है। कहने का आशय यह है कि बुच्‍ची देवी के डेथ सर्टिफिकेट हेतु23/1/2013 से पूर्व आवेदन कर दिया गया था। क्‍लेम फार्म कागज सं0-10/3 लगायत 10/6 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी की ओर से  यह क्‍लेम फार्म दिनांक 07/2/2013 को भरा गया था। जब डेथ की  रजिस्‍ट्रेशन तिथि अर्थात् 23/1/2013 के पूर्व से परिवादी अपनी माता की  मृत्‍यु की तिथि 28/7/2012 को हो जाना अभिकथित कर रहा है तो दिनांक 07/2/013 को क्‍लेम फार्म में वह अपनी माता की मृत्‍यु की तिथि 28/12/2012 क्‍यो लिखवाता, इसका कोई कारण विपक्षीगण इंगित नहीं कर पाऐ। प्रकटत: परिवादी के इस कथन में बल है कि उससे विपक्षीगण ने कोरे फार्म पर हस्‍ताक्षर करा लिऐ थे और बाद में उसकी माता की मृत्‍यु की तिथि 28/12/2012 दर्शाकर जानबूझकर क्‍लेम निरस्‍त किया।
  12.   विपक्षीगण को इस तथ्‍य से इन्‍कार नहीं है कि श्रीमती बुच्‍ची देवी ने अपने जीवन काल में इस निर्णय के पैरा सं0-2 में दी गई सारिणीं में  उल्लिखित 3 बीमा पालिसियां विपक्षीगण से ली थी। सारिणीं में इन  पालिसियों के अगले प्रीमियम की अदायगी की तिथि उल्लिखित है जिसके अनुसार पालिसियों का अगला प्रीमियम माह अक्‍टूवर, 2012 को ड्यू था।  चॅूंकि बुच्‍ची देवी की मृत्‍यु दिनांक 28/7/2012 को हो चुकी थी अत: माह  अक्‍टूवर,2012 में उक्‍त पालिसियों के प्रीमियम की अदायगी स्‍वर्गीय  श्रीमती बुच्‍ची देवी द्वारा किऐ जाने का कोई अवसर नहीं था। विपक्षीगण  को ड्यू डेट पर प्रीमियम की अदायगी न करने के कारण पालिसियों के  लैप्‍स हो जाने का अवलम्‍ब लेकर पालिसियों में उल्लिखित बीमित राशि का भुगतान परिवादी को करने से इन्‍कार करके त्रुटि और सेवा में कमी  की है। इस निर्णय के पैरा सं0-2 में उल्लिखित बीमा पालिसियों की बीमित राशि जो कुल 4,75,000/- (चार लाख पिच्‍छत्‍तर हजार रूपया) होती है,  की ब्‍याज सहित अदायगी करने के विपक्षीगण उत्‍तरदाई हैं। क्षतिपूर्ति की  मद में परिवादी को 10000/- (दस हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की  मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है। 

आदेश

   परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि  तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित बीमित  राशि अंकन 4,75,000/- (चार लाख पिच्‍छत्‍तर हजार रूपया)  की अदायगी हेतु यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध और परिवादी के पक्ष में स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति की मद में 10000/- (दस हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का भी अधिकारी है। इस निर्णय के अनुसार समस्‍त  धनराशि का भुगतान परिवादी को एक माह में किया जाय।

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •      0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      03.06.2016          03.06.2016         03.06.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य           अध्‍यक्ष

    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       03.06.2016        03.06.2016       03.06.2016

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.