ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादिनी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे अपने भाई स्व0 जीशान की मृत्यु के फलस्वरूप बतौर नोमिनी बीमा राशि 5,00,000/- रूपया तथा एक्सीडेंट राईडर बेनीफिट 5,00,000/- रूपया इस प्रकार कुल 10,00,000/- रूपया 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाऐ जाऐं। क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 10,000/- रूपया और परिवद व्यय परिवादिनी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के भाई स्व0 जीशान ने विपक्षी सं0-1 ने अपने जीवनकाल में एक बीमा पालिसी संख्या-19414572 ली थी। पालिसी में 5,00,000/- रूपया का एक्सीडंट राईडर बेनीफिट अतिरिक्त था। पालिसी दिनांक 30/10/2011 से प्रारम्भ हुई पालिसी में परिवादिनी नोमिनी है। दिनांक 04/01/2013 को परिवादिनी का भाई जीशान कार सं0-यू.के.04जी-4624 चलाकर दिल्ली जा रहा था, रास्ते में थाना डिडौली जिला अमरोहा के क्षेत्रान्तर्गत सुबह लगभग 8.00 बजे उसकी गाड़ी कोहरे में अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। जीशान गम्भीर रूप से घायल हो गया कार में बैठे मौ0 आसिफ को भी चोटे आई। जीशान को सरकारी अस्पताल जे0पी0नगर में भर्ती कराया गया। दिनांक 04/01/2013 को ही इस दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना डिडौली जिला जे0पी0नगर में दर्ज हुई। जीशान का मेडिकल परीक्षण सरकारी अस्पताल जे0पी0नगर में हुआ। चॅूंकि जीशान की चोटें गम्भीर थी अत: उसे बेहतर इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया गया। मेरठ ले जाते समय ज्यादा तबियत खराब हो जाने की बजह से उसे रास्ते में ही जीवन ज्योति सेवा संस्थान, गजरौला में भर्ती कराना पड़ा जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। परिवादिनी ने बहैसियत नोमिनी विपक्षी सं0-1 के समक्ष दिनांक 04/02/2013 को क्लेम प्रस्तुत किया जिसे विपक्षीगण ने पत्र दिनांकित 18/07/2013 द्वारा खारिज कर दिया। खारिजे की सूचना परिवादिनी को डाक द्वारा दिनांक 25/08/2013 को प्राप्त हुई। परिवादिनी के अनुसार उसका दावा विपक्षीगण ने विधि विरूद्ध तरीके से खारिज किया है और ऐसा करके उन्होंने सेवा में कमी की है, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादिनी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 दाखिल किया। शपथ पत्र के साथ उसने रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 18/7/2013, सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विपक्षी संख्या-1 को प्रेषित पत्र, क्लेम स्वीकार किऐ जाने हेतु विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 04 फरवरी, 2013, क्लेम के समर्थन में परिवादिनी द्वारा दिऐ गऐ शपथ पत्र, थाना डिडौली जिला जे0पी0नगर की दिनांक 04/01/2013 की जी0डी0, दुर्घटना के सम्बन्ध में थाना डिडौली की रिपोर्ट दिनांक 16/1/2013, परिवादिनी के निवास प्रमाण पत्र, बीमित जीशान का डेथ सर्टिफिकेट, जीवन ज्योति सेवा संस्थान गजरौला में जीशान के इलाज के सिलसिले में हुऐ खर्चे की रसीद, सरकारी अस्पताल जे0पी0नगर में दिनांक 04/01/2013 को हुऐ जीशान के मेडिकल एग्जामिनेशन की रिपोर्ट, सरकारी अस्पताल के पर्चे और नगर पंचायत गजरौला द्वारा जारी बीमित जीशान के डेथ सर्टिफिकेट की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/18 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/10 दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्वीकार किया गया है कि विपक्षीगण ने दिनांक 30/10/2011 को Reliance Endowment Plan के अधीन 5,00,000/- रूपये बीमा धन की एक पालिसी सं0-19414572 जीशान के नाम जारी की थी जिसमें परिवादिनी नोमिनी थी किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। अतिरिक्त कथनों में कहा गया कि प्रश्नगत पालिसी लेने से पूर्व बीमित जीशान ने विभिन्न बीमा कम्पनियों से अनेक बीमा पालिसियां ले रखीं थी। इन तथ्यों को उसने बीमा आवेदन करते समय छिपाया। साथ ही साथ उसने अपनी बीमारी का भी उल्लेख बीमा प्रपोजल फार्म में नहीं किया। विपक्षीगण के अनुसार बीमा आवेदन करते समय बीमित जीशान ने बीमा अधिनियम की धारा-45 के अधीन महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर और गलत ब्यानी करके बीमा पालिसी प्राप्त की थी। प्रतिवाद पत्र में अतिरिक्त यह भी कथन किया गया कि भ्न्नि-भिन्न पालिसियों में बीमित ने अपने व्यवसाय एवं आमदनी के स्रोत भिन्न-भिन्न अंकित किऐ और उसने अनुचित तरीके से विभिन्न बीमा कम्पनियों से लगभग एक करोड़ रूपये की बीमा पालिसियां प्राप्त कर लीं। प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-16 में विपक्षीगण ने उन पालिसियों का उल्लेख किया जो अभिकथित रूप से बीमित ने भिन्न कम्पनियों से ले रखीं थीं। विपक्षीगण ने उक्त कथनों के आधार पर यह कहते हुऐ कि बीमित ने चॅूंकि बीमा पालिसी लेते समय महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया था अत: बीमा दावा अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की, उन्होंने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवादिनी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/4 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। आर्डरशीट दिनांकित 21/05/2015 के मार्जिन पर विपक्षीगण की ओर से यह उल्लेख किया गया कि विपक्षीगण को कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करना है।
- परिवादिनी ने प्रार्थना पत्र कागज सं0-16/1 के माध्यम से विपक्षीगण की ओर से प्राप्त रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 18/07/2013, जीशान द्वारा अदा की गई 24382/- रूपया 18 पैसा की फर्स्ट पीमियम की रसीद, पालिसी शिडयूल, परिवादिनी द्वारा विपक्षी सं0-1 को प्रेषित क्लेम फार्म की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-16/2 लगायत 16/9 हैं।
- दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादिनी के भाई स्व0 जीशान ने अपने जीवनकाल में विपक्षी सं0-1 से एक बीमा पालिसी ‘’ Reliance Endowment Plan ‘’ ली थी। पत्रावली में अवस्थित पालिसी शिडयूल कागज सं0-16/4 के अवलोकन से प्रकट है कि यह पालिसी दिनांक 30/10/2011 को प्रारम्भ हुई। पालिसी दिनांक 30/10/2031 को मैच्योर होनी थी। पालिसी शिडयूल के अनुसार पालिसी अवधि में बीमा धारक की मृत्यु होने की दशा में उसके नोमिनी को Reliance Endowment Plan के अधीन 5,00,000/- रूपये तथा एक्सीडेंट राईडर बेनीफिट के अधीन अतिरिक्त 5,00,000/- रूपया इस प्रकार कुल 10,00,000/- रूपया देय था। फर्स्ट प्रीमियम अदा करने की रसीद कागज सं0-16/3 के अवलोकन से प्रकट है कि बीमित ने Reliance Endowment Plan के साथ-साथ एक्सीडेट राईडर बैनीफिट हेतु भी प्रीमियम अदा किया था। इस प्रकार उसने पालिसी के अधीन दोनों सुविधाऐं ली थीं।
- विपक्षीगण ने परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत बीमा दावे को इस आधार पर खारिज किया है कि बीमा आवेदन करते समय बीमित जीशान द्वारा अन्य बीमा कम्पनियों से भी पालिसियां ले रखी थीं जिसका उसने प्रपोजल फार्म में कोई उल्लेख नहीं किया। उसने अपने व्यवसाय तथा आमदनी के सम्बन्ध में भी गलत सूचनाऐं दी और इस प्रकार जीशान ने महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया जिसके आधार पर परिवादिनी का बीमा दावा अस्वीकृत किया गया। विपक्षीगण के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-16 में उल्लिखित बीमा पालिसियों में निम्नलिखित 3 बीमा पालिसियां ऐसी हैं जो मृतक जीशान ने प्रश्नगत पालिसी लेने से पूर्व अन्य बीमा कम्पनियों से ले रखी थीं।
A. HDFC लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पालिसी सं014647118, बीमा राशि 2,50,000/- रूपया B. HDFC लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पालिसी सं0-14653459 बीमा राशि 7,00,000/- रूपया - SBI लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमटेड, पालिसी सं0- 57001871210 बीमा राशि 4,50,000/- रूपया
- उपरोक्त तीनों पालिसियों के अतिरिक्त प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-16 में उल्लिखित शेष पालिसियां प्रश्नगत पालिसी लेने के बाद की हैं अत: विपक्षीगण का यह आरोप प्रमाणित नहीं होता कि बीमित जीशान ने प्रश्नगत पालिसी लेने से पूर्व लगभग एक करोड़ रूपये की बीमा पालिसियां अन्य बीमा कम्पनियों से ले रखीं थीं। इन तीनों बीमा पालिसियों का उल्लेख यदि प्रश्नगत बीमा पालिसी लेने हेतु किऐ गऐ प्रपोजल फार्म में नहीं है, तो यह ऐसा तथ्य नहीं है जिसके आधार पर यह माना जा सके कि ऐसा करके बीमित जीशान ने बीमा अधिनियम की धारा-45 के अधीन की गई अपेक्षाओं का उल्लंघन किया था और महत्वपूर्ण तथ्यों को विपक्षीगण से छिपाया था। बीमित जीशान कार चालक था। विपक्षीगण की ओर से प्रपोजल फार्म की नकल पत्रावली में दाखिल नहीं की गई है अत: यह प्रमाणित नहीं है कि विपक्षीगण से पालिसी लेते समय बीमित ने अपने व्यवसाय अथवा आमदनी के सम्बन्ध कोई गलत ब्यानी की थी। विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र में यधपि यह भी कथन किया है कि बीमित ने प्रपोजल फार्म भरते समय अपनी बीमारी को छिपाया। किन्तु विपक्षीगण ने यह उल्लेख नहीं किया कि बीमित को क्या बीमारी थी। बीमित जीशान की मृत्यु सड़क दुर्घटना में आई चोटों की बजह से हुई थी जैसा कि परिवाद के साथ दाखिल प्रपत्रों से प्रकट है। उसे कोई बीमारी थी ही नहीं अत: अभिकथित रूप से बीमारी को छिपाने सम्बन्धी विपक्षीगण ने जो कथन किऐ हैं, वह नि:तान्त आधारहीन हैं।
- पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्य के सम्यक आंकलन और विधिक मूल्यांकन के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे है कि बीमित ने प्रपोजल फार्म भरते समय ऐसा कोई तथ्य जो बीमा अधिनियम की धारा-45 से आच्छादित हों नहीं छिपाया। विपक्षीगण ने परिवादिनी का बीमा दावा अस्वीकृत करके त्रुटि की है। परिवादिनी Reliance Endowment Plan के अधीन क्लेम राशि के रूप में 5,00,000/- तथा एक्सीडेंट बेनीफिट राईडर की मद में 5,00,000/- रूपया इस प्रकार कुल 10,00,000/- रूपया और इस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने की अधिकारी है। परिवाद व्यय की मद में उसे 2500/- रूपया और क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 10,000/- रूपया अतिरिक्त दिलाया जाना चाहिऐ।
परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित बीमा राशि 5,00,000/- (पाँच लाख रूपया) तथा एक्सीडेंट बेनीफिट राईडर की मद में 5,00,000/- (पाँच लाख रूपया) इस प्रकार कुल 10,00,000/- (दस लाख रूपया) की अदायगी हेतु यह परिवाद परिवादिनी के पक्ष में, विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादिनी एकमुश्त 10,000/- (दस हजार रूपया) तथा परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्त प्राप्त करने की अधिकारिणीं होगी। समस्त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह के भीतर की जाऐ। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
17.02.2016 17.02.2016 17.02.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 17.02.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
17.02.2016 17.02.2016 17.02.2016 | |