जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री गोपाल माली पुत्र श्री हीरा जी माली, पोस्ट-लोडियाना, वाया-विजयनगर, तहसील- ब्यावर, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. रिलायन्स लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, षाखा कार्यालय, पावर हाउस के सामने, जयपुर रोड, अजमेर -305001
2. रिलायंस लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय- एच ब्लाॅक, प्रथम मंजिल, धीरूभाई अम्बानी नोलेज सिटी, नवी मुम्बई(महाराष्ट्र)
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 524/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी एवं श्री लक्ष्मण सिंह,अधिवक्तागण, प्रार्थी
2.श्री विवेक सक्सेना, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 21.10.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी से उसकी माता श्रीमति लहरी देवी द्वारा दिनांक 25.09.2012 को ली गई रू. 2,00,000/- की बीमा पाॅलिसी संख्या 50409341 के अन्तर्गत जब उसकी माताजी का दिनंाक 10.11.2012 को देहान्त हो जाने के पर उसके द्वारा समस्त औपचारिकताए पूर्ण करते हुए जो बीमा क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया, उसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 31.5.2012 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि बीमाधारक ने बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में अपने व्यवसाय व आय से संबंधित तथ्य को छिपा कर बीमा पाॅलिसी प्राप्त की गई है । प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी की माता द्वारा प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी लिए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि मृतका बीमा धारक ने बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते समय अपनी वास्तविक आय रू. 80,000/- के स्थान पर रू. 7 से 8 लाख होना बताई थी जबकि मृतका बीमाधारक एवं उसका परिवार बीपीएल परिवार है । इस प्रकार किसी तथ्य को छिपाए जाना अथवा गलत जानकारी देना बीमा पाॅलिसी की षर्तो एवं नियमों का उल्लघंन है । इसलिए प्रार्थी का क्लेम सही आधारों पर खारिज कर जरिए पत्र दिनंाक 31.5.2013 के सूचित कर उन्होने कोई सेवा में कमी कारित नहीं की है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री राजेष माथुर, प्रबन्धक का षपथपत्र पेष हुआ है ।
3. प्रार्थी का तर्क है कि उसकी माताजी द्वारा ली गई पाॅलिसी में बीमित अवधि के दौरान दिनंाक 10.11.2012 को निधन होने के कारण किए गए क्लेम को अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने गलत आधारों पर खारिज किया है । बीमा कम्पनी ने क्लेम खारिज करते हुए यह पाया है कि बीमित ने पाॅलिसी लेते समय भरे गए प्रस्ताव पत्र में अपने व्यवसाय व आय के संबंध में गलत तथ्य अंकित कर सही तथ्यों को छिपाया है, जबकि अप्रार्थी के अनुसार वास्तविक स्थिति ऐसी नहीं है । प्रार्थी ग्रामीण परिवेष की अषिक्षित ग्रामीण महिला थी व तत्ससमय उपलब्ध साधनों को ध्यान में रखते हुए अंदाजन आय अंकित की गई थी व इसी के अनुरूप पाॅलिसी जारी की गई है । बीमा कम्पनी ने खारिज किए गए क्लेम में मृतका बीमित का बीपीएल परिवार होना व व्यवसाय के रूप में रू. 7 से 8 लाख उसकी आय का आधार, प्रार्थी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को बनाते हुए जो क्लेम खारिज किया गया है वह अनुचित है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. खण्डन में बीमा कम्पनी ने मृतका बीमाधारक का व्यवसाय व बीपीएल परिवार होना व उसकी आय प्रार्थी के पत्र के अनुसार रू. 7 से 8 लाख होना बताया है व इस आधार पर गलत तथ्यों को बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में अंकित करते हुए बीमा पाॅलिसी प्राप्त करना बीमा षर्तो का उल्लंघन था व क्लेम सही रूप से खारिज करना बताया । प्रार्थी ने अपने तर्को के समथर्न में निम्न न्यायिक दृष्टान्तों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया:-
1ण् 2013;4द्धब्च्त् 135;छब्द्धस्प्ब् टे डतण् ळलंदपदकमत
2ण् प्प्प्;2013द्धब्च्श्र 74 ; त्ंरंेजींद ैजंजम ब्वदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद ण् स्प्ब् टे छंजीन स्ंस ैंपद - व्तेण्
3ण् 2009 ब्च्श्र;छब्द्ध 224 स्प्ब् टे त्ंउ डनतजप
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चयों में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्तों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. पत्रावली में उपलब्ध प्रस्ताव पत्र के अनुसार बीमित मृतका ने पाॅलिसी लेते समय अपनी वार्षिक आय रू. 80,000/- व इसका स्त्रोत खेती होना बताया है । बीमा कम्पनी के अनुसार क्लेम प्रस्तुत किए जाने के बाद उनके द्वारा किए गए अनुसंधान के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि मृतका बीपीएल परिवार की थी तथा उसकी आय रू. 7 से 8 लाख नहीं थी। यह प्रतिवाद प्रमाण पत्र के आधार पर लिया गया है व मृतका के पुत्र गोपाल माली का दिनंाक 28.6.2012 का लिखा गया वह प्रार्थाना पत्र है जिसके अन्तर्गत उसने अपने परिवार की आय रू. 7 से 8 लाख होना बताया है तथा बीमा कम्पनी ने क्लेम में इन्कम कम होना बताया है बल्कि उसके अनुसार उसके पास 30 बकरियां , प्रत्येक बकरी का एक वर्ष में दो बार बच्चे देना और 1 बकरी के 2 बच्चे होना व एक बच्चे की कीमत रू. 3000/- होना बताया है व कृषि कार्य करना व दूसरे के खेत साझे पर लेना व एक ट्रेक्टर भी होना बताया है । यह बडे दुख व आष्चर्य की बात है कि बीमा कम्पनी ने इस ख्याली रूपी पुलाव पत्र को आय का आधार मानते हुए बीमित का क्लेम खारिज कर दिया है । पाॅलिसी लेते समय निष्चित रूप से बीमाधारक एक अषिक्षित ग्रामीण परिवेष की सामान्य खेती बाड़ी कर गुजारा करने वाली महिला थी तथा तत्समय उसकी अनुमानित वार्षिक आय रू. 80,000/- थी । बीमा कम्पनी ने उक्त बीमित को बीपीएल परिवार का होना बताया है । पत्रावली पर जो राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी जाॅबकार्ड उपलब्ध है , उसके अनुसार प्रार्थी को बीपीएल परिवार से संबंधित नहीं होना बताया है । यहीं नहीं अप्रार्थी का रेपुडिऐषन पत्र दिनंाक 31.5.2013 के पष्चात् प्रार्थी से उसकी आय के संबंध में जानकारी चाही गई है व उपरोक्त वर्णित जानकारी दिए जाने के बाद बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 9.7.2013 के द्वारा क्लेम खारिज किया है जो कतई न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है क्योंकि मृतका बीमाधारक के द्वारा प्रस्ताव प्रपत्र्र भरते समय उसकी आय एक मात्र स्वयं की थी तथा यह आय भी मात्र कयासों के आधार पर बताई गई है, जैसा कि उन्होंने उपर वर्णित किया है । फलतः यह आय निष्चित रूप से आय नहीं मानी जा सकती । जिस आधार पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लेम खारिज किया है वह उनकी कार्यप्रणाली पर प्रष्नचिन्ह व सन्देह उत्पन्न करता है । मंच की राय में अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने ऐसा करते हुए अदूरदर्षिता का परिचय देते हुए सेवा में कमी कारित की है । जहां तक प्रार्थी की ओर से प्रस्तुत नजीरों में प्रतिपादित सिद्वान्तों का प्रष्न है, इनमें मोटे तौर पर यही प्रतिपादित किया गया है कि जहां अषिक्षित बीमित ने अपनी आय का प्रपोजल फार्म में उल्लेख किया है , वहां इसके खण्डन में लिए गए प्रतिवाद को सिद्व करने का भारी अप्रार्थी पर रहेगा । हस्तगत मामले में भी यही स्थिति है । चूंकि अप्रार्थी ऐसा करने में असफल रहा है , अतः उसका इस बाबत् लिया गया प्रतिवाद स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमा पाॅलिसी संख्या 50409341 पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 2,00,000/- बीमा क्लेम खारिज करने की दिनांक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. रू. 5000/-भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 21.10.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष