जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम,जनपद फर्रूखाबाद ।
उपस्थित................................श्री षिव प्रसाद कुषवाहा,अध्यक्ष
श्रीमती सुशमारानी जाटव,सदस्या
परिवाद संख्या-208/2008
अनुराग सिंह पुत्र वीरेन्द्र सिंह आयु करीब 25 साल निवासी सिविल लाइन बरगदियाघाट फतेहगढ परगना पहाडा तहसील सदर जनपद फर्रूख्,ााबाद।
..............परिवादी
बनाम
1- षाखा प्रबंधक रिलायन्स जनरल इंष्योरेंष कम्पनी लिमिटेड षाखा कार्यालय चतुर्थ तल,
मेगामाल माल रोड कानपुर जिला कानपुर नगर ।
2- षाखा प्रबंधक टाटा फायनेन्सियल लिमिटेड षाखा कार्यालय टाटा फायनेन्सियल सर्विसेज
लिमिटेड हिन्दुस्तान होटल बढपुर परगना पहाडा तहसील सदर जिला फर्रूखाबाद।
..................विपक्षीगण
नि र्ण य
परिवादी द्धारा यह परिवाद-पत्र विपक्षीगण के विरूद्ध इन अभिकथनों के साथ प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ने एक टाटा सफारी एल0एक्स0 इंजन नम्बर-871351 चेसिस नम्बर-10817 पंजीयन संख्या-यू0पी0 76जे0/1001 निर्माण वर्श 2007 क्रय की जिसका फायनेन्स विपक्षी संख्या-2 द्धारा किया गया तथा विपक्षी संख्या-2 के ही द्धारा विपक्षी संख्या-01 के यहां उसका बीमा असीमित क्षतिपूर्ति हेतु कराया दुर्घटना दिनांक को परिवादी की उपरोक्त सफारी का बीमा वैध एंव प्रभावी था । दिनांक 2/5/08 को समय करीब रात 9-30 बजे फर्रूखाबाद हरदोई मार्ग पर सवायजपुर बाजार के निकट अचानक एक गाय के सामने आने तथा उसे बचाने के कारण गाडी अनियंत्रित होकर सडक के किनारे दाई ओर पलट गई जिसमें बैठे मेरे बडे भाई राजवीर सिंह व ड्र्ाइवर के चोटें आयी गाडी को मनोज कुमार उर्फ अनन्तराम जिसके पास गाडी चलाने का वैध एंव प्रभावी लाईसेंस है वह गाडी को बडी ही सावधानी पूर्वक चला रहा था । सफारी पलटने से परिवादी की गाडी
पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी जिसकी सूचना तुरन्त ही लिख्,िात रूप से थाना लोनार जनपद हरदोई को दी तथा दुर्घटना की सूचना बिना कोई देरी किये विपक्षीगण को दी थी जिसमें विपक्षीगण के निर्देषानुसार क्षतिग्रस्त गाडी को दिनांक 3-5-2008 को एस0के0क्रेन सर्विस सिमरन ब्रेक डाउन षाहजहांपुर रोड हरदोई से क्रेन संख्या-यू0एस0एक्स -1052 के माध्यम से गाडी विपक्षी संख्या-2 द्धारा संचालित सोसाइटी मोटर्स लिमिटेड वाडी षोप डिवीजन 12/476 ग्वाल टोली कानपुर में ठीक होने के लिये भिजवाई गयी जिसमें क्रेन का किराया 8,500/- नकद मुझ परिवादी द्धारा अदा किया गया । विपक्षी संख्या-2 के वर्कषाप में दुर्घटनाग्रस्त सफारी का सर्वेक्षण विपक्षी संख्या-1 के द्धारा भेजे गये सर्वेयर द्धारा किया गया जिसके अनुसार क्लेम फाईल संख्या-2081112041 आप विपक्षी संख्या-1 के कार्यालय में खोली गयी सफारी वाडी आदि रिपेयरिंग की अनुमानित लागत 4,30,968/- एंव इंजन आदि की रिपेयरिंग की अनुमानित लागत 5,77,398/- कुल 10.08,366/- अनुमानित लागत बनी जिसके कागज आप विपक्षी संख्या-1 को प्राप्त कराये जा चुके हैं परिवादी की पूरी क्षतिग्रस्त सफारी उसी हालत में निश्क्रिय अवस्था में विपक्षी संख्या-2 की गैरिज में पडी हुई है । विपक्षी संख्या-1 ने अभी तक कोई क्लेम अदा नहीं किया है और क्षतिपूर्ति देने में कोई न कोई बहाना बनाकर टाल मटोल कर रहे हैं और बीमा पाॅलिसी में वर्णित दिषा निर्देषों एंव षर्तो का उल्लंघन कर परिवादी का उत्पीडन किया जा रहा है इसमें उसकी मनो दषा पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है इसके लिये आप पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं और विपक्षी संख्या-2 भी कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं इससे परिवादी को अपूर्णीयक्षति हो रही है । इसी बीच विपक्षी संख्या-2 द्धारा मुझ परिवादी की बिना सहमति से बिना कोई सूचना दिये यह जानते हुये भी कि परिवादी की गाडी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और निश्क्रिय अवस्था में उसी की गैरिज में पडी है फिर भी अतिरिक्त भार डालने के उददेष्य से उसका बीमा न्यू इंण्डिया इंष्योरेंष कम्पनी लिमिटेड के यहां करा दिया जिसके लिये परिवादी किसी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है। परिवादी की गाडी क्षतिग्रस्त होने से उसे अपना कार्य देखने के लिये 1,000/- प्रति दिन के हिसाब से दूसरी गाडी किराये पर लेनी पडी है जिसके किराये के लिये विपक्षी संख्या-1 पूर्ण रूप से उत्तरदायी है साथ ही परिवादी की गाडी कीमत करीब 7,000000/- जो विपक्षी संख्या-2 के यहां से फाईनेन्स है क्लेम अदा न होने से परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक क्षति भी पहुंच रही है इस समस्त के जिम्मेदार विपक्षीगण हैं। परिवादी ने क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु विपक्षीगण को दिनांक 5-9-2008 को विधिक नोटिस दिया तथा इससे पूर्व एक प्रार्थना-पत्र दिनांक 21-7-2008 को भी विपक्षीगण को दिया किन्तु आज दिनांक तक कोई भी उत्तर अथवा क्लेम परिवादी को नहीं मिला है तब मजबूर होकर परिवादी माननीय न्यायालयमें क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु वाद दायर कर रहा है। परिवादी की गाडी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है,जिसके लिये परिवादी को विपक्षीगण से निम्नलिखित क्षतिपूर्ति दिलायी जानी अति-आवष्यक हैः-
परिवादी द्धारा अपने परिवाद-पत्र के माध्यम से विपक्षीगण के विरूद्ध यह अनुतोश चाहा गया है कि
अ- परिवादी की टाटा सफारी एल0एक्स के स्थान पर नई टाटा सफारी एल0
एक्स0 अथवा विपक्षी संख्या-2 की अधिकृत गैरिज से दिये गये मेन्टीनेस
के स्टीमेट की धनराषि मुवलिग 10,08,366/- विपक्षी संख्या-1 से
ब- दुर्घटना दिनांक 2-5-2008 से अदायगी तक परिवादी द्धारा अपने कार्य
के लिये ली गयी दूसरी टैक्सी का किराया 1,000/- प्रतिदिन के हिसाब
से जो भी धनराषि बने वह विपक्षी संख्या-01 से ।
स- क्रेन खर्चा 8,500/- एंव विपक्षी संख्या-2 की परिवादी के उपर ऋण की
धनराषि पर दुर्घटना दिनांक से अदायगी तक जो भी व्याज बने विपक्षी
संख्या-1 से ।
द- परिवादी की निश्क्रिय टाटा सफारी का पुनः न्यू इंण्डिया इंष्योरेंष कम्पनी
लिमिटेड के यहां कराये गये बीमा के प्रीमियम की धनराषि विपक्षी सं0-2 से।
य- परिवादी को हुई मानसिक पीडा की क्षतिपूर्ति के रूप में 2,00,000/- एंव
नोटिस खरर्चा 500/- तथा परिवाद-व्यय 10,000/- विपक्षीगण से ।
अतः परिवादी को विपक्षीगण से उपरोक्त धनराषि जो भी बने मय बैंक व्याज दिनांक वाद दायरा से अदायगी तक के लिये दिलाये जाने के आदेष पारित किये जावें ।
विपक्षी संख्या-1 द्धारा परिवादी के परिवाद-पत्र के विरोध में अपना प्रतिवाद-पत्र प्रस्तुत करते हुये यह वर्णित किया गया है कि परिवाद-पत्र की चरण संख्या-1 में प्रष्नगत वाहन का बीमा होना स्वीकार है षेश कथन अस्वीकार हैं। परिवाद-पत्र के चरण संख्या-2 में वर्णित कथन अस्वीकार हैं इस बावत स्पश्टीकरण अतिरिक्त कथन में निहित हैं। परिवाद-पत्र के चरण संख्या-3 लगायत -06 में वर्णित तथ्य अस्वीकार हैं। परिवाद-पत्र की चरण संख्या-7 में वर्णित तथ्य अस्वीकार हैं। परिवादी विपक्षी संख्या-1 से कोई अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी नहीं हैं। विपक्षी संख्या-1 द्धारा अपने अतिरिक्त कथन में यह वर्णित किया गया है कि परिवादी को कोई कारण विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध उक्त परिीवाद दायर करने का उत्पन्न नहीं हुआ तथा परिवाद-पत्र में अंकित तथ्य असत्य अर्नगल एंव कल्पित तथ्यों पर आधारित होने के कारण सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी का यह कथन पूर्णतया असत्य है कि उसकी प्रष्नगत सफारी गाडी में क्षति 10,00,366/- की हुई है अपितु वास्तविकता यह है कि परिवादी की प्रष्नगत क्षति का आंकलन श्री विनय कुमार त्रिपाठी सर्वेक्षक को बीमा प्रावधानों के अन्र्तगत नियुक्त करके कराया गया,जिन्होंने वास्तविक क्षति मुवलिग 2,29,638/- किया परन्तु परिवादी प्रष्नगत दुर्घटना का अनुचित लाभ प्राप्त करने हेतु क्षतिपूर्ति धनराषि का बढा-चढा कर प्राप्त करने हेतु उक्त परिवाद प्रस्तुत किया जो कि सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी ने असत्य रूप से प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि 7,000000/- दर्षायी है जब कि उसने स्वंय प्रष्नगत वाहन का मूल्य 6,96,350/- बताकर प्रष्नगत वाहन का बीमा कराया था । प्रष्नगत वाहन का बीमा दिनांक 31-7-2007 को कराया गया था तथा प्रष्नगत दुूर्घटना दिनांक 17-5-2008 को हुई अर्थात लगभग दस माह तक परिवादी ने प्रष्नगत वाहन का उपयोग किया है जिसमें निष्चित रूप से वाहन के विभिन्न पुर्जो का उपयोग होने से होने वाले मूल्य ह्रास का होना स्वभाविक है परन्तु परिवादी ने जानबूझकर उक्त तथ्य का उल्लेख अपने परिवाद में न करके अपने कलुशित मन्तव्य का परिचय दिया । परिवादी द्धारा बीमा प्रावधानों का दुरूपयोग करके वाहन का वाणिज्यिक प्रयोग किया जाना कहा है जब कि प्रष्नगत वाहन का बीमा व्यक्तिगत प्रयोग के लिये किया गया था । परिवादी ने परिवादी ने उक्त परिवाद उपभोक्ता संरक्षण प्रावधानों का दुरूपयोग करके प्रस्तुत किया है जो सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी का उक्त परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध अपरिपक्व होने के कारण सव्यय निरस्त होने योग्य है।
परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 के ऋण दायित्वों से बचने के लिये उक्त परिवाद प्रस्तुत किया है जो सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी का उक्त परिवाद असद्भावी होने के कारण निरस्त होने योग्य है। परिवादी ने उक्त परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध बिना किसी युक्तियुक्त आधार के प्रस्तुत किया है जो सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी ने उक्त परिवाद पूर्ण असत्य एंव अर्नगल तथ्यों के आधार पर विपक्षी संख्या-1 को अनावष्यक रूप हैरान व परेषान करने के मन्तव्य से प्रस्तुत किया है जो सव्यय निरस्त होने योग्य है।
अतः परिवादी का उक्त परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध सव्यय निरस्त किया जावे ।
विपक्षी संख्या-02 द्धारा परिवादी के परिवाद-पत्र के विरोध में अपना प्रतिवाद-पत्र प्रस्तुत करते हुये यह वर्णित किया गया है कि परिवाद असत्य एंव मिथ्या कथनों पर आधारित है सिद्ध भार परिवादी पर है। परिवादी विपक्षी संख्या-2 का उपभोक्ता नपहीं है और न ही प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता विवाद की श्रेणीं में आता है। परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध विधिक रूप से पोशणींय नहीं है। माननीय न्यायालय को परिवाद श्रवण की क्षेत्रीय अधिकारिता प्राप्त नहीं है। परिवाद में वर्णित कथानक के अनुसार परिवादी को कोई क्षेत्राधिकार माननीय मंच के क्षेत्राधिकार के अन्र्तगत परिवाद प्रस्तुत करने का उत्पन्न नहीं हुआ । जो घटना परिवादी द्धारा अपने परिवाद के कथानक में वर्णित की गयी है वह सवायजपुर जनपद हरदोई में घटित होना बताया गया है। बीमा का होना कानपुर विपक्षी संख्या-1 के कार्यालय में होना प्रष्नगत वाहन का हरदोई में घटना के पहुंचना सोसाइटी मोटर्स कानपुर में प्रष्नगत वाहन को ठीक होने के लिये भेजना फर्रूखाबाद के क्षेत्राधिकार व वाद कारण को वाधित करता है। प्रस्तुत परिवाद में विपक्षी संख्या-2 की सेवा में कोई व्यतिक्रम होना वर्णित नहीं किया गया है बल्कि जो सहयोग न करने की बात कहीं गई वह केवल काल्पनिक है परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 को कथित् घटना की कोई सूचना कभी नहीं दी । परन्तु विपक्षी ने अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुये परिवादी के निर्देष के अनुसार समय के अन्दर प्रष्नगत वाहन का बीमा कराया । विपक्षी से प्रस्तुत परिवाद में कोई याचना नहीं की गयी है। और उसे अनावष्यक पक्षकार बनाया गया है और जो बीमा की प्रीमियम की गयी है वह बीमा की प्रीमियम की धनराषि का दिया जाना परिवादी का दायित्व है। विपक्षी संख्या-2 के सम्बन्ध में परिवादी का परिवाद सारहीन तथ्यहीन मिथ्या कथनों पर आधारित है निरस्त होने योग्य है और विपक्षी संख्या-2 परिवादी से धारा-26 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्र्तगत विषेश प्रतिकर प्राप्त करने का अधिकारी है,तदानुसार परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-2 के पक्ष में सव्यय निरस्त किया जावे ।
परिवादी द्धारा अपने कथनों के समर्थन में अपना षपथ-पत्र क्रमषः प्रपत्र संख्या- 02 एंव 31 एंव जनपद हरदोई थाना लोनार में दी गयी सूचना दिनांकित 02-5-08 की प्रतिलिपि,बीमा पाॅलिसी एंव रजिस्ट्र्ेषन की प्रतिलिपि,बीमा पाॅलिसी की प्रतिलिपि,नोटिस की प्रतिलिपि मय रजिस्ट्र्ी रसीदें,विपक्षी संख्या-02 एंव 01 को सूचना प्रेशित पत्रांक दिनांकित 21/7/2008 की प्रतिलिपि मय पंजीकृत डाक रसीदें,रिपेयर आर्डर फार्म क्लेम नम्बर-208112041 दिनांकित 12-5-2008 की प्रतिलिपि,सोसायटी मोटर्स लिमिटेड द्धारा दिये गये स्टीमेट दिनांकित 10-5-2008 एंव 12-6-2008 की प्रतिलिपि,एस0एस0के्रन सर्विस हरदोई द्धारा प्रदत्त बिल दिनांकित 03-5-2008 की प्रतिलिपि,नोटिस की मूल प्रतिलिपि,ड्र्ाइविंग लाईसेंस की प्रतिलिपि,पंजीयन पुस्तिका का अस्थाई अधिकार-पत्र की प्रतिलिपि,प्रस्तुत किये गये हैं।
विपक्षी संख्या-1 की ओर से अपने प्रतिवाद-पत्र के कथनों की पुश्टि में कृश्णकान्त का षपथ-पत्र एंव सर्वेयर विनय कुमार त्रिपाठी की सर्वेयर आख्या की प्रतिलिपि प्रस्तुत की गयी हैं।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना एंव उभयपक्ष द्धारा प्रस्तुत लिखित बहस का अवलोकन किया और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का भी अवलोकन किया ।
परिवादी का कथन है कि दिनांक 02-5-2008 को समय करीब रात 8-30 बजे फर्रूखाबाद हरदोई मार्ग पर सवायजपुर बाजार के निकट अचानक सामने से गाय आने पर एंव उसे बचाने के कारण गाडी सफारी संख्या-यू0पी0-76जे0-1801 अनियंत्रित होकर सडक के दायें किनारे पर पलट गयी । सफारी गिरने से परिवादी की गाडी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी । जिसके बारे में परिवादी ने अपना षपथ-पत्र प्रस्तुत किया है । विपक्षी संख्या-01 ने यह माना है कि परिवादी की प्रष्नगत क्षति का आंकलन श्री विनय कुमार त्रिपाठी सर्वेयर को बीमा प्रावधानों के अनुसार नियुक्त करके कराया गया । इस प्रकार यह स्पश्ट है कि परिवादी की उक्त सफारी दिनांक 02-5-2008 को समय करीब रात 8-30 बजे फर्रूखाबाद हरदोई मार्ग पर सवायजपुर बाजार के निकट अचानक गाय के सामने आने पर एंव उसे बचाने के कारण अनियत्रिंत होकर दायें की ओर गिर पडी जिससे परिवादी की गाडी क्षतिग्रस्त हो गयी ।
परिवादी का कथन है कि उसकी सफारी गाडी घटना के समय मनोज कुमार उर्फ अनन्तराम चला रहा था जिसके पास उसका लाईसेंस था उसने अनन्त कुमार का ड्र्ाईविंग लाईसेंस प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार ड्र्ाईविंग लाईसेंस दिनांक 23/01/2002 से 22/01/2022 तक वैध था । इस प्रकार दुर्घटना के समय प्रष्नगत सफारी वैध एंव प्रभावी लाईसेंसधारी ड्र्ाईवर द्धारा चलायी जा रही थी ।
परिवादी का कथन है कि उसकी सफारी का बीमा दुर्घटना की दिनांक को वैध था उसने कवर नोट संख्या- प्रपत्र संख्या-06 एंव बीमा पाॅलिसी प्रपत्र संख्या-07 प्रस्तुत की है जिसके अनुसार परिवादी की सफारी का बीमा दिनांक 31-7-2007 से दिनांक 30-7-2008 तक था इस प्रकार दुर्घटना की दिनांक को परिवादी की उक्त सफारी बीमित थी ।
विपक्षी संख्या-02 का तर्क है कि घटना सवायजपुर जनपद हरदोई में हुई थी एंव प्रष्नगत सफारी का बीमा विपक्षी संख्या-01 के कार्यालय,कानपुर में हुआ था घटना स्थल सवायजपुर हरदोई से सोसायटी मोटर्स कानपुर को भेजी गयी थी,ऐसी स्थिति में परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार इस मंच का प्राप्त नहीं है। परिवादी की ओर से दाखिल बीमा कवर नोट व बीमा पाॅलिसी देखने से यह विदित होता है कि प्रष्नगत वाहन का बीमा फर्रूखाबाद में कराया गया था । विपक्षी ने इस बात से भी इन्कार नहीं किया है कि विपक्षी संख्या-1 की कोई षाखा फर्रूखाबाद में नहीं है ऐसी स्थिति में परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार इस मंच को प्राप्त है और विपक्षी संख्या-02 के उक्त तर्क में कोई बल नहीं है ।
परिवादी का कथन है कि विपक्ष़्ाी संख्या-02 की वर्कषाप में दुर्घटनाग्रस्त सफारी का सर्वे विपक्षी संख्या-01 द्धारा भेजे गये सर्वेयर द्धारा किया गया जिसके अनुसार क्लेम फाइल नम्बर- 208112041 विपक्षी संख्या-1 के कार्यालय में खोली गयी । सफारी की बाडी आदि की रिपेरिंग की अनुमानित लागत 4,30,968/- एंव इंजन आदि की रिपेरिंग की अनुमानित लागत 5,77,398/- कुल 10,08,366/- बनी । जिसका कागज विपक्षी संख्या-01 को प्राप्त कराया जा चुका है,किन्तु विपक्षी सांख्या-1 ने अभी तक कोई क्लेम अदा नहीं किया ।
परिवादी द्धारा अपने कथनों के समर्थन में अपना षपथ-पत्र एंव रिपेयर आर्डर फाॅर्म व स्टीमेट की प्रतिलिपि प्रपत्र संख्या-16 लगायत -24 प्रस्तुत की हैं। परिवादी द्धारा उक्त स्टीमेट की मूल प्रति नहीं प्रस्तुत की गयीं हैं और न स्टीमेट बनाने वाले या सर्वेयर का षपथ-पत्र प्रस्तुत किया है।
बीमा प्रति के अनुसार बीमा की दिनांक 31-7-2007 को सफारी की कीमत 6,96,350/- बतायी गयी थी,किन्तु परिवादी के अनुसार उक्त सफारी की मरम्मत आदि की लागत 10,000,00/- बतायी गयी है । जो बहुत अधिक है इस प्रकार परिवादी द्धारा दिये गये साक्ष्यों से सफारी की क्षति की मरम्मत आदि की लागत 10,000,00/- साबित नहीं होती है। विपक्षी संख्या-01 ने कहा है कि प्रष्नगत गाडी की क्षति का आंकलन विपक्षी संख्या-1 द्धारा बीमा प्रावधानों के अनुसार श्री विनय कुमार त्रिपाठी सर्वेयर द्धारा कराया गया तो सर्वेक्षक द्धारा वास्तविक क्षति 2,29,638.60/- बतायी गयी है । इस बारे में बीमा कम्पनी की ओर से विधि प्रबंधक कृश्ण कान्त का षपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया है एंव विनय कुमार त्रिपाठी द्धारा एसाइनमेन्ट डिटेल की रिपोर्ट की प्रतिलिपि प्रपत्र संख्या-53 प्रस्तुत की गयी है जिसमें रिलांयस जनरल इंष्योरेंष की मोहर लगी है । परिवादी ने भी अपन परिवाद में दुर्घटनाग्रस्त सफारी का भी सर्वे विपक्षी संख्या-1 द्धारा भेजे गये सर्वेयर द्धारा किया जाना कहा गया है ऐसी स्थिति में सफारी गाडी की क्षति की वास्तविक लागत 2,29,638.66/- मानी जाती है । परिवादी अपनी सफारी गाडी की क्षति बीमा क्लेम विपक्षी संख्या-1 के यहां प्रस्तुत है,जिसका क्लेम विपक्षी ने नहीं दिया है इस प्रकार विपक्षी संख्या-1 ने सेवा में कमी की है अतः परिवादी विपक्षी संख्या-01 से 2,29,638.66/- मय 06 प्रतिषत वार्शिक व्याज पाने का अधिकारी है।
परिवादी का कथन है कि गाडी क्षतिग्रस्त होने के बाद विपक्षीगण के निर्देषानुसार एस0एस0के्रन डाउन षाहजहांपुर रोड हरदोई से क्रेनसंख्या-यू0एस0एक्स0-1052 से गाडी विपक्षी संख्या-2 द्धारा संचालित सोसायटी मोटर्स लिमिटेड बाडी षो डिवीजन 12/476,ग्वाल टोली में ठीक कराने के लिये भिजवायी थी जिसमें क्रेन का किराया 8,500/- नकद परिवादी द्धारा अदा किया गया था जिसके बारे में उसने षपथ-पत्र प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी भी यह मानता है कि उसने प्रष्नगत गाडी की क्षति का सर्वे सोसायटी मोटर्स जी0टी0रोड,कानपुर में कराया था इस प्रकार यह स्पश्ट है कि गाडी घटना स्थल से सोसायटी मोटर्स,कानपुर ले जायी गयी क्रेन से ले जाने में व्यय होना स्वाभाविक है परिवादी ने ले जाने का किराये 8,500/- बताया है,जिसे विपक्षी संख्या-1 ने अदा नहीं किया है इस प्रकार उसके द्धारा सेवा में कमी की गयी है,अतः उक्त धनराषि विपक्षी संख्या-1 से परिवादी को 06 प्रतिषत वार्शिक व्याज की दर के साथ दिलाया जाना उचित है ।
परिवादी का कथन है कि गाडी क्षतिग्रस्त होने से उसे अपना कार्य देखने के लिये 1,000/- प्रति दिन के हिसाब से दूसरी गाडी किराये पर लेनी पडी जिसके किराये के लिये विपक्षी संख्या-01 पूर्णरूप से उत्रदायी है । इस बारे में परिवादी द्धारा कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है,एंव न ही आने-जाने का किराया अदा करने का कोई विवरण प्रस्तुत किया गया । ऐसी स्थिति में परिवादी 1,000/- प्रति-दिन के हिसाब से गाडी क्षतिग्रस्त होने के बाद से दूसरी गाडी अपने कार्य के लिये किराये पर लेने का पाने का अधिकारी नहीं है ।
परिवादी का कथन है कि विप क्षी संख्या-2 ने उसकी सहमति के बिना दिनांक 28-7-2008 से दिनांक 27-7-2009 तक का बीमा कराया था,इसलिये उक्त धनराषि विपक्षी संख्या-2 से उसे दिलायी जाये ।
विपक्षी संख्या-2 ने कथन किया है कि परिवादी के निर्देषानुसार उसने प्रष्नगत गाडी का बीमा कराया था । पत्रावली में बीमा की प्रति प्रपत्र संख्या-09 उपलब्ध है,जिसके अनुसार उसकी गाडी का बीमा परिवादी के नाम से हुआ है । ऐसी स्थिति में परिवादी के उक्त बीमा की प्रीमियम धनराषि दिलाया जाना उचित नहीं है ।
परिवादी का कथन है कि प्रष्नगत गाडी के मेन्टीनेन्स की धनराषि 10,08,366/- विपक्षी संख्या-01 से दिलायी जावे अथवा प्रष्नगत गाडी के स्थान पर नई टाटा सफारी दिलायी जाये । जहां तक मेन्टीनेन्स दिलाने का प्रष्न है इस बारे में विवेचना की जा चुकी है। जहंा तक क्षतिपूर्ति के स्थान पर नई टाटा सफारी दिलाने का प्रष्न है,प्रष्नगत सफारी विक्रेता को पक्षकार नहीं बनाया है । ऐसी स्थिति में परिवादी को क्षतिग्रस्त का मूल्य दिलाया जाना उचित पाया गया है। ऐसी स्थिति में परिवादी को क्षतिग्रस्त सफारी के स्थान पर नई टाटा सफारी दिलाया जाना उचित नहीं है।
तद्नुसार परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से विपक्षी संख्या-01 के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है,एंव विपक्षी संख्या-02 के विरूद्ध निरस्त किये जाने योग्य है।
आ दे ष
..........................
परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-01 के विरूद्ध आंषिक रूप से स्वीकार किया जाता है एंव विपक्षी संख्या-02 के विरूद्ध निरस्त किया जाता है।
विपक्षी संख्या-01 को आदेषित किया जाता है कि वह आज की दिनांक से तीस दिवस के अन्दर परिवादी को प्रष्नगत गाडी की क्षतिपूर्ति की लागत 2,29,638.60/- एंव 8,500/- क्रेन से ढुलाई का व्यय मय 06 प्रतिषत साधारण वार्शिक व्याज की दर के साथ परिवाद की दिनांक 18/10/2008 से भुगतान करने की दिनांक तक भुगतान करें ।
विपक्षी संख्या-01 को यह भी आदेषित किया जाता है कि वह परिवादी को 500/- मानसिक एंव षारीरिक कश्ट की क्षतिपूर्ति हेतु एंव 500/- परिवाद-व्यय उपरोक्त समयावधिन्र्तगत परिवादी को भुगतान करना सुनिष्चित करें ।
सुशमारानी जाटव षिव प्रसाद कुषवाहा
सदस्या, अध्यक्ष,
उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम,
जनपद,फर्रूखाबाद। जनपद,फर्रूखाबाद।
24-03-2015 24-03-2015
यह निर्णय आज खुले फोरम में हस्ताक्षरित,दिनांकित एंव उद्घोशित किया
गया ।
सुशमारानी जाटव षिव प्रसाद कुषवाहा
सदस्या, अध्यक्ष,
उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम,
जनपद,फर्रूखाबाद। जनपद,फर्रूखाबाद।
24-03-2015 24-03-2015