जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
कैलाष रावत पुत्र श्री ओंकार जी रावत, जाति- रावत, निवासी- हरियाखेड़ा, तहसील- वल्लभनगर, जिला-उदयपुर
- प्रार्थी
बनाम
1. रिलायंस जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए षाखा प्रबन्धक, अजमेर
2. रिलायंस जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए षाखा प्रबन्धक, रिलायंस सेन्टर 19,वालचन्द हीराचन्द मागर्क, बलाड़ एक्सटेंषन मुम्बई- 400001
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 270/2014
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री भंवर सिंह गौड़,अधिवक्ता प्रार्थी
2.श्री तेजभान भगतानी,अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 10.11.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसका वाहन संख्या आर.जे.27. एस.जेड. 5458 जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां दिनंाक 22.1.2013 से 21.1.2014 तक की अवधि के लिए बीमित था, के दिनंाक 25.4.2013 को चोरी हो जाने की सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देते हुए पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 111/13दिनंाक 7.5.2013 को दर्ज करावाने व इसमें एफ.आर पेष कर दिए जाने के पष्चात् उसके द्वारा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर जो बीमा क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लेम का भुगतान नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रारम्भिक आपत्ति में यह दर्षाया है कि प्रार्थी ने अपने बीमित वाहन के चोरी हो जाने की सूचना तुरन्त ही उत्तरदाता को नही ं देकर बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन किया है । आगे मदवार जवाब प्रस्तुत करते हुए बीमा कम्पनी का कथन है कि वाहन चोरी होने की घटना दिनंाक 25.4.2013 की पुलिस में रिपोर्ट दिनांक 7.5.2013 को दर्ज करवाई गई । किन्तु उत्तरदाता को वाहन चोरी की सूचना नहीं दी गई । इस प्रकार प्रार्थी ने वाहन चोरी की सूचना बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तो के अनुसार उत्तरदाता को नही ंदेकर षर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए बीमा कम्पनी ने क्लेम खारिज करते हुए पत्र दिनंाक 9.10.2013 को क्लेम खारिजी की सूचना देकर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । उत्तरदाता का कथन है कि प्रार्थी का वाहन चोरी नही ंहुआ बल्कि उसने अपने वाहन को उदयपुर से अजमेर जाकर विक्रय कर दिया है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में अभिषेक सिंह, प्रबन्धक, विधि का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी का तर्क है कि प्रष्नगत मोटर साईकिल अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमिति होने व इस अवधि में दिनांक 25.4.2013 को हुई चोरी की सूचना पुलिस एवं बीमा कम्पनी को दिए जाने के बाद भी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 5.12.2013 के जरिए जो क्लेम विलम्ब से सूचना दिए जाने के आधार पर खारिज किया है, वह उचित नहीं है तथा उनकी सेवा में कमी का परिचायक है । वाहन के चोरी चले जाने के बाद आस पास तलाष किया गया था । तुरन्त ही इस बाबत् पुलिस में सूचना दी गई व बीमा कम्पनी को भी सूचित किया गया था । उनका यह भी तर्क है कि क्लेम बिना किसी युक्तसंगत आधार के खारिज किया गया है । परिवाद स्वीकार कर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए ।
4. खण्डन में अप्रार्थी बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने चोरी की सूचना 12-13 दिन देरी से दिए जाने व बीमा कम्पनी को अविलम्ब सूचित नहीं करने व इस आधार पर क्लेम को खारिज किया जाना न्यायोचित बताया है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. वाहन मोटर साईकिल का अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां दिनांक 22.1.2013 से 21.1.2014 तक बीमित होने व इसके दिनंाक 25.4.2013 को चोरी होना सिद्व स्थिति है । क्योंकि इस बाबत् पत्रावली में पाॅलिसी के साथ साथ पुलिस में दर्ज करवाई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट है । स्वीकृत रूप से उक्त चोरी की सूचना चोरी की दिनंाक 25.4.2013 से 7.5.2013 को पुलिस थाने में दिया जाना प्रकट हुआ है इस देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं है । इस प्रकार मात्र इस तर्क का भी कोई आधार नहीं है कि उक्त मोटर साईकिल के चोरी हो जाने की सूचना बीमा कम्पनी को दी गई । यह सूचना बीमा कम्पनी को कब दी गई इस बाबत् प्रार्थी पक्ष का कोई कथन या सम्पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं है । हम अप्रार्थी बीमा कम्पनी के इस तर्को के सहमत है कि प्रार्थी द्वारा वाहन चोरी की सूचना पुलिस को 13-14 दिनों की देरी से दी गई व बीमा कम्पनी को अविलम्ब सूचित नहीं किया गया अपितु काफी देरी से जानकारी दी गई । फलस्वरूप बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तो के उल्लंघन में यदि बीमा कम्पनी उक्त देरी को तात्विक बताते हुए क्लेम दिए जाने से इन्कार किया है तो यह उनकी सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी रहीं हो, ऐसा नहीं माना जा सकता । विनिष्चय 2015छब्श्रण्201;छब्द्ध त्ंउमेी ब्ींदक डमहूंदेमम टे ज्ीम व्तपमदजंस प्देनतंदबम ब्व स्जकण् मंे भी माननीय राष्ट्रीय आयेाग ने पुलिस व बीमा कम्पनी को 48 घण्टों के अन्दर अन्दर सूचित नहीं किया जाने को तात्विक देरी मानते हुए बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन माना गया है व तदानुसार खारिज किए गए क्लेम को उचित बताया है । 2015छब्श्रण्9? 01छब्ण् प्देनतंदबमे ैीमतम त्ंउ ळमदमतंस प्देनतंदबम ब्वण्स्जकण् में भी माननीय राष्ट्रीय आयेाग ने ऐसी देरी को अनुचित पाया है । सार यह है कि परिवाद उपरोक्त विवेचन के प्रकाष में स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।
7. निर्णय पारित किए जाने के साथ ही यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पक्ष की ओर से परिवाद के पैरा संख्या 11 में प्रष्नगत वाहन जो चोरी हुआ को ट्रेक्टर से संबोधित किया गया है । ऐसा प्रकट होता है कि परिवाद प्रस्तुत करते समय इस बाबत् कोई ध्यान नहीं रखा गया है ।
-ःः आदेष:ः-
8. प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 10.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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