Final Order / Judgement | (मौखिक) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ परिवाद संख्या-88/2009 U.P. State Sugar Corpn. Ltd. (A State Govt. Under Taking) Unit-Amroha Vs. Reliance General Insurance Regional Office-Eldeco & others समक्ष:- 1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य। 2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य। परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्डन, विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण की ओर से उपस्थित: श्री दिनेश कुमार, विद्धान अधिवक्ता दिनांक : 28.03.2024 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध बीमित उपकरण में क्षति कारित होने के कारण अंकन 30,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति के लिए 24 प्रतिशत ब्याज के साथ प्रस्तुत किया गया है। साथ ही अंकन 15,00,000/-रू0 साख की हानि एवं 15,00,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में तथा 21,000/-रू0 परिवाद व्यय के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 19.11.2008 को 18.11.2009 तक के लिए मशीनरी ब्रेकडाउन इंश्योरेंस पॉलिसी विपक्षी बीमा कम्पनी से अंकन 2,99,00,000/-रू0 के प्रीमियम का भुगतान करते हुए प्राप्त की थी। दिनांक 26.11.2008 को 1:30 बजे प्रथम मील की टरबाइन जो त्रिवेणी द्वारा निर्मित थी, जिसका मॉडल 290 एमएम था। अचानक जोरदार धमाके के साथ बन्द हो गयी। दिनांक 27.11.2008 को मैसर्स त्रिवेणी के इंजीनियर द्वारा निरीक्षण किया गया। दिनांक 15.12.2008 को इस बिन्दु पर सहमति दी गयी कि सर्वेयर के साथ मीटिंग करायी जायेगी। बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया जा चुका था तथा सर्वेयर की नियुकित की जा चुकी थी, परंतु दिनांक 08.01.2009 को बीमा कम्पनी द्वारा बीमा कलेम नकार दिया गया और कारण यह दर्शाया गया कि टरबाईन का ब्रेकडाउन fatigue Failure के कारण हुआ है, जो धीरे-धीरे विकसित त्रुटि है, जिसके लिए बीमा क्लेम देय नहीं है। दिनांक 04.02.2009 को परिवादी द्वारा ब्रेकडाउन पालिसी तथा सर्वेयर रिपोर्ट की मांग की गयी, परंतु उपलब्ध नहीं करायी गयी। इस प्रकार बीमा कम्पनी द्वारा सेवा में कमी की गयी। तदनुसार उपरोक्त वर्णित क्षतिपूर्ति की राशि की मांग करते हुए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
- परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र तथा एनेक्जर सं0 1 लगायत 11 प्रस्तुत किया गया।
- बीमा कम्पनी की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए उल्लेख किया गया है कि बीमा पॉलिसी जारी की गयी थी तथा क्लेम की सूचना परिवादी द्वारा दी गयी थी, परंतु चूंकि fatigue Failure हुआ है, इसलिए कोई बीमा क्लेम देय नहीं है। सर्वेयर द्वारा भी इसी प्रकार की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है। यह भी कथन किया गया है कि टरबाईन पुराना हो चुका था, इसलिए शनै-शनै ह्रास हुआ है। बीमा पॉलिसी की शर्त के अनुसार इस ह्रास के लिए बीमा कम्पनी उत्तरदायी नहीं है।
- दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी। पत्रावली एवं साक्ष्य का अवलोकन किया गया।
- परिवादी के व्यापारिक परिसर मे स्थित मशीनरी का बीमा होना, बीमा क्लेम प्राप्त होना, सर्वेयर नियुक्त होना, सर्वेयर द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करना। यह सभी तथ्य स्थापित है, इसलिए इन बिन्दुओं पर विस्तृत विवेचना की आवश्यकता नहीं है। इस परिवाद के निस्तारण के लिए विनिश्चायक बिन्दु यह उत्पन्न होता है कि क्या परिवादी वांछित क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्त करने के लिए अधिकृत है? द्वितीय क्या प्रश्नगत प्रकरण fatigue Failure की श्रेणी में आता है और इस आधार पर बीमा क्लेम प्रदत्त करने के लिए बीमा कम्पनी उत्तरदायी नहीं है?
- उपरोक्त दोनों विनिश्चायक बिन्दु एकदूसरे के पूरक है। अत: स्वीकृत की दृष्टि से दोनों विनिश्चायक बिन्दु पर एकसाथ निष्कर्ष दिया जा रहा है।
- परिवाद पत्र के पैरा सं0 2 में स्पष्ट उल्लेख है कि दिनांक 26.11.2008 को 1:30 बजे प्रथम मील की टरबाईन एक जोरदार धमाके के साथ रूक गयी। इस जोरदार धमाके का कोई कारण परिवाद पत्र में वर्णित नहीं किया गया। यह जोरदार धमाका किसी बाहरी हस्तक्षेप के कारण नहीं हुआ। कोई बाहरी बल भी प्रयुक्त नहीं हुआ। अत: इस स्थिति में यह बिन्दु सारवान हो जाता है कि जोरदार धमाके के कारण टरबाईन के थमने का क्या कारण रहा है। इस कारण के संबंध में परिवादी की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी न ही किसी इंजीनियर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। सर्वेयर द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया। यह रिपोर्ट एनेक्जर सं0 6 है। इसमें क्षति का जो कारण दर्शाया गया है, उसके अनुसार टरबाईन कार्य बन्द करने से पूर्व नियमित रूप से संचालित थी, जो 15 साल पुरानी थी। दिनांक 13/17.10.2008 को इस टरबाईन की सम्पूर्ण मरम्मत हुई थी। सर्वेयर को उत्पादनकर्ता द्वारा टरबाईन के कार्य बन्द करने के निम्न दो कार्य बताये गये-
ए) fatigue Failure बी) Looseness of locking nut of Rottor disc सर्वेयर द्वारा fatigue Failure धीरे-धीरे मशीनरी में विकसित होता है और fatigue Failure होने पर बीमा पॉलिसी क अनुसार बीमा क्लेम देय नहीं है। - बीमा पॉलिसी की प्रति पत्रावली पर उपलब्ध है। सामान्य अपवाद यह है कि धीरे-धीरे जो ह्रास मशीनरी में होता है। उस ह्रास के काराण कारित क्षति की पूर्ति बीमा कम्पनी द्वारा नहीं की जायेगी। प्रस्तुत केस में उपरोक्त विवेचना के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि 15 वर्ष पुरानी टरबाईन में धीरे-धीरे ह्रास हुआ है और किसी बाह्य बल/शक्ति का प्रयोग नहीं हुआ है, इसलिए बीमा पॉलिसी की अपवादिक स्थिति अस्तित्व में आती है और बीमा क्लेम नकारने का विधिसम्मत आधार बीमा कम्पनी को प्रदत्त करती है।
- परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह बहस की गयी है कि स्वयं सर्वेयर द्वारा अंकन 6,70,793/-रू0 क्षति का आंकलन किया है। सर्वेयर द्वारा क्षति का आंकलन करना एक पूर्णता भिन्न विषय है। महत्वपूर्ण विषय यह है कि क्षति किस कारण से उत्पन्न हुई है और क्या वे क्षति बीमा पॉलिसी के अंतर्गत आच्छादित है। प्रस्तुत केस में मशीनरी का धीरे-धीरे ह्रास हुआ है। इस कारण क्षति कारित हुई है और धीरे-धीरे ह्रास होने की स्थिति में बीमा कम्पनी क्षतिपूर्ति के लिए बीमा पॉलिसी की अपवादिक शर्त के अनुसार क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नही है, इसलिए बीमा क्लेम नकारने का आधार विधिसम्मत है। तदनुसार दोनों विनिश्चायक बिन्दु परिवादी के विरूद्ध तय किये गये हैं। तदनुसार परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
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परिवाद खारिज किया जाता है। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे। (सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार) सदस्य सदस्य संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3 | |