जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:-406/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-10.07.2022
परिवाद के निर्णय की तारीख:-18.08.2023
Shagun Trivedi Son of Shri Bipin Trivedi Permanent Resident of F-357, Rajajipuram, Lucknow-226017.
...............Complainant.
Versus
1. Reliance General Insurance Company Limited Through Its Managing Director, Corporate Office Reliance Centre, 4th Floor, south wing near Prabhat colony, off Western express highway, Santacruz (EAST), Mumbai-400055.
2. Reliance General Insurance Company Limited Through Its Branch Head, Branch office-SCO. No. 147-148, 2nd Floor, Sector 9-C, M. Marg, Chandigarh-160009. ................Opposite Parties.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री अमित रंजन मिश्रा।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-12 के अन्तर्गत विपक्षीगण से कार की इन्श्योरेंस वैल्यू 13,61,825.00 रूपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान की तिथि से आज तक, मानसिक व शारीरिक शोषण के लिये 5,00,000.00 रूपये एवं वाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा सनी मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड 4ए, सप्रू मार्ग लखनऊ से एक नई टोयटा इनोवा क्रिस्टा 2.4 जी कार दिनॉंक 29.05.2017 को क्रय किया गया जिसका पंजीकरण संख्या U.P.32HX7947 दिनॉंक 31.05.2017 है। कार क्रय करने के उपरान्त परिवादी ने कार का इन्श्योरेंस रिलायंस जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से पालिसी संख्या 920221823110735112 दिनॉंक 29 मई 2018 से 28 मई 2019 तक की वैधता का कराया जिसकी घोषित इन्श्योरेंस वैल्यू 13,61,825.00 रूपये निर्धारित की गयी थी।
3. परिवादी दिनॉंक 24 जुलाई 2018 को अपने एक रिश्तेदार के साथ उसी कार संख्या U.P.32HX7947 से लखनऊ से आगरा यात्रा कर रहे थे तभी तकनीकी खराबी के कारण इनोवा क्रिस्टा आगरा एक्सप्रेसवे के बीच रास्ते में करहल ब्रिज के पास रूक जाती है। दोनों लोग किसी मैकेनिक की तलाश में कुछ दूर तक निकल जाते हैं वापस लौटने पर गाड़ी वहॉं से गायब हो जाती है यानी चोरी हो जाती है। उसके बाद वे दोनों लोग निकट के पुलिस स्टेशन करहल, मैनपुरी जाते हैं वहॉं परिवादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0478 दिनॉंक 24.07.2018 को दर्ज करायी।
4. परिवादी द्वारा इन्श्योरेंस कम्पनी में मोटर थेफ्ट क्लेम संख्या 3218002385 दिनॉंक 25.07.2018 को पालिसी संख्या-920221823110735112 पर पंजीकृत कराया गया। उसके बाद विपक्षी द्वारा मॉंगे गये सभी अभिलेख परिवादी ने विपक्षी को समय से उपलब्ध करा दिया। इन्श्योरेंस कम्पनी के अनुराग वर्मा को इस सर्वे के लिये नियुक्त किया गया।
5. विपक्षी द्वारा क्लेम संख्या 3218002385 के संदर्भ में फाइनल क्लोजर रिपोर्ट दिनॉंक 18.04.2019 को भेजी गयी जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि परिवादी द्वारा अपेक्षित कागजात/अभिलेख नहीं उपलब्ध कराये गये हैं, जिसके कारण क्लेम प्रोसेस नहीं हो पा रहा है। उसके बाद परिवादी द्वारा पुन: सभी कागजात कम्पनी के श्री विष्णु सिंह एजेन्ट के माध्यम से दिनॉंक 10.07.2019 को उपलब्ध करा दिये गये। परन्तु उसके बाद भी विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी, और क्लेम को अपने रिकार्ड में बंद कर दिया गया।
6. प्रश्नगत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध दिनॉंक 06.12.2022 को एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया।
7. परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में इन्श्योरेंस पालिसी, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एफ0आई0आर0 की प्रति, फाइनल क्लोजर लेटर, आदि दाखिल किया है।
8. मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
9. विपक्षी का एक लिखित कथन दिनॉंक 30.09.2021 पत्रावली पर उपलब्ध है जिसमें विपक्षी द्वारा अवगत कराया गया है कि परिवादी द्वारा जो बताया गया है वह त्रुटिपूर्ण, असत्य व भ्रामक तथ्यों पर आधारित है तथा विरोधाभाषी है। परिवाद पोषणीय नहीं है, मा0 न्यायालय को गलत सूचना देकर गुमराह किया गया है। परिवादी का परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 2 (1) (सी) के अन्तर्गत पोषणीय न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।
10. विपक्षी द्वारा अपने उक्त कथन के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे वे अपनी बात प्रमाणित कर सके। विपक्षी द्वारा परिवाद के संबंध में कोई रूचि नहीं ली गयी है वे केवल एक बार ही उपस्थित हुए है।
11. परिवादी द्वारा अवगत कराया गया है कि उसके द्वारा बीमा व गाड़ी से संबंधित समस्त अभिलेख विपक्षी को उपलब्ध करा दिये गये हैं फिर भी उनके द्वारा क्लेम को यह कहते हुए क्लोज कर दिया गया है कि परिवादी द्वारा पूरे अभिलेख समय से बीमा कम्पनी को नहीं उपलब्ध कराये गये। पत्रावली पर परिवादी द्वारा उपलब्ध कराए गये अभिलेखों में बीमा कम्पनी द्वारा मॉंगे गये सभी अभिलेख उपलब्ध है। विपक्षी द्वारा दिनॉंक 18.04.2019 के पत्र द्वारा परिवादी से अभिलेखों की मॉंग की गयी थी। परिवादी द्वारा अपेक्षित अभिलेख परिवाद पत्र, दिनॉंक 10.07.2020 तथा साक्ष्य 06.06.2022 का शपथ पत्र के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। विपक्षी द्वारा क्लेम को क्लोज किया गया है, अभी उसे निरस्त नहीं किया गया है। परन्तु उनके द्वारा मामले में अनावश्यक रूप से बहुत विलंब किया गया है। अत: विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है। अत: उपरोक्त तथ्यों के आधार पर परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादी को निर्देशित किया जाता है कि विपक्षी के पत्र दिनॉंकित 18.04.2019 में अपेक्षित अभिलेख विपक्षी को एक सप्ताह में उपलब्ध करायें। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वे अभिलेख प्राप्ति से एक माह के अन्दर परिवादी को बीमित धनराशि 13,61,825.00 रूपये (तेरह लाख इकसठ हजार आठ सौ पच्चीस रूपया मात्र) (आई0वी0डी0) को नियमानुसार 09 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर सुनिश्चित करेंगें। परिवादी को हुए मानसिक, व शारीरिक शोषण के लिये मुबलिग 50,000.00 (पचास हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:- 18.08.2023