जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-127/10
राम पाल पुत्र श्री मथुरा प्रसाद निवासी ग्राम भिटौरा पोस्ट भेलसर तहसील रूदौली जिला फैजाबाद ................ परिवादी
बनाम
1- रिलायन्स जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी (अनिल धीरू भाई अम्बानी ग्रुप) रोहित हाउस प्रथम तल शाहनजफ रोड हजरतगंज लखनऊ।
2- रिलायन्स जनरल इन्श्योरेन्स क0लि0, प्रथम तल संजय भवन मनूचा बिल्डिंग के सामने देवकाली फैजाबाद 224001 .............. विपक्षीगण
निर्णय दि0 10.03.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध क्लेम की धनराशि मु0 2,50,000=00 तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने एक ट्रक क्रय करे हेतु मे0 ऋषी आटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड सआदतगंज फैजाबाद से वार्ता किया।
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ट्रक की चेचिस का मूल्य 12,02,000=00 बताया गया। परिवादी ने उक्त चेचिस दि0 20.02.2009 को औपचारिक रूप से देने का आग्रह मे0 ऋषी आटो से किया था। उपरोक्त ट्रक को खरीदने के लिए परिवादी ने स्टेट बैंक आफ इण्डिया की शाखा रूदौली से फाइनेन्स करने का अनुरोध किया। परिवादी की गुडबिल से प्रभावित होकर बैंक ने प्रश्नगत ट्रक क्रय करने हेतु फाइनेन्स करने की सहमति व्यक्त की परन्तु समस्त औपचारिकतायें पूरी करने में विलम्ब हो जाने के कारण परिवादी को फाइनेन्स राशि का ड्राफ्ट नहीं मिल सका। उक्त समस्या से परिवादी ने मे0 ऋषी आटो सेल्स प्रा0लि0 फैजाबाद के प्रबन्धक को अवगत कराया और उनसे ट्रक का चेचिस औपचारिक रूप से डिलीवर करने का अनुरोध किया क्योंकि शुभ मुहूर्त के कारण परिवादी दि0 20.02.09 को ही प्रश्नगत ट्रक का चेचिस औपचारिक रूप से हस्तगत कर लेना चाहता था। मे0 ऋषी आटो सेल्स प्रा0लि0 ने दि0 20.02.09 को प्रश्नगत ट्रक का चेचिस औपचारिक रूप से डिलीवर कर दिया। परिवादी ने कुल मु0 12,02,000=00 का बैंक ड्राफ्ट बैंक आफ इण्डिया शाखा रूदौली से प्राप्त तक दि0 28.02.09 को मे0 ऋषी आटो सेल्स प्रा0लि0 फैजाबाद को दिया जिसके प्राप्ति उपरान्त् प्रश्नगत ट्रक इनवाइस परिवादी को दिया गया। विपक्षीगण के एजेन्ट श्री दीपेन्द्र ने मे0 ऋषी आटो सेल्स में परिवादी से मुलाकात कर उक्त ट्रक के इन्श्योरेन्स का आग्रह किया। उन्होंने इनवाइस की फोटो कापी लेकर सम्पूर्ण परिस्थितियों को जान एवं समझ कर ऋषी आटो के कर्म से समझ कर फुल इन्श्योरेन्स कराने का मशविरा दिया जिसके लिए परिवादी से मु0 30,747.31 पैसा लेकर उक्त ट्रक का इन्श्योरेन्स करके कवर नोट जारी करा दिया। परिवादी ने प्रश्नगत ट्रक की बाडी बनवाकर आर0टी0ओ0 आफिस से दि0 04.03.09 को पंजीकरण कराया जिसका पंजीकरण संख्या यू0पी0 42टी 7068 प्राप्त हुआ तथा उक्त ट्रक के उपयोग हेतु माल वाहन परमिट भी उसी दिन प्राप्त हुआ। कवर नोट के उपरान्त् परिवादी के बीमा प्रस्ताव को स्वीकार करके विपक्षी द्वारा बीमें की पालिसी परिवादी को भेजी गई जिसका पालिसी नं0-1912782334002343 है। दुर्भाग्यवश परिवादी का ट्रक नं0-यू0पी042टी 7068 बांदा से फैजाबाद आते समय दि0 09.03.09 को प्रातः लगभग 5 बजे शंकरगंज थाना मोहनगंज जिला रायबरेली के पास नील गाय को बचाने के चक्कर में असन्तुलित होकर पलट कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे लाखों रूपये का
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नुकसान परिवादी के ट्रक मंे हुआ। उपरोक्त दुर्घटना की सूचना दूसरे दिन दि0 10.03.09 को सम्बन्धित पुलिस स्टेशन पर जाकर लिखित रूप से दिया तथा घटना की सूचना उसी दिन विपक्षी को उसके टोल फ्री नं0-80030028282 पर दे दिया जिस पर विपक्षी सं0-1 द्वारा सर्वेयर नियुक्त करके घटनास्थल पर भेजा गया जिसने घटनास्थल पर पहुॅंच कर परिवादी के साथ प्रश्नगत ट्रक की फोटोग्राफी किया एवं उसका निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार किया। उक्त सर्वेयर ने परिवादी को निर्देशित किया कि उक्त ट्रक को ले जाकर मरम्मत करायें। परिवादी द्वारा प्रश्नगत ट्रक को क्रेन द्वारा उठवाकर कानपुर मे0 पहलवान बाडी मेकर के यहाॅं भेजा गया जिसकी सूचना विपक्षी सं0-1 को दी गयी। विपक्षी सं0-1 के द्वारा पुनः एम.के. डोगरा को जाॅंच एवं फोटोग्राफी हेतु भेजा जिन्होंने प्रश्नगत ट्रक व 3 से कल पुर्जो की फोटोग्राफी करवाई। परिवादी को प्रश्नगत ट्रक की मरम्मत कराने में मु0 2,50,000=00 व्यय करना पड़ा परन्तु सर्वेयर द्वारा अपने मन मुताबिक खर्चे के बिल लिये गये। शेष बिलों को यह कह कर लेने से इन्कार कर दिया गया कि इन वस्तुआंे को क्लेम कम्पनी द्वारा नहीं दिया जाता है। इस प्रकार मु0 1,85,000=00 खर्चे के बिल लिये गये और जिनका भुगतान देने का आश्वासन सर्वेयर द्वारा दिया। विपक्षी के क्षेत्रीय क्लेम प्रबन्धक द्वारा दि0 02.07.09 को मरम्मत सम्बन्धी अभिलेख भेजने सम्बन्धी पत्र भेजा गया जिसे पाकर परिवादी विपक्षी सं0-1 के कार्यालय जाकर क्षेत्रीय क्लेम प्रबन्धक से मिला और उनकी माॅंग के अनुसार वाॅंछित अभिलेख प्रस्तुत किया। परिवादी ने अपने जीविकोपार्जन हेतु प्रश्नगत ट्रक क्रय किया था। उक्त बीमा दि0 02.03.09 से दि0 01.03.10 तक के लिए प्रभावी किया गया।
विपक्षीगण ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी ने उक्त ट्रक व्यवसायिक उद्देश्य से लिया था इस कारण वह उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण से बेजा धन उगाही की नियत से उक्त परिवाद प्रस्तुत किया गया है जो सव्यय निरस्त होने योग्य है। परिवादी विपक्षीगण से किसी प्रकार की क्षतिपूर्त पाने का अधिकारी नहीं है।
मैं परिवादी तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। ट्रक सं0-यू0पी042टी 7068 का दि0 09.03.09
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को प्रातः लगभग 5 बजे शंकरगंज थाना मोहनगंज जिला रायबरेली के पास नील गाय को बचाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त होना विपक्षी को स्वीकार है। दुर्घटनाग्रस्त के विषय में परिवादी ने विपक्षी को सूचना दिया जिस पर सर्वेयर नियुक्त किये गये। सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया। इस परिवाद में विवाद केवल इतना है कि परिवादी का ट्रक मरम्मत में मु0 2,50,000=00 खर्च हुआ और विपक्षी के सर्वेयर ने मु0 1,83,099=00 कुल दुर्घटना धनराशि देने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मोटर पार्ट्स तथा लेबर का चार्ज सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मु0 85,600=00 डिप्रेसियेशन कास्ट मु0 1,07,149.50 पै0 है। इस प्रकार सबको घटाने के बाद वास्तविक क्लेम की धनराशि मु0 1,83,099=00 आती है। परिवादी ने मु0 2,50,000=00 ट्रक के मरम्मत में खर्चा होने की बात कही है लेकिन परिवादी की ओर से मरम्मत के बिलों को पत्रावली में दाखिल नहीं किया गया है। इस प्रकार परिवादी का यह कथन कि ट्रक के मरम्मत में मु0 2,50,000=00 खर्च हुआ है। पत्रावली में बिल मौजूद न होने के कारण इसे अस्वीकृत किया जाता है तथा सर्वे रिपोर्ट के अनुसार परिवादी को मु0 1,83,099=00 समग्र ट्रक के मरम्मत की धनराशि देना मैं उचित समझता हूॅ। इसके साथ-साथ मु0 5,000=00 वाद व्यय एवं मु0 10,000=00 मानसिक क्षतिपूर्ति भी दिलाना उचित समझता हूॅं। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किया जाता है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध मु0 1,83,099=00 ट्रक मरम्मत में हुए खर्च के लिए स्वीकृत किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि उक्त धनराशि निर्णय एवं आदेश की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी को अदा करें। यदि उक्त दिये गये समय के अन्दर उक्त धनराशि की अदायगी विपक्षीगण नहीं करता है, तो परिवादी विपक्षीगण से परिवाद योजित करने
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की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त परिवादी विपक्षीगण से मु0 5,000=00 वाद व्यय एवं मु0 10,000=00 मानसिक क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष