Uttar Pradesh

Faizabad

CC/72/2013

Raj kumar Dwivedi - Complainant(s)

Versus

RELIANCE GENERAL INSURANCE - Opp.Party(s)

09 Oct 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/72/2013
 
1. Raj kumar Dwivedi
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. RELIANCE GENERAL INSURANCE
DEVKALI ROAD FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 
    

 

 

 

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


                परिवाद सं0-72/2013


    राजकुमार द्विवेदी पुत्र स्व0 श्री हरिकरन द्विवेदी निवासी मकान सं0-एल-2-बी, रोहिणी कालोनी शहर व जिला फैजाबाद                 ....................परिवादी    

                    बनाम

1-    रिलायन्स जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लि0 शाखा मोहल्ला देवकाली फैजाबाद द्वारा शाखा प्रबन्धक।
2-    रिलायन्स जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लि0, सेवा कार्यालय तुलसी काम्प्लेक्स पम्पासरोड राउरकेला, द्वारा शाखा/सेवा प्रबन्धक।
3-    रिलायन्स जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लि0, प्लाट नं0-60 ओखला इण्डस्ट्रीयल एरिया फेज-प्प्प् नई दिल्ली-110020 द्वारा प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता/एरिया मैनेजर।                                                 ................... विपक्षीगण

 

निर्णय दिनाॅंक 09.10.2015
                
                           निर्णय 

उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

          परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध मु0 5,42,700=00 मय 18 प्रतिशत 
ब्याज दिलाये जाने हेतु योजित किया है।

    
                              (  2  )    
    
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी द्वारा अपनी जीप एस0एल0 गबोलेरो जिसकी पंजीयन सं0-यू0पी042क्यू-4088 का बीमा विपक्षीगण से कराया है। उक्त वाहन की चोरी हो गयी, जिसकी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी एवं काफी ढूॅंढ़ा गया, किन्तु न तो उक्त वाहन बरामद हो सका और न ही चोरों का अता पता लग पाया। लिहाजा सम्बन्धित विवेचक ने जरिये अन्तिम आख्या विवेचना समाप्त कर दी। परिवादी ने विपक्षीगण को उक्त सम्बन्ध में लिखित सूूचना दि0 25.04.12 को प्रेषित की। जिस पर बीमा कम्पनी द्वारा दि0 25.05.12 को एक पत्र परिवादी को इस आशय का दिया गया कि चोरी की सूचना बीमा कम्पनी अर्थात् विपक्षीगण को 237 दिन पर दिया गया है तथा उनके द्वारा यह भी कहा गया कि इससे शर्त सं0-1 का उल्लंघन हुआ है। साथ ही साथ बीमा कम्पनी ने परिवादी से इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण एक सप्ताह में माॅंगा। परिवादी ने बीमा कम्पनी के निर्देशानुसार 7 दिन के निर्धारित अवधि के अन्दर अर्थात् दि0 31.05.2012 को ही पंजीकृत डाक से अपना स्पष्टीकरण मय शपथ-पत्र व साक्ष्य प्रेषित कर दिया। उक्त परिवादी के स्पष्टीकरण दि0 31.05.2012 के उपरान्त् तत्काल विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने कोई जवाब नहीं दिया तो पुनः परिवादी ने दि0 23.11.12 को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी माॅंगी। परन्तु काफी अन्तराल तक इसका जवाब परिवादी को विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं दिया गया। 
मैं परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय किया गया है और परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय सुनवाई की गयी। 
परिवादी का जीप एस0एल0 गबोलेरो जिसका पंजीयन नं0-यू0पी042क्यू-4088 है दि0 02.09.11 को रेजीडेन्सी गेट के सामने वीट ओ.पी. रीवर बैंक पी./एस. वजीरगंज लखनऊ से चोरी हो गयी। परिवादी ने चोरी दि0 02.09.2011 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दि0 02.09.11 को दर्ज करायी। विवेचना के उपरान्त् परिवादी की गाड़ी नहीं मिली और अन्तिम रिपोर्ट दि0 27.10.11 को प्रेषित कर दिया। परिवादी बोलेरो जीप यू0पी042क्यू.4088 का बीमा विपक्षीगण के यहाॅं दि0 20.06.2010 को कराया। बीमा की अवधि दि0 20.06.2010 से दि0 19.06.2011 है। जैसाकि कवर नोट तथा बीमा पालिसी से स्पष्ट है।  वाहन  की  कीमत  मु0 6,03,826=00 है। परिवादी ने चोरी की 

                    (  3  )

सूचना विपक्षीगण के यहाॅं दि0 26.04.2012 को दिया। विपक्षीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम के लिए उसका प्रार्थना-पत्र यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि 237 दिन विलम्ब से क्लेम भेजा गया है, शीघ्र सूचना नहीं दी गयी है। लेकिन क्लेम निरस्त होने के उपरान्त् विपक्षीगण ने कोई सूचना परिवादी को नहीं दिया। परिवादी ने दि0 23.11.2012 को जनसूचना के आधार पर क्लेम के सम्बन्ध में सूचना माॅंगी तब विपक्षीगण ने परिवादी को सूचना दिया कि आपका क्लेम 237 दिन विलम्ब होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया है। परिवादी ने चोरी गये वाहन को इलाहाबाद बैंक शाखा सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय कैम्पस वाराणसी से फाईनेन्स करवाया है। कागज सं0-1/12 में बीमित धनराशि मु0 5,42,700=00 विपक्षी से माॅंगा है। विपक्षी ने परिवादी के चोरी गये वाहन के बीमा क्लेम को यह कहते हुए अस्वीकृत कर दिया कि तुरन्त सूचना नहीं दी गयी है। ब्वदकपजपवद दवण्1 छवजपबम ेींसस इम हपअमद पद ूतपजपदह जव जीम ब्वउचंदल पददमकपंजमसल नचवद जीम वबबनततमदबम व िंदल ंबबपकमदजंस सवेे वत कंउंहम पद जीम मअमदज व िंदल बसंपउ ंदक जीमतमंजिमत जीम पदेनतमक ेींसस हपअम ंसस ेनबी पदवितउंजपवद ंदक ंेेपेजंदबम ंे जीम ब्वउचंदल ेींसस तमुनपतमण् म्अमतल समजजमत बसंपउ ूतपज ेनउउवदे ंदक वत चतवबमेे वत बवचल जीमतमव िेींसस इम वितूंतकमक जव जीम ब्वउचंदल पउउमकपंजमसल वद तमबमपचज इल जीम पदेनतमकण् छवजपबम ेींसस ंसेव इम हपअमद पद ूतपजपदह जव जीम ब्वउचंदल पउउमकपंजमसल जीम पदेनतमक ेींसस ींअम ादवूसमकहम व िंदल पउचमदकपदह चतवेमबनजपवदए पदुनमेज वत ंिजंस पदुनपतल पद तमेचमबज व िंदल वबबनततमदबम ूीपबी उंल हपअम तपेम जव ं बसंपउ नदकमत जीपे चवसपबलण् इमीडियेटली शब्द तुरन्त सूचना एक भ्रमित शब्द है स्पष्ट शब्द नहीं है। बीमा कम्पनी को क्लेम देने के सम्बन्ध में सूचना के सम्बन्ध में समय निर्धारण करना चाहिए। दो माह, छः माह, एक साल। जब तक यह निर्धारण नहीं करता है तो इमीडियेटली शब्द का अर्थ स्पष्ट नहीं होता। 237 दिन विलम्ब से सूचना देने की बात विपक्षीगण ने अपने प्रार्थना-पत्र कागज सं0-1/7 दि0 15.02.2013 में कहा है। सूचना दि0 26.04.2012 को दी गयी। चोरी दि0 02.09.2011 को हुई। इस प्रकार 02 माह 24 दिन बाद परिवादी ने विपक्षीगण को सूचना तब दिया जब पुलिस विभाग ने चोरी की रिपोर्ट में अन्तिम रिपोर्ट लगा दिया। परिवादी प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से इसलिए कराया कि वाहन को ढूॅंढ़ता रहा। उसको उम्मीद थी कि शायद वाहन मिल जाय। परिवादी को यह भी उम्मीद थी कि 

                     (  4  )

वाहन को पुलिस विभाग खोज करके परिवादी को दे देगा, लेकिन परिणाम परिवादी के विपरीत गया। पुलिस विभाग ने परिवादी का वाहन खोज करके नहीं दिया। तब मजबूरन परिवादी ने क्लेम की माॅंग किया। मेरे विचार से परिवादी ने वाहन को जानबूझ कर गायब नहीं किया। परिवादी को कानून का ज्ञान नहीं है कि सूचना कितने दिन में दे देना चाहिए। इस प्रकार परिवादी ने दि0 26.04.2012 को विपक्षी के यहाॅं जो सूचित दिया वह विलम्ब से नहीं दिया। उसे इमीडियेटली शब्द के परिधि में माना जायेगा। परिवादी ने लोन से वाहन को क्रय किया है। उसे किश्त भरनी होती है और उस पर ब्याज काफी लगता है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है। 

आदेश
    
        परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से वाहन संख्या-यू0पी042क्यू.-4088 की बीमित धनराशि मु0 5,42,700=00    प्राप्त करने का अधिकारी है तथा परिवाद योजित करने की तिथि से 12 प्रतिशत साधारण ब्याज तारोज अदायगी प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके अतिरिक्त मु0 3,000=00 वाद व्यय भी पाने का अधिकारी है। परिवादी विपक्षीगण से उक्त धनराशि निर्णय एवं आदेश की तिथि से एक माह के अन्दर प्राप्त करने का अधिकारी है।

( विष्णु उपाध्याय )        ( माया देवी शाक्य )         (  चन्द्र पाल  )
             सदस्य                 सदस्या                 अध्यक्ष
    
                
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया। 


           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
                सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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