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Arijit Gupta filed a consumer case on 09 Feb 2015 against Reliance General Insurance Co, Ltd & Other in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/1921/2012 and the judgment uploaded on 17 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-1921/2012 (पुराना परिवाद संख्या 681/2010)
श्री अरीजीत गुप्ता, 107, अक्षत कैलाश, डी-130, बसन्त मार्ग, बनीपार्क, जयपुर ।
परिवादी
बनाम
01. रिलायन्स जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, नया गांव, क्रोस रोड, नेक्सट-2, राॅयल इण्डस्ट्रीयल एस्टेट, वडाला, मुम्बई जरिये जनरल मैनेजर ।
02. रिलायन्स जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, वैशाली नगर, जयपुर जरिये मैनेजर ।
विपक्षीगण
उपस्थितः-
परिवादी की ओर से श्री देवेन्द्र मोहन माथुर, एडवोकेट
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से श्री शैलेन्द्र खण्डेलवाल, एडवोकेट
निर्णय
दिनांकः- 09.02.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण बीमा कम्पनी के विरूद्ध दिनांक 09.06.2010 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षीगण बीमा कम्पनी से एक मेडीक्लेम बीमा पाॅलिसी करवाई थी, जिसका नम्बर 282550038511 हैं । इस हेतु विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी से निर्धारित प्रीमियम राषि वसूल की थी । इसी बीच बीमा अवधि के दौरान परिवादी की पुत्री बीमार हो गई और उसका दिनंाक 29.09.2008 से 02.10.2008 तक एस्काॅर्ट हाॅस्पिटल, जयपुर में भर्ती रह कर ईलाज हुआ और ईलाज पर कुल 9,448/-रूपये व्यय हुए । जिसका बीमा क्लेम परिवादी ने समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण करते हुए मय आवश्यक दस्तावेज विपक्षीगण बीमा कम्पनी के समक्ष पेश किया । लेकिन विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने क्लेम विलम्ब से पेश करने के कारण परिवादी को उसका क्लेम देय नहीं माना । जबकि परिवादी ने अपना बीमा क्लेम एवं आवश्यक दस्तावेजात विपक्षीगण बीमा कम्पनी को उनके एजेन्ट के माध्यम से दिनंाक 30.10.2008 को ही उपलब्ध करवा दिये थे और इस संबंध में दिनंाक 11.12.2008 को जरिये ई-मेल भी विपक्षीगण बीमा कम्पनी को सूचित कर दिया था ।
इस प्रकार विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने बिना किसी उचित कारण के परिवादी को बीमा क्लेम राशि का भुगतान नहीं करके सेवादोष कारित किया है और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण बीमा कम्पनी से परिवाद के मद संख्या 20 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से दिये गये जवाब में परिवादी द्वारा उक्त मेडीक्लेम बीमा पाॅलिसी लेने का तथ्य स्वीकार किया गया हैं । परिवादी द्वारा कथित क्लेम की सूचना विपक्षीगण बीमा कम्पनी के कार्यालय में दिनंाक 12.11.2008 को उपलब्ध करवाई गई । जबकि बीमा संविदा की शर्तों एवं शरायतों के तहत परिवादी का यह दायित्व था कि वह अपनी पुत्री प्रेक्षा गुप्ता के अस्पताल में भर्ती होने के सात दिन के भीतर विपक्षीगण बीमा कम्पनी को सूचित करता । इसलिए परिवादी का बीमा क्लेम बीमा पाॅलिसी की शर्त संख्या 3 के तहत अदायगी योग्य नहीं पाया गया और परिवादी का बीमा क्लेम निरस्त कर पत्र दिनंाकित 14.11.2008 के माध्यम से उसे सूचित कर दिया गया । इसमें विपक्षीगण बीमा कम्पनी का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री अरीजीत गुप्ता ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 12 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री अखिल कुल्हरी का शपथ पत्र एवं प्रदर्ष आर-1 दस्तावेज कुल 12 पृष्ठों में प्रस्तुत किय गया ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत किये गये ।
प्रस्तुत प्रकरण मंे परिवादी ने अपनी पुत्री के ईलाज के लिए उसे एस्काॅर्ट हाॅस्पिटल, जयपुर में दिनंाक 29.09.2008 से 02.10.2008 तक भर्ती करवाया था और इस दौरान उसके उपचार में कुल 9,448/-रूपये का खर्चा आया था । जिसका बीमा क्लेम परिवादी ने विपक्षीगण बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत किया तो विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी का बीमा क्लेम यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि परिवादी द्वारा कथित क्लेम की सूचना विपक्षीगण बीमा कम्पनी के कार्यालय को दिनांक 12.11.2008 को यानि की 01 माह 09 दिन बाद उपलब्ध कराई हैं जबकि अस्पताल में भर्ती होने के सात दिवस की अवधि में बीमा कम्पनी को सूचना दे दिये जाने के आज्ञापक प्रावधान हैं । इस संदर्भ में विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से परिवादी को दिनांक 14.11.2008 को प्रदर्श-4 पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि टीपीए के समक्ष परिवादी ने अपना क्लेम उसकी पुत्री के अस्पताल में भर्ती होने के सात दिवस बाद प्रस्तुत किया हैं इसलिए परिवादी का क्लेम सैटल किया जाना सम्भव नहीं हैं । इस पत्र का जवाब परिवादी की ओर से दिनंाक 29.07.2009 को प्रदर्श-5 पत्र के माध्यम से दिया गया । जिसमें उसने कथन किया है कि उसने विपक्षीगण बीमा कम्पनी के शाखा प्रबन्धक को दिनंाक 11.12.2008 को ई-मेल के जरिये सूचना दे दी थी । यद्यपि इस पत्र का जवाब तो अभिलेख पर उपलब्ध नहीं हैं लेकिन इससे पूर्व दिनंाक 23.12.2008 को श्री अनुराग माथुर ने परिवादी को जरिये ई-मेल सूचित किया है कि वह सक्षम अधिकारियों को इस बारे में बता चुका हैं और उनसे फीड-बैक आना बाकी हैं ।
इस प्रकार विपक्षीगण बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी को प्रदर्श-4 पत्र दिनांकित 14.11.2008 के लिखे जाने के बाद विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से परिवादी को उसके क्लेम की सूचना दे दी गई थी । यह तथ्य ई-मेल दिनंाकित 23.12.2008 से स्पष्ट हैं और विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से श्री अनुराग माथुर, जो उनका कर्मचारी हैं, का कोई शपथ पत्र उक्त तथ्यों के खण्डन में प्रस्तुत नहीं किया गया हैं । बल्कि इन सब के विपरीत विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से प्रदर्श-6 पत्र दिनांकित 11.12.2008 यह प्रदर्शित करता है कि परिवादी ने उनकी कम्पनी के श्री नवनीत नामक एजेन्ट को दिनांक 30.10.2008 को सूचित किया था । लेकिन विपक्षीगण बीमा कम्पनी द्वारा प्रदर्श-6 में लिखा गया यह तथ्य उन्हीं के कर्मचारी श्री अनुराग माथुर के ई-मेल दिनंाकित 23.12.2008 में अंकित तथ्य के विरोधाभासी हैं ।
इसलिए विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी के क्लेम को देरी से सूचना देने के आधार पर निरस्त करने का जो निर्णय लिया है, वह सम्पूर्ण तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और विशेष रूप से श्री अनुराग माथुर के द्वारा तथ्यों के खण्डन के शपथ पत्र के अभाव में यह नहीं माना जा सकता कि परिवादी ने विपक्षीगण बीमा कम्पनी को निर्धारित समयावधि सात दिवस में सूचना नहीं दी थी । इसके साथ ही यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से परिवादी द्वारा क्लेम प्रस्तुत करने की तारीख सिद्ध करने के लिए उसके क्लेम से संबंधित दस्तावेजात की प्रति भी हमारे अवलोकनार्थ प्रस्तुत नहीं की गई हैं । इसलिए विपक्षीगण बीमा कम्पनी का मौखिक कथन इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि परिवादी ने विपक्षीगण बीमा कम्पनी के समक्ष नियत अवधि सात दिवस के पश्चात् अपना क्लेम प्रस्तुत किया था ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने परिवादी का बीमा क्लेम देरी से क्लेम पेश करने के आधार पर निरस्त करके सेवादोष कारित किया है और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण बीमा कम्पनी से अपने मेडीक्लेम की राशि नियमानुसार प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी को विपक्षीगण बीमा कम्पनी के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये दिलाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी विपक्षीगण बीमा कम्पनी से अपने मेडीक्लेम की राशि नियमानुसार प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी को विपक्षीगण बीमा कम्पनी के उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये दिलाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि वह उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करायेगी ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 09.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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