Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/1681

Tariq Husain - Complainant(s)

Versus

Relaince General Insurance - Opp.Party(s)

Arun Tandon

05 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/1681
( Date of Filing : 29 Jul 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tariq Husain
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Relaince General Insurance
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Aug 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-1681/2013

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-175/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-05-2013 के विरूद्ध)

 

तारिक हुसैन पुत्र रिफाकत हुसैन निवासी मकान नं0-67 पहली खेड़ा, शहर, परगना तहसील व जिला उन्‍नाव।

                                  ...........अपीलार्थी/परिवादी।  

बनाम

 

1. रिलायन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 मेगामाल कानपुर दी ग्‍लोबल पॉचवॉं तल माल रोड कानपुर नगर द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर।

2. रिलायन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 प्‍लाट नं0: 60 ओखला इण्‍डस्ट्रियल एरिया फेस-3 नई दिल्‍ली द्वारा जनरल मैनेजर।

............ प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।   

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्‍डन विद्वान अधिवक्‍ता के  

                  कनिष्‍ठ सहायक अधिवक्‍ता श्री विजय प्रताप सिंह।   

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री महेन्‍द्र कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्‍ता के     

                         कनिष्‍ठ सहायक अधिवक्‍ता श्री श्‍याम सिंह।  

 

दिनांक : 05-08-2024.

 

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-175/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-05-2013 के विरूद्ध योजित की गई है।

विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि विपक्षी बीमा कम्‍पनी के स्‍तर पर सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

पीठ द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍तार से सुना गया गया तथा अपील पत्रावली पर उपलब्‍ध अपील मेमो/कथनों/अभिकथनों

 

-2-

एवं समस्‍त प्रलेखीय साक्ष्‍यों तथा प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश का सम्‍यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।

स्‍वयं परिवादी द्वारा परिवाद में वर्णित तथ्‍यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि बीमित सं0-यू0पी0 35 जे 6501 दिनांक 18-06-2009 को चोरी होना कहा गया है और उसी दिन कोतवाली उन्‍नाव में रिपोर्ट दर्ज कराने का उल्‍लेख किया गया है। इसके बाद दिनांक 07-07-2009 को बीमा कम्‍पनी को सूचित किया गया।

अपील के साथ दस्‍तावेज सं0-35 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति मोजूद है, जिसके अवलोकन से जाहिर होता है कि दिनांक 18-06-2009 को ही वाहन चोरी हुआ और उसी दिन एफ0आई0आर0 लिखाई गई। विद्वान जिला आयोग ने परिवाद केवल इस आधार पर निरस्‍त किया है कि बीमा कम्‍पनी द्वारा जिन दस्‍तावेजों की मांग की गई, वे दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराए गए। प्रस्‍तुत केस वाहन की क्षति से सम्‍बन्घित नहीं है, अपितु वाहन की चोरी से सम्‍बन्धित है। वाहन की चोरी होने पर बीमा पालिसी का उल्‍लेख करते हुए केवल प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा विवेचनाधिकारी द्वारा विवेचना की प्रति तथा पुलिस की रिपोर्ट एवं सम्‍बन्धित न्‍यायालय के मैजिस्‍ट्रेट द्वारा पारित आदेश की प्रति प्राप्‍त किया जाना आवश्‍यक होता है। शेष दस्‍तावेज मात्र औपचारिक एवं तकनीकी प्रक्रिया में लिए जा सकते हैं, परन्‍तु वाहन चोरी होने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट, पुलिस विवेचना रिपोर्ट एवं मुख्‍य न्‍यायिक मैजिस्‍ट्रेट उन्‍नाव आदेश पत्रावली पर मौजूद है, जिसके अवलोकन से जाहिर होता है कि पुलिस की अन्तिम आख्‍या स्‍वीकार की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा तकनीकी श्रेणी के दस्‍तावेजों के सम्‍बन्‍ध में जो आधार लिया गया है, वह उचित नहीं है।

परिवादी ने परिवाद पत्र में बीमा धन 3,15,000/- रू0 अंकित किया है। बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए लिखित कथन में इस तथ्‍य से इन्‍कार नहीं किया गया है कि बीमित मूल्‍य 3,15,000/- रू0 नहीं है।

-3-

इसलिए सी0पी0सी0 के आदेश 8 नियम 5 के अनुसार यह माना जा सकता है कि बीमा कम्‍पनी को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि बीमित वाहन का मूल्‍य 3,15,000/- रू0 था। बीमा की अवधि दिनांक 24-04-2009 से प्रारम्‍भ होती है, जबकि वाहन की चोरी दिनांक 18-06-2009 को हुई। इसी बीच लगभग दो माह वाहन का उपयोग हो चुका है। इसलिए 3,15,000/- रू0 में से 10 प्रतिशत की कटौती करते हुए शेष धनराशि 2,83,500/- रू0 बीमा क्‍लेम के रूप में दिया जाना उचित प्रतीत होता है।  

तदनुसार विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त करते हुए अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील, आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-175/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-05-2013 अपास्‍त करते हुए प्रत्‍यर्थीगण/ विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे अपीलार्थी/परिवादी को बीमा धनराशि के रूप में अंकन 2,83,500/- रू0, परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित इस निर्णय के दो माह के अन्‍दर भुगतान करें।  

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                      (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                               सदस्‍य            

दिनांक : 05-08-2024.  

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.         

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.