(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-320/2010
Shri Surendra Kumar Sharma S/O Shri Ramji Das
Versus
Reliance General Insurance & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री विकास अग्रवाल, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित:- श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा, विद्धान
अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :21.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-72/2007, सुरेन्द्र कुमार शर्मा बनाम रिलायन्स जनरल इंश्योरेंस व अन्य में विद्वान जिला आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.01.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी सं0 1 के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- पत्रावली एवं निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि यथार्थ में बीमा प्रस्ताव बीमा कम्पनी द्वारा कभी भी स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि प्रस्तावक की आयु में भिन्नता जाहिर हो रही थी, इसी आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद खारिज किया है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि बीमा प्रस्ताव निरस्त होने के संबंध में जो प्रीमियम चेक सं0 0018776 द्वारा अंकन 2,705/-रू0 रू0 जमा किया गया है, इस राशि को वापस देने का आदेश दिया जाना चाहिए, जबकि बीमा कम्पनी का कथन है कि उस चेक को वापस लौटाया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने निष्कर्ष दिया है कि दिनांक 12.01.2007 को एचडीएफसी बैंक के चेक से रिफण्ड कर दिया गया है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग के इस निष्कर्ष को परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है। दस्तावेज सं0 19 के अवलोकन से भी ज्ञात होता है कि बीमा प्रस्ताव स्वीकार न करने की सूचना के साथ धनराशि वापस लौटाने का चेक भी अंकित किया गया तथा दस्तावेज सं0 20 पर चेक की फोटा प्रति भी दाखिल की गयी है, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश को परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है।
आदेश
अपील इस टिप्पणी के साथ खारिज की जाती है कि यदि किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि अंकन 2,705/-रू0 परिवादी द्वारा वापस लौटाया गया तब बीमा कम्पनी अपने कार्यालय के अभिलेख एवं विवरण के अनुसार इस राशि का एक चेक पुन: परिवादी को वापस लौटाये।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2