View 1728 Cases Against University
Deepak Kumar filed a consumer case on 02 Feb 2015 against Registrar, Pratap University in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/360/2014 and the judgment uploaded on 16 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-360/2014 (पुराना परिवाद संख्या 61/2013)
श्री दीपक कुमार पुत्र श्री बलवान सिंह, जाति राजपूत, निवासी- ग्राम रायपुर जाटन, तहसील कोटकासिम, जिला अलवर (राजस्थान) ।
परिवादी
बनाम
01. रजिस्ट्रार, प्रताप विश्वविद्यालय, गांव सुन्दरपुरा (चन्दवाजी), तहसील आमेर, जिला जयपुर ग्रामीण ।
02. चैयरमेन, प्रताप विश्वविद्यालय, सिटी कार्यालय- ए-34, प्रथम मंजिल, सेन्टर पोईन्ट बिल्डिंग, अपोजिट ए.सी.मार्केट, प्रभु मार्ग, राजापार्क, जयपुर ।
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री मुदित उपाध्याय, एडवोकेट
विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही
निर्णय
दिनांकः- 02.02.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 12.12.2012 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने बी.बी.ए. टू एम.बी.ए. में प्रवेश के लिए विपक्षीगण से सम्पर्क किया तो विपक्षीगण ने बी.बी.ए. टू एम.बी.ए. में प्रवेश पर चार साल कोर्स के लिए 3,37,548/-रूपये का खर्चा आना बताया तथा 30,000/-रूपये एडमिशन फीस, टयूशन फीस 2,51,548/-रूपये, लाईब्रेरी फीस 8,000/-रूपये, परीक्षा फीस 10,000/-रूपये, बुक फीस 16,000/-रूपये एवं अन्य फीस के 22,000/-रूपये वसूल करने हेतु कहा । इस पर परिवादी ने रजिस्ट्रेशन फीस के 1,000/-रूपये तथा एडमिशन फीस के 30,000/-रूपये विपक्षीगण के यहां जमा कराये । इसके बाद जब परिवादी प्रथम दिन विपक्षीगण संस्थान में कोचिंग लेने पहुंचा तो विपक्षीगण ने बताया कि ’तुम्हें ऋण सुविधा नहीं मिल सकेगी । इसलिए तुरन्त 37,000/-रूपये सेमेस्टर फीस के रूप में जमा कराओ ।’ इस पर परिवादी ने विपक्षीगण से कहा कि ’पहलेे तो आपने सेमेस्टर फीस जमा कराने की बात नहीं कही थी । परिवादी एक गरीब आदमी है । इसलिए परिवादी ने अपनी एडमिशन फीस एवं रजिस्टेªशन फीस लौटाने हेतु विपक्षीगण से कहा । लेकिन विपक्षीगण ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया ।
इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा परिवादी को उसके द्वारा जमा करवाई गई एडमिशन फीस एवं रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लौटाकर अनुचित व्यापार व्यवहार एवं सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 07 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षी संख्या 1 व 2 के लगातार अनुपस्थित रहने पर उनके विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 1 व 2 की ओर से जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया गया था ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री दीपक कुमार ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 10 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी ने विपक्षीगण विष्वविद्यालय में दिनंाक 17.07.2012 को 1000/-रूपये तथा दिनंाक 20.07.2012 को 30,000/-रूपये क्रमशः रजिस्ट्रेशन फीस एवं एडमिशन फीस के रूप में जमा करवाये थे । विपक्षीगण संस्थान में उक्त कोर्स हेतु प्रवेष लेते समय विपक्षीगण ने परिवादी को बताया था कि बी.बी.ए. टू एम.बी.ए. कोर्स में उसे कुल 3,37,548/-रूपये जमा कराने होंगे और उसके शिक्षा ऋण के लिए उसका आवेदन प्रोसेस कर दिया जायेगा । लेकिन विपक्षीगण ने बाद में परिवादी को सूचित किया कि परिवादी का स्वंद ।चचसपबंजपवद च्तवबमेे नहीं होने से उसे सेमेस्टर फीस के रूप में 37,000/-रूपये जमा कराने होंगे, जो परिवादी के पास उपलब्ध नहीं थे ।
इस प्रकार परिवादी विपक्षीेगण संस्थान के बी.बी.ए. टू एम.बी.ए. कोर्स को आगे चला सकने में समर्थ नहीं था । परिवादी ने इस संबंध में प्रदर्श-5 पत्र दिनंाकित 18.09.2012 विपक्षीगण को दिया और अपने जमा करवाई गई एडमिशन एवं रजिस्ट्रेशन फीस वापस लेनी चाही । जो विपक्षीगण ने परिवादी को वापस नहीं दी । जबकि विपक्षीगण को परिवादी की फीस उसे बिना अध्ययन कराये रोके रखने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं हैं । और विपक्षीगण को निश्चित रूप से परिवादी द्वारा जमा करवाई गई उक्त फीस राषि, जो प्रदर्श-2 व प्रदर्श-3 के माध्यम से विपक्षीगण ने परिवादी से वसूल की थी, लौटाना आवश्यक था क्योेंकि परिवादी ने विपक्षीगण संस्थान में शिक्षण प्राप्त नहीं किया था । वैसे भी विपक्षीगण के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई हैं इसलिए आदेश 8 (5) (2) सी.पी.सी. के प्रावधानों में यह मानकर चला जावेगा कि विपक्षीगण परिवादी द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को अक्षरशः स्वीकार करते हैं । इसलिए उनके द्वारा न तो कोई साक्ष्य प्रस्तुत की गई हैं और न ही च्तवबममकपदहे में हिस्सा लिया गया हैं ।
अतः विपक्षीगण ने परिवादी को उसके द्वारा प्रदर्श-2 एवं प्रदर्श-3 रसीदों के माध्यम से जमा करवाई गई फीस क्रमशः रजिस्ट्रेशन फीस एवं एडमिशन फीस नहीं लौटाकर सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से अपने द्वारा प्रदर्श-2 रसीद के माध्यम से जमा करवाई गई रजिस्ट्रेशन फीस राशि 1,000/-रूपये एवं प्रदर्श-3 रसीद के माध्यम से जमा करवाई गई एडमिशन फीस राशि 30,000/-रूपये अर्थात् कुल 31,000/-रूपये वापस प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी इस 31,000/-रूपये की राशि पर विपक्षीगण से परिवाद पेश करने के दिन से वसूली के दिन तक 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा । परिवादी को विपक्षीगण के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलाये जाने के आदेष दिये जाते हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेष दिया जाता है कि परिवादी विपक्षीगण से अपने द्वारा प्रदर्ष-2 रसीद दिनंाकित 17.07.2012 के माध्यम से जमा करवाई गई रजिस्ट्रेशन फीस राषि 1,000/-रूपये एवं प्रदर्श-3 रसीद दिनांकित 20.07.2012 के माध्यम से जमा करवाई गई एडमिशन फीस राशि 30,000/-रूपये अर्थात् कुल 31,000/-रूपये वापस प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी इस 31,000/-रूपये की राशि पर विपक्षीगण से परिवाद पेश करने के दिन से वसूली के दिन तक 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा । परिवादी को विपक्षीगण के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करायेंगे ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 02.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.