Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1742

Dr B P N Singh - Complainant(s)

Versus

Reena Yadav - Opp.Party(s)

Pratyush Tripathi

25 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1742
( Date of Filing : 07 Aug 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Dr B P N Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Reena Yadav
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1742/2012

Dr. B.P.N. Singh (D.P. Memorial and Cheritable Hospital)

Versus  

Km. Reena Yadav D/O Shri Jawahir Yadav & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री प्रत्‍यूष त्रिपाठी, विद्धान अधिवक्‍ता 

प्रत्‍यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित:- श्री कपीश श्रीवास्‍तव, विद्धान

                     अधिवक्‍ता के कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री अंकित सिंह

प्रत्‍यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित:- सुश्री रेहाना खान, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :25.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-04/2010, कुमारी रीना यादव बनाम डा0 बी0पी0एन0सिंह  में विद्वान जिला आयोग, चन्‍दौली द्वारा पारित    प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 13.04.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर सभी पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को        सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.         जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अंकन 83,500/-रू0 क्षतिपूर्ति का आदेश 08 प्रतिशत ब्‍याज के साथ पारित किया है।
  3.     परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादिनी कुमारी रीना यादव द्वारा अपने परिवाद पत्र में कथन किया गया है कि दिनांक 10/12/2008 को उसके पेट में दर्द होने की शिकायत पर विपक्षी के हास्पिटल में भर्ती हुई तो विपक्षी ने डायग्नोस्टिक सेन्टर सकलडीहा से यू०एस०जी० कराये और बताया कि परिवादिनी के पेट में अपेन्डिक्स का रोग है जिसकी वजह से पेट में दर्द हो रहा है। परिवादिनी का यह भी कथन है कि विपक्षी ने 12,500/-रू0 आपरेशन फीस आदि जमा करने के लिये कहा तथा दिनांक 10/12/2008 को परिवादिनी द्वारा 12,500/- रू० आपरेशन की फीस जमा की गई परन्तु विपक्षी की ओर से कोई रसीद नहीं दी गई। परिवादिनी का यह भी कथन है कि विपक्षी ने अपेन्डिक्स का आपरेशन लापरवाही पूर्वक दिनांक 21/12/2008 को किया जिससे परिवादिनी की आंत कट गई जिससे मल मूत्र आदि निकलने लगा तथा परिवादिनी को असहनीय दर्द रहने लगा। परिवादिनी का यह भी कथन है कि आंत कटने की जानकारी उन्हें दिनांक 18/5/2009 को सरसुन्दर लाल हास्पिटल बी०एच०यू० वाराणसी में भर्ती होने तथा जॉच होने पर पता चला। परिवादिनी का यह भी कथन है कि विपक्षी ने पुनः पेट दर्द से निजात दिलाने के नाम पर 16,000/-रु० परिवादिनी के पिता से जमा कराये परन्तु इसकी भी रसीद नहीं दी परिवादिनी का यह भी कथन है कि विपक्षी ने उसके इलाज के सभी रिकार्ड गायब कर दिये है। परिवादिनी का यह भी कथन है कि दिनांक 18/5/2009 को उसे सरगुन्दरलाल हास्पिटल में पुनःभर्ती होना पड़ा जहाँ आंत के घाव को ठीक करने के लिये पुनः आपरेशन कराना पड़ा जिसमें उसे 36,818/-रु० दवा के 15,000/-रु अन्य खर्च की क्षति उठानी पडी । परिवादिनी द्वारा 1,71,818/- रु० आपरेशन तथा इलाज में हुए खर्च के मांगे हैं। परिवादिनी द्वारा 7,00,000/-रू० शारीरिक एवं मानसिक कष्ट के भी माग की गई है।
  4.        विपक्षी का कथन है कि स्‍वतंत्रापूर्वक ऑपरेशन किया गया है, जिसका उल्‍लेख इलाज के पर्चे मे मौजूद है। एपेंडिक्‍स के ऑपरेशन के समय एक अन्‍य गंभीर रोग ट्यूबरक्‍यूलोसिस मार्स सिस्‍ट भी जाहिर हुआ, जिसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद भी कोई शिकायत नहीं की गयी। दिनांक 27.12.2008 को डिस्‍चार्ज कर दिया गया तथा समय-समय पर ड्रेसिंग कराने के लिए निर्देशित किया गया, परंतु स्‍वयं परिवादिनी द्वारा ऐसा नहीं कराया गया। परिवाद प्रस्‍तुत करने से पहले विशेषज्ञ रिपोर्ट प्राप्‍त नहीं की गयी, इसलिए परिवाद संधारणीय नहीं है।
  5.         जिला उपभोक्‍ता आयोग ने पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात तथा परिवादी के बहस को विचार में लेते हुए उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया।
  6.          इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर पक्षकारों को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  7.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि अपीलार्थी एक विशेषज्ञ एवं कुशल डॉक्‍टर है उनके साथ अन्‍य कुशल एवं योग्‍य डॉक्‍टरों की टीम है। डिस्‍चार्ज के समय किसी प्रकार की कोई शिकायत परिवादिनी की ओर से नहीं की गयी तथा कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद नहीं है। इस संबंध में विधिक स्थिति यह है कि मार्टिन डिसूजा एवं जैकब मैथ्‍यूज वाले केस के अनुसार आपराधिक मामलों में इस प्रकार की व्‍यवस्‍था है कि आपराधिक प्रकरण दर्ज करने से पूर्व इलाज के दौरान बरती गयी आपराधिक लापरवाही के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट प्राप्‍त की जाए। उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत करने के लिए ऐसी रिपोर्ट प्राप्‍त करना आवश्‍यक नहीं है। उसी प्रकार उपभोक्‍ता  अधिनियम के अंतर्गत लापरवाही के तथ्‍य को साबित करने के लिए भी विशेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्‍तुत करना बाध्‍यकारी व्‍यवस्‍था नहीं है यदि लापरवाही की घटना स्‍वयं प्रमाण है, के सिद्धांत पर स्‍थापित होती है तब विशेषज्ञ साक्ष्‍य तलब किये बिना भी इलाज के दौरान लापरवाही को स्‍थापित माना जा सकता है। प्रस्‍तुत केस में अपीलार्थी द्वारा परिवादिनी का ऑपरेशन किया गया, इसके बाद सरसुंदर लाल अस्‍पताल में केस हिस्‍ट्री के रूप में यह उल्‍लेख है कि परिवादिनी के ऑपरेशन के बाद से ही Right Lower Abdomen से Fecal डिस्‍चार्ज की समस्‍या हमेशा बनी रही। ऑपरेशन के पश्‍चात Fecal डिस्‍चार्ज की समस्‍या उत्‍पन्‍न होना इलाज के दौरान लापरवाही के तथ्‍य को घटना स्‍वयं प्रमाण है, का सिद्धांत लागू होता है। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश करने में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

        अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।  

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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