राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 1265/2005
Deputy General Manager (Electricity Distribution) Gonda There is No Such Post Or Office Of U.P.P.C.L. And Two Others.
………..Appellants
Versus
Smt. Reena Kannaujia W/o Dinesh Kannaujia, R/o Village Janki Nagar, Pargana, Tahsil & District-Gonda.
……….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री मनोज कुमार,
विद्वानअधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 07.02.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 196/2003 श्रीमती रीना कनौजिया बनाम उप महाप्रबंधक, विद्युत वितरण, गोण्डा व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, गोण्डा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 01.03.2005 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
केवल अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री मनोज कुमार को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हैं।
जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रत्यर्थी/परिवादिनी के पक्ष में विद्युत कनेक्शन जारी करने तथा 11,000/-रू0 समायोजित करने का आदेश पारित किया है।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा सशपथ साबित किया गया है कि कनेक्शन हेतु आवेदन दि0 02.07.1998 को दिया गया था, परन्तु कनेक्शन जारी नहीं किया गया। अपीलार्थी/विपक्षी को इस आशय की नोटिस दि0 06.12.2001 को दिया गया, परन्तु इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया और बिना कनेक्शन दिए अंकन 50,301/-रू0 की वसूली की नोटिस जारी कर दी गई।
जिला उपभोक्ता आयोग ने निष्कर्ष में दिया है कि यथार्थ में कभी भी विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किया गया, अत: जब कनेक्शन जारी ही नहीं किया गया था तब किसी प्रकार के विद्युत शुल्क की वसूली नहीं की जा सकती थी। अत: जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 अत्यधिक अधिरोपित किए गए हैं। इसलिए 10,000/-रू0 के स्थान पर 5,000/-रू0 किया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू0 की धनराशि देय होगी। शेष निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3