राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या:-124/2024
कृष्ण कान्त मिश्रा उर्फ के0के0 मिश्रा पुत्र रमेश चन्द्र मिश्रा
बनाम
रवीन्द्र कुमार सिंह पुत्र पूरन सिंह
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता : श्री अखिलेश त्रिवेदी
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 29.11.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस आयोग के सम्मुख धारा-47 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, मैनपुरी द्वारा परिवाद सं0-159/2023 में पारित आदेश दिनांक 26.9.2024 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है।
निर्विवादित रूप से पुनरीक्षणकर्ता द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख लिखित कथन (WS) विधि अनुसार दिये गये समय के पश्चात भी प्रस्तुत नहीं किया गया है, तद्नुसार विपक्षी को लिखित कथन (WS) प्रस्तुत करने का अवसर विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समाप्त कर दिया गया है। उपरोक्त आदेश दिनांक 26.9.2024 से व्यथित होकर प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्यायालय के सम्मुख योचित की गई।
मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन व परीक्षण किया गया।
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मा0 उच्चतम न्यायालय, मा0 राष्ट्रीय आयोग एवं इस न्यायालय द्वारा अनेकों वादों में यह सुनिश्चित किया जा चुका है कि लिखित कथन (WS) प्रस्तुत किये जाने की अवधि 30+15 अर्थात 45 दिन हैं न कि 45 दिन के पश्चात। अत्एव प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका मेरे विचार से पोषणीय नहीं है तद्नुसार अंगीकरण के बिन्दु पर ही प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निरस्त की जाती है।
साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने हेतु समुचित प्रार्थना पत्र यदि प्रस्तुत किया जावे तब उस स्थिति में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा विधिनुसार उपरोक्त प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1