Uttar Pradesh

StateCommission

RP/124/2024

Krishna Kant Mishra Alias K.K. Mishra - Complainant(s)

Versus

Ravindra Kumar Singh - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

29 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/124/2024
( Date of Filing : 18 Nov 2024 )
(Arisen out of Order Dated 26/09/2024 in Case No. Complaint Case No. CC/159/2023 of District Mainpuri)
 
1. Krishna Kant Mishra Alias K.K. Mishra
R/o Near Rajesh Continental Hotel Ashram Road Mainpuri
...........Appellant(s)
Versus
1. Ravindra Kumar Singh
R/o Near MS Chauhan PG College Haridarshan Nagar Mainpuri
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                       

पुनरीक्षण संख्‍या:-124/2024

कृष्‍ण कान्‍त मिश्रा उर्फ के0के0 मिश्रा पुत्र रमेश चन्‍द्र मिश्रा

बनाम

रवीन्‍द्र कुमार सिंह पुत्र पूरन सिंह

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष          

पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता    : श्री अखिलेश त्रिवेदी

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          : कोई नहीं।

दिनांक :- 29.11.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस आयोग के सम्‍मुख धारा-47 (1) (बी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता आयोग, मैनपुरी द्वारा परिवाद सं0-159/2023 में पारित आदेश दिनांक 26.9.2024 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है।

निर्विवादित रूप से पुनरीक्षणकर्ता द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन (WS) विधि अनुसार दिये गये समय के पश्‍चात भी प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, तद्नुसार विपक्षी को लिखित कथन (WS) प्रस्‍तुत करने का अवसर विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समाप्‍त कर दिया गया है। उपरोक्‍त आदेश दिनांक 26.9.2024 से व्‍यथित होकर प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योचित की गई।

मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अखिलेश त्रिवेदी को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन व परीक्षण किया गया।

 

-2-

मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय, मा0 राष्‍ट्रीय आयोग एवं इस न्‍यायालय द्वारा अनेकों वादों में यह सुनिश्चित किया जा चुका है कि लिखित कथन (WS) प्रस्‍तुत किये जाने की अवधि 30+15 अर्थात 45 दिन हैं न कि 45 दिन के पश्‍चात। अत्एव प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका मेरे विचार से पोषणीय नहीं है तद्नुसार अंगीकरण के बिन्‍दु पर ही प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निरस्‍त की जाती है।

साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किये जाने हेतु समुचित प्रार्थना पत्र यदि प्रस्‍तुत किया जावे तब उस स्थिति में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विधिनुसार उपरोक्‍त प्रार्थना पत्र का निस्‍तारण किया जावे।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                    

                                      अध्‍यक्ष                                                                                                                                

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.