Final Order / Judgement | (सुरक्षित) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ। अपील सं0 :-1145/2013 (जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा परिवाद सं0-192/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08/03/2013 के विरूद्ध) Tata Motors Limited, (Formerly Tata Engineering & Locomotive Co. Ltd), Having its Registered office at; Bombay House, 24 Homy Mody street, Mumbai-400 001; and interalia its units at; Pimpri, Pune, Maharashtra, Through its Manager - Appellant
Versus - Ravi Prakash Mishra, S/O Shri R.A. Mishra, r/o Chabilakhor, Post Dudora, Tappa Devrai, Pargana Basti Purab, District Basti.
- Manager, Motor and General Sales Limited, Mahatma Gandhi Marg, Lucknow
- Manager, Motor and general sales Limited, Jila Parishad road, M.P. Building, Gorakhpur
- Pratap Motors, L.R.P. Road, Basti.
- Punjab national bank, Basti
- Respondents
एवं अपील सं0 –695/2013 Ravi Prakash Mishra, son of Ram Achebhar Mishra, Sakin Chabilaha, Post Dughora, Tappa, Devravi, Pargana Basti, Purab Tehsil and District Basti. - Appellant
Versus - Motor and General Sales Limited, Mahatma Gandhi Marg, Lucknow, through its Manager.
- Motor and General Sales Limited, Authorized dealer for Tata Disel Vehicles District Parishad Road, M.P. Building Gorakhpur.
- Pratap Motors LRP Road, Basti, Authorized Service Center.
- Punjab national Bank, through its Branch manager, Basti.
- Customer Export Passenger Care Divison Tata Engineering, Tata Indian Locomotive Company Limited, Pimpasi Pune-411018.
…Respondents एवं अपील सं0 –867/2013 Motor & General Sales Ltd. Through its Manager (legal), 11-Mahatma Gandhi Marg, Lucknow & through Branch Manager of Authorised Dealer, Zila Parishad Road, M.P. Building, Gorakhpur. - Appellant
Versus 1. Ravi Prakash Mishra, S/O Ram Achaibar Mishra, R/O Chabilaha Khor, P.O. Dadhaura, Pargana & Tehsil Distt. Basti. -
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……… Respondents समक्ष - मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
उपस्थिति: अपीलार्थी टाटा मोटर्स की ओर से विद्वान अधिवक्ता:-राजेश चड्ढा प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:-श्री पियूष मणि त्रिपाठी प्रत्यर्थी एम0जी0एस0 की ओर से विद्धान अधिवक्ता:-श्री एम0एच0 खान प्रत्यर्थी बैंक की ओर से विद्धान अधिवक्ता:- श्री अवनीश पाल दिनांक:-31.07.2023 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - परिवाद सं0 192/2004 रवि प्रकाश मिश्रा बनाम प्रबंधक मोटर एण्ड जनरल सेल्स लिमिटेड तथा 4 अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.03.2013 के विरूद्ध अपील सं0 1145/2013 टाटा मोटर्स द्वारा प्रस्तुत की गयी है, जबकि अपील सं0 867/2013 मोटर्स एण्ड जनरल सेल्स लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत की गयी है। अपील सं0 695/2013 रवि प्रकाश मिश्रा स्वयं परिवादी द्वारा निर्णय दिनांक 08.03.2013 परिवर्तित कर परिवाद पत्र में मांगे गये सभी अनुतोष प्रदत्त करने के लिए प्रस्तुत की गयी है। चूंकि तीनों अपीलें एक ही विषय वस्तु से संबंधित हैं, इसलिए तीनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है।
- परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने टाटा सूमो वाहन क्रय करने हेतु पंजाब नेशनल बैंक, बस्ती से फाइनेंस कराया था। वाहन का कुल मूल्य 4,24,031/- रूपये था। इस वाहन में क्रय करने के तुरन्त बाद खराबी आ गयी। इस वाहन की चेसिस खराब हो गयी। विपक्षी सं0 2 डीलर द्वारा चेसिस बदलने का आश्वासन दिया, लेकिन टाल-मटोल करते रहे और चेसिस को नहीं बदला नहीं बदला गया। यह वाहन 25.11.2002 से पूर्ण रूप से खराब हो गया। कर्मचारियों को यह जानकारी हुई कि विपक्षी सं0 2 को कम्पनी से चेसिस भेजा है, लेकिन यह चेसिस दूसरे व्यक्ति को विक्रय कर दिया गया।
- अपील सं0 867/2013 में अपीलार्थी/विपक्षी सं0 1 का कथन है कि यह वाहन वाणिज्य प्रयोजन के लिए विक्रय किया गया है, इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है, उनके द्वारा कोई वारण्टी नहीं दी गयी। वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटि नहीं है। विपक्षी सं0 5 द्वारा परिवाद पोषणीय न होने के आधार पर खारिज करने का अनुरोध किया है क्योंकि वाहन 19 माह में 1,00,000/- किमी चल चुका है। 1,00,000/- किमी चलने के बाद यदि चेसिस क्रेक कर गया या खराब हो गया, उसे बदलने की जिम्मेदारी उत्तरदाता की नहीं है। अन्य किसी विपक्षी द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया।
- पक्षकारों के साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात यह निष्कर्ष दिया गया कि विपक्षी सं0 1, 2 एवं 5 ने परिवादी की शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया और जो चेसिस कम्पनी द्वारा बदलने के लिए भेजी गयी थी, उसे दूसरे व्यक्ति को विक्रय कर दिया गया और चूंकि चेसिस वाहन का महत्वपूर्ण भाग है। इसके खराब होने पर वाहन चलने योग्य नहीं रहता इसलिए यह आदेश पारित किया गया कि चेसिस को बदलकर उसके स्थान पर नया चेसिस दे दे।
- टाटा मोटर्स एवं मोटर जनरल एण्ड सेल्स लिमिटेड के विद्धान अधिवक्ताओं की ओर से यह बहस की गयी कि वाहन 1,00,000 किमी चल चुका है तथा बस्ती स्थित जिला उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है तथा परिवाद देरी से प्रस्तुत किया गया है चूंकि बस्ती स्थित बैंक से ऋण प्राप्त किया गया, इसलिए बस्ती में भी वाद कारण उत्पन्न हुआ है। अत: बस्ती स्थित जिला उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। इसी प्रकार वाहन क्रय करने की तिथि को वाद कारण उत्पन्न होना नहीं माना जा सकता, अपितु यह वाहन खराब होने के पश्चात उसकी मरम्मत नहीं करायी जाती तब वाद कारण उत्पन्न होना माना जायेगा। परिवाद के तथ्यों के अनुसार वाहन 2001 में क्रय किया गया, परंतु क्रय करने के बाद वाहन खराब रहा और अंतिम रूप से वाहन 25.11.2002 को पूर्ण रूप से खराब हो गया। इसके बाद चेसिस न बदलने पर 12.04.2004 को नोटिस प्रेषित किया गया और तत्पश्चात 18.10.2004 को परिवाद प्रस्तुत किया गया, इसलिए यह परिवाद समयावधि से बाधित नहीं है।
- इन दोनों अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता द्वारा अग्रिम बहस यह की गयी है कि वाहन 1,00,000/- किमी चल चुका है, इसलिए 1,00,000/- किमी चलने के बाद चेसिस में क्रेक आने के लिए अपीलार्थीगण जिम्मेदार नहीं है, परंतु जिला उपभोक्ता मंच ने अपने निर्णय में साक्ष्य सहित व्याख्या की है कि विपक्षी सं0 1, 2 एवं 5 चेसिस खराब होने पर इस चेसिस को बदलने के लिए विपक्षी सं0 1, 2 एवं 5 उत्तरदायी है। चूंकि स्वयं उत्तरदाता विपक्षीगण द्वारा चेसिस खराब होने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। केवल यह कहा गया है कि वाहन 1,00,000/- किमी चल चुका है, इसलिए वाहन के खराब होने के लिए अपीलार्थीगण उत्तरदायी नहीं है, परंतु केवल वाहन के चलने मात्र से यह नहीं कहा जा सकता कि इस अवधि में वाहन की चेसिस का टूटना लाजमी था, इसलिए चेसिस को बदलने का आदेश विधिसम्मत है। कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है। इसी प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी अपील स्वीकार होने योग्य नहीं है क्योंकि जिला उपभोक्ता मंच द्वारा क्षतिपूर्ति के संबंध में जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह विधिसम्मत है।
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उपरोक्त तीनों अपीलें (अपील सं0 1145/2013, अपील सं0 695/2013 एवं अपील 867/2013) खारिज की जाती हैं। जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा परिवाद सं0-192/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08/03/2013 की पुष्टि की जाती है। उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-1145/2013 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बंधित अपील सं0-695/2013 एवं अपील सं0 867/2013 में रखी जाये। प्रस्तुत तीनों अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें। (सुशील कुमार)(राजेन्द्र सिंह) निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया। (सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह) सदस्य सदस्य 31.07.2023 संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2 | |