जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 236/2015
कालूराम षर्मा पुत्र श्री सम्पतलाल, जाति-ब्राह्मण, निवासी ग्राम- मेहरवास, तहसील- जायल व जिला-नागौर (राज.)। -परिवादी
बनाम
1. रौनक एविन्यू, विवेक विहार, फेज-1 ब्लाॅक बी दुकान नं. 2, 493 सी/ए., जी.टी. रोड (एस.) षिवपुर (हावडा), जिला- हावडा (पष्चिम बंगाल) जरिये प्रबन्धक।
2. मैसर्स, हेल्पिंग एण्ड सर्विस, पंवार एजेन्सी के सामने, पुराना बस स्टेण्ड, दिल्ली दरवाजा, नागौर, जरिये प्रभारी।
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री ईष्वर जयपाल, अध्यक्ष।
2. श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री हनुमानराम, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. अप्रार्थी की ओर से कोई नहीं।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे ष दिनांक 09.03.2016
1. यह परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 संक्षिप्ततः इन सुसंगत तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया कि परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 1 से माईक्रोमेक्स कम्पनी का एक मोबाइल हैण्डसेट माॅडल-350, कलर ब्लेक, आई.एम.ई.आई. नं. 911357701742522 व 911357701895528, दिनांक 31.10.2014 को 14,500/- रूपये देकर खरीद किया। जिसकी वारंटी अवधि एक वर्श थी। अप्रार्थी संख्या 2, उक्त कम्पनी एवं अप्रार्थी संख्या 1 का अधिकृत सर्विस सेंटर है। किन्तु कुछ दिन पष्चात् ही मोबाइल के टच स्क्रीन ने काम करना बंद कर दिया। इस पर उसने अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की तो उसने नजदीक सर्विस सेंटर पर मोबाइल जमा करवाने का कहते हुए कहा कि हैण्डसेट अभी वारंटी अवधि में है, निःषुल्क ठीक करके दे दिया जाएगा। जिस पर वह दिनांक 12.05.2015 को मोबाइल सहित षिकायत लेकर अप्रार्थी संख्या 2 के यहां गया तो उसने मोबाइल देखकर ले लिया तथा उसे जाॅबषीट देते हुए कहा कि पांच-सात दिन में मोबाइल ठीक करके दे दिया जाएगा। लेकिन अप्रार्थी संख्या 2 ने सात दिन में मोबाइल ठीक नहीं कहा तथा टालमटोल करने लगा। बाद में परिवादी ने जब अपने रिष्तेदार को मोबाइल लाने अप्रार्थी संख्या 2 के पास भेजा तो उसने कम कीमत का दुसरा मोबाइल दे दिया। दिनांक 08.09.2015 को परिवादी दुसरा मोबाइल लेकर वापस अप्रार्थी संख्या 2 के यहां गया तो उसने दूसरा वाला मोबाइल वापस जमा कर लिया तथा जाॅब षीट देते हुए कहा कि जल्दी ही मोबाइल ठीक करके दे दिया जाएगा। बाद में आज दिनांक तक अप्रार्थी संख्या 2 ने मोबाइल ठीक करके नहीं दिया। इस पर अप्रार्थी संख्या 1 को पुनः षिकायत की तो उसने भी संतोशजनक जवाब नहीं दिया। परिवादी द्वारा षिकायत करने पर अप्रार्थी ने परिवादी से अभद्र व्यवहार किया व वारंटी अवधि में होने के बावजूद मोबाइल ठीक करने से मना कर दिया। अतः परिवादी को नया मोबाइल अथवा उसकी बिल राषि मय वाद पत्र में अंकित अनुतोश के साथ दिलायी जावे।
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई परिवादोतर प्रस्तुत नहीं किया गया।
3. परिवादी की ओर से अपना षपथ-पत्र एवं दस्तावेजात प्रस्तुत किये गये। अप्रार्थीगण की ओर से कोई साक्ष्य मौखिक या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं की गई।
4. बहस अंतिम योग्य अधिवक्ता पक्षकारान सुनी गई। अभिलेख का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
5. परिवादी द्वारा प्रस्तुत षपथ-पत्र एव ंक्रय बिल की प्रति से यह स्पश्ट है कि परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 1 से दिनांक 31.10.2014 को माईक्रोमेक्स माॅडल-350 मोबाइल राषि 14,500/- रूपये में खरीद किया। अप्रार्थी संख्या 2, अप्रार्थी संख्या 1 का सेवा केन्द्र है। इस प्रकार परिवादी दोनों अप्रार्थीगण का उपभोक्ता होना पाया जाता है।
6. ऐसा कोई अभिकथन या साक्ष्य अप्रार्थीगण की ओर से नहीं है कि मोबाइल की वारंटी अवधि एक वर्श नहीं हो। अतः परिवादी के अभिकथन एवं साक्ष्य, जिसका लेषमात्र भी खण्डन अप्रार्थीगण की ओर से नहीं है, से प्रमाणित है कि परिवादी द्वारा क्रय किये गये मोबाइल में परिवाद में अंकितानुसार त्रुटियां मोबाइल खरीदने के कुछ दिन पष्चात् ही चालू हो गई। अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा जारी जाॅब सीट दिनांक 12.05.2015 अभिलेख पर है जिसके अनुसार विवादित मोबाइल में डिस्प्ले टच स्क्रीन नोट वर्किंग की समस्या है। जिससे यह स्पश्ट हो रहा है कि अप्रार्थीगण द्वारा विक्रित मोबाइल आरम्भ से ही दोशयुक्त था। अभिलेख पर अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा जारी जाॅब षीट दिनांक 08.09.2015 भी उपलब्ध है, जो दूसरे वाले मोबाइल की लगती है जिसमें चार्जिंग आॅवरहिटिंग की समस्या है। इस तरह अप्रार्थीगण ने परिवादी को दोशयुक्त मोबाइल विक्रय किया व मोबाइल के दोशयुक्त होने के बावजूद भी मोबाइल को बदलकर नहीं दिया। जो अप्रार्थीगण का अनुचित सेवा व्यवहार एवं सेवा में कमी है। अप्रार्थी संख्या 2 के यहां परिवादी का मोबाइल आज दिनांक तक जमा है।
7. अतः परिवाद परिवादी विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार किये जाने योग्य होना पाया जाता है।
आदेश
8. परिणामतः परिवाद परिवादी विरूद्ध अप्रार्थीगण एकल-एकल एवं संयुक्त तौर पर स्वीकार कर आदेष है किः- अप्रार्थीगण, परिवादी को उसी माॅडल/कीमत का नया मोबाइल (माइक्रोमेक्स माॅडल 350, कीमत 14,500/- रूपये) अदा करे, अन्यथा परिवादी को मोबाइल की बिल राषि 14,500/- रूपये अदा करें। अप्रार्थीगण, परिवादी को मानसिक संताप के 2,500/- रूपये एवं वाद परिव्यय के भी 2,500/- रूपये अदा करें। आदेष की पालना एक माह में की जावे। एक माह में आदेष की पालना न होने पर सम्पूर्ण राषि पर दिनांक आदेष 09.03.2016.02 से 9 प्रतिषत वार्शिक साधारण दर से ब्याज देय होगा। परिवादी का मोबाइल हैण्डसेंट पहले से ही अप्रार्थी संख्या 2 के यहां जमा है।
9. निर्णय व आदेष आज दिनांक 09.03.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
नोटः- आदेष की पालना नहीं किया जाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 27 के तहत तीन वर्श तक के कारावास या 10,000/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डनीय अपराध है।
।बलवीर खुडखुडिया। ।ईष्वर जयपाल। राजलक्ष्मी आचार्य सदस्या
सदस्य अध्यक्ष सदस्या