(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 21/2019
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0- 64/2017 में पारित आदेश दि0 22.02.2019 के विरूद्ध)
Director (Services), Maruti Suzuki India Ltd., Old palam Gurgaon road, Gurgaon, Haryana, through its Deputy General Manager law. Sh. Lokesh pandey.
……Revisionist
Versus
Ratnakar dubey S/o Ram bali dubey r/o Sonari, Post-Pilkhini, Thana- Gora Badhashapur, Pargana-Saremue, Distt. Jaunpur.
………..Respondent
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया ,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 04.11.2019
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 64/2017 रत्नाकर दूबे बनाम निर्देशक सचिव मारुति सुजुकी में जिला फोरम, जौनपुर द्वारा पारित आदेश दि0 22.02.2019 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका परिवाद के विपक्षी डायरेक्टर सर्विस मारुति सुजुकी इंडिया लि0 ओल्ड पालम गुड़गांव की ओर से धारा 17(1)(b) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सं0- 1 को जिला फोरम ने कारण बताओ नोटिस इस आशय की जारी किया है कि किन परिस्थितियों में पीठ द्वारा पारित पूर्व आदेशों के प्रभाव को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए हैं।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0एस0 बिसारिया उपस्थित आये हैं। विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गई है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: तीस दिन का समय बीतने के पश्चात नोटिस का तामीला विपक्षी पर पर्याप्त माना गया है, फिर भी विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश 111 नियम 2 के अनुसार Recognised Agent के माध्यम से हाजिर होने का प्राविधान है। जिला फोरम के आदेश से स्पष्ट है कि पुनरीक्षणकर्ता विपक्षी ने परिवाद में अपना अधिवक्ता नियुक्त किया है, जिसे स्वयं जिला फोरम मान्यता प्रदान कर रहा है। अत: विपक्षी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश जिला फोरम द्वारा दिया जाना उचित नहीं है। अत: पुनरीक्षण याचिका आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए जिला फोरम का आदेश संशोधित करते हुए आदेशित किया जाता है कि पुनरीक्षणकर्ता विपक्षी को व्यक्तिगत हाजिरी से छूट इस शर्त के अधीन दी जाती है कि वह अपने अधिकृत प्रतिनिधि या अधिवक्ता के माध्यम से जिला फोरम के समक्ष हाजिर होकर अपना कथन प्रस्तुत कर सकता है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1