(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-917/2013
महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड
बनाम
रतन लाल शर्मा व अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अदील अहमद, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित: बृजेन्द्र चौधरी
दिनांक :25.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-79/2008, रतन लाल शर्मा बनाम आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इं0 कं0 लि0 में विद्वान जिला आयोग, मथुरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.03.2013 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए बीमित धनराशि अंकन 4,21,000/- रूपयें में से 25 प्रतिशत की कटौती के पश्चात 3,15,750/- रूपये अदा करने का आदेश पारित किया है, साथ ही मानसिक प्रताड़ना के मद में 30,000/-रू0 और वाद व्यय के रूप में 11,000/- रू0 अदा करने हेतु आदेशित किया गया है।
2. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री अदील अहमद एवं प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अनुचित है। यथार्थ में बीमित राशि अपीलार्थी के पक्ष में अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था क्योंकि अपीलार्थी द्वारा अंकन 3,50,000/- रू0 का ऋण प्रदान किया गया, जिसके आधार पर बोलेरो गाड़ी सं0 H.R. 55D-8229 क्रय की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा अपने निर्णय एवं आदेश में समस्त बीमित धनराशि प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा करने का आदेश पारित किया है।
4. परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा वाहन सं0 H.R. 55D-8229 खरीदते समय 3,50,000/- रूपये का ऋण प्राप्त किया गया है। इस वाहन का बीमा कराया गया था। बीमित वाहन बीमा अवधि के दौरान चोरी हो गया था, इसलिए बीमित राशि का भुगतान सर्वप्रथम ऋण प्रदाता कम्पनी को किया जाना चाहिए था। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश परिवर्तित होने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जात है कि बीमा कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम ऋण प्रदान करने वाली कम्पनी को अवशेष राशि का भुगतान किया जायेगा, उसके बाद यदि कोई राशि शेष बचती है तब इस राशि का भुगतान प्रत्यर्थी/परिवादी को किया जायेगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार)(राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
25.07.2023
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2