(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 208/2020
(जिला उपभोक्ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद सं0- 312/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16/7/2019 के विरूद्ध)
सुपरटेक लिमिटेड, स्पोटर्स सिटी प्राजेक्ट, एनएच-58, रूडकी रोड, जिला मेरठ द्वारा इट्स मैनेजर, कारपोरेट आफिस स्थित सूपरटेक लिमिटेड, 1114ए ग्यारह तल, हेमकुठ चेम्बर, 89, नेहरू पैलेस न्यू दिल्ली, द्वारा मैनेजर
..........अपीलार्थी
बनाम
रतन कुमार पुत्र स्व0 दालचन्द , रेजिडेण्ट आफ 59-ए विकास विहार मोहन पुरी, जिला मेरठ
………………. प्रत्यर्थी
समक्ष
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता:- श्री पीयूष मणि त्रिपाठी
प्रत्यर्थी की ओर से :- कोई नहीं।
दिनांक:-08.10.2021
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
आदेश
प्रस्तुत अपील सर्वश्री सुपर टेक लिमिटेड द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 16.07.2019 जो कि संलग्नक 1 के रूप में अपील के साथ संलग्नित है, के विरूद्ध योजित किया, जिसमें विद्धान जिला उपभोक्ता, मेरठ द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया था:-
‘’पत्रावली पेश हुई। पुकार कराई गयी। परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्ता उपस्थित है।
प्रतिपक्षी को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से समन प्रेषित किये गये हैं तामीली कर्ता की इस आख्या के साथ रजिस्ट्री लिफाफा वापस प्राप्त हुआ है कि प्राप्तकर्ता ने लेने से इंकार कर दिया है ऐसी स्थिति में बजरिये तकनीकी इन्कारी प्रतिपक्षी पर फोरम के समन की तामील पर्याप्त है मगर, उसके बावजूद आज प्रतिपक्षी की ओर से न तो कोई उपस्थित है, न कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया है तथा न ही कोई स्थगन प्रार्थना पत्र। फलस्वरूप, उत्तर पत्र प्रस्तुत किये जाने का प्रतिपक्षी का अवसर समाप्त किया जाता है।
दिनांक 19.08.2019 तक परिवादी अपना साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध करा दे।‘’
प्रथम दृष्टया प्रस्तुत अपील के अंतर्गत धारा 15/17 उपभोक्ता अधिनियम 1986 के अंतर्गत पोषणीय नहीं है एवं आज अपीलार्थी के विद्धान श्री पीयूष मणि त्रिपाठी द्वारा अपीलार्थी से प्राप्त दिशा-निर्देशन के अनुसार इस प्रस्तुत अपील को निरस्त करने हेतु प्रार्थना की गयी। प्रार्थना इस शर्त के साथ स्वीकार की जाती है कि अपील जिला उपभोक्ता के जिस आदेश दिनांक 16.07.2019 के विरूद्ध योजित की गयी थी। उक्त आदेश पुनर्निरीक्षण तो किया जा सकता है न कि अपील अंतर्गत धारा 15/17 विचारित किया जा सकता है।
उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए अपील निरस्त की जाती है तथा उपरोक्त जिला फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 16.07.2019 यदि उक्त तिथि के पश्चात विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा बदला न गया हो अर्थात नवीन आदेश न पारित किया गया हो तो लागू रहेगा।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-1