जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-375/1999
इन्साफ अहमद खंा आयु लगभग 45 वर्श पुत्र स्वर्गीय हाजी खलील अहमद खंा निवासी कस्बा षहजादपुर परगना व तहसील अकबरपुर जिला अम्बेडकर नगर। .............. परिवादी
बनाम
1. रीजनल मैनेजर राप्ती गु्रप आफ कम्पनीज हेड आफिस 26/1 जावलिग रोड़ लखनऊ 226001
2. रीजनल मैनेजर राप्ती लीजिंग लिमिटेड रजिस्टर्ड आफिस 36 किंग्स रोड़ 4/5 फ्लोर हवड़ा-1 पष्चिम बंगाल।
3. एरिया मैनेजर राप्ती ग्रुप आफ कम्पनीज अकबरपुर निकट गर्वन्मेंट बस स्टेषन अकबरपुर जनपद अम्बेदकर नगर।
4. राप्ती ग्रुप आफ कम्पनीज लिमिटेड द्वारा रीजनल मैनेजर रजिस्टर्ड आफिस 36 किंग्स रोड़ 4/5 फ्लोर हवड़ा-1 पष्चिम बंगाल।
5. षाखा प्रबन्धक बैंक आफ बड़ौदा षाखा अकबरपुर जिला अम्बेदकर नगर।
.............. विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 30.09.2015
उद्घोशित द्वारा: श्री विश्णु उपाध्याय, सदस्य।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 3 के यहां दिनांक 15.03.1995 को रुपये 21,000/- इस षर्त के साथ जमा किया कि विपक्षी संख्या तीन 4 वर्श की अवधि के बाद परिवादी को दिनांक 15.03.1999 को रुपये 42,000/- का भुगतान करेंगे। विपक्षी संख्या 3 ने परिवादी को दिनांक 26.03.1999 को रुपये 42,000/- का चेक संख्या 0574838 बैंक आफ बड़ौदा अकबरपुर का दिया। परिवादी ने विपक्षी संख्या 3 के यहां एक रिकरिंग डिपाजिट रुपये 600/- प्रतिमाह के हिसाब से दिनांक 12.04.1996 को 36 माह का षुरु किया जो दिनांक 12.04.1999 को रुपये 25,380/- हो गया। विपक्षी संख्या 3 ने रुपये 25,380/- का चेक संख्या 0574828 बैंक आफ बड़ौदा षाखा अकबरपुर अम्बेदकर नगर का दिनांक 12.04.1999 को दिया। परिवादी ने दिनांक 25.03.1998 को रुपये 20,000/- का एक फिक्स डिपाजिट एक वर्श के लिये किया जिसके भुगतान का चेक रुपये 23,120/- चेक संख्या 0574832 बैंक आफ बड़ौदा अकबरपुर अम्बेदकर नगर का दिया। परिवादी ने दिनांक 18.03.1998 को दो फिक्स डिपाजिट रुपये 20 - 20 हजार के विपक्षी संख्या 3 के यहां एक वर्श के लिये किये जिनके चेक क्रमषः विपक्षी संख्या 3 ने 0574833 व 0574834 दिनांक 19.03.1999 को रुपये 23,120/- के बैंक आफ बड़ौदा अकबरपुर अम्बेदकर नगर के दिये। उक्त पांचों चेकों को परिवादी ने अपने इलाहाबाद बैंक षहजादपुर जनपद अम्बेदकर नगर के बचत खाते में जमा किये किन्तु विपक्षी संख्या 3 के खाते में पैसा न होने के कारण परिवादी के सभी चेक इलाहाबाद बैंक को वापस कर दिये, जिन्हें बैंक ने परिवादी को दिनांक 27.04.1999 को वापस कर दिया। परिवादी के उपरोक्त सभी चेकों की धनराषि रुपये 1,36,740/- है जिसे परिवादी विपक्षीगण से पाने का अधिकारी है। विपक्षीगण ने परिवादी के साथ धोखा किया है और अपनी सेवा में कमी की है। परिवादी को विपक्षीगण से रुपये 1,36,740/- 12 प्रतिषत ब्याज के साथ, क्षतिपूर्ति तथा परिवाद व्यय दिलाया जाय।
विपक्षीगण को फोरम से नोटिस भेजे गये जिनके रजिस्ट्री लिफाफे वापस आ गये। विपक्षी संख्या 1 ता 4 पर तामीला पर्याप्त मानते हुए उनके विरुद्ध परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रुप से सुने जाने का आदेष दिनांक 20.03.2012 को किया गया। दिनांक 29-11-2013 को विपक्षी संख्या 5 को पक्षकार बनाया गया और विपक्षी संख्या 5 को नोटिस जारी की गयी। दिनांक 26.08.2015 को विपक्षी संख्या 5 पर तामीला पर्याप्त मानते हुए विपक्षी संख्या 5 के विरुद्ध परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रुप से सुने जाने का आदेष किया गया। किन्तु निर्णय के पूर्व तक किसी भी पक्ष ने एक पक्षीय आदेष को रिकाल किये जाने का न तो कोई प्रार्थना पत्र दिया और न ही कोई उपस्थित हुआ। जिस समय परिवाद दाखिल हुआ उस समय जिला अम्बेदकर नगर में फोरम नहीं था इसलिये परिवाद फैजाबाद में सुनवाई के लिये दाखिल हुआ।
पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया एवं परिवादी द्वारा दाखिल साक्ष्यों व प्रपत्रांे का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में जो साक्ष्य व प्रपत्र दाखिल किये हैं वह परिवादी के पक्ष को समर्थित व पुश्ट करते हैं और विपक्षीगण की ओर से कोई विरोध न होने के कारण परिवादी के साक्ष्य आकाट्य व ग्रहण किये जाने योग्य हैं। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन मंे अपने एफ0डी0आर0 की छाया प्रतियां दाखिल की हैं। परिवादी अपनी धनराषि रुपये 1,36,740/- विपक्षीगण 1 ता 4 से वापस पाने का अधिकारी है। विपक्षी संख्या 1 ता 4 ने परिवादी का रुपया वापस न कर के अपनी सेवा में कमी की है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध अंाषिक रुप से स्वीकार एवं अंाषिक रुप से खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध आंषिक रुप से स्वीकार एवं आंषिक रुप से खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 5 के विरुद्ध परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 ता 4 को आदेषित किया जाता है कि वह परिवादी को रुपये 1,36,740/- आदेष की दिनांक से 30 दिन के अन्दर भुगतान करें। विपक्षी संख्या 1 ता 4 परिवादी को रुपये 1,36,740/- पर परिवाद दाखिल करने की दिनांक से तारोज वसूली की दिनांक तक 9 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज का भी भुगतान करें। विपक्षीगण 1 ता 4 परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद में रुपये 5,000/- तथा परिवाद व्यय के मद मंे रुपये 3,000/- का भी भुगतान करें।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 30.09.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष