राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-713/1998 में पारित आदेश दिनांक 17.10.2000 के विरूद्ध)
अपील संख्या-860/2001
इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0 लि0, प्रधान कार्यालय प्रिन्स काम्प्लेक्स 325 थर्ड फ्लोर नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा प्रबन्ध निदेशक/आफिस इन्चार्ज अवधेश द्विवेदी। अपीलार्थी//विपक्षी सं0-1
बनाम
1- रणजीत सिंह पुत्र वीर बहादुर सिंह प्रोपराइटर एन0 सी0 मेडिकल हाल, चीरघर चौराहा देवरिया, पोस्ट एवं जनपद देवरिया। प्रत्यर्थी/परिवादी
2- अनिल कुमार वर्नवाल पुत्र श्री गनेश प्रसाद वर्नवाल निवासी छ: मुखी चौराहा देवरिया, पोस्ट व जनपद देवरिया।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
अपील संख्या-2679/2000
अनिल कुमार वर्नवाल पुत्र श्री गनेश प्रसाद वर्नवाल निवासी छ: मुखी चौराहा देवरिया, पोस्ट व जनपद देवरिया।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
1- रणजीत सिंह पुत्र वीर बहादुर सिंह प्रोपराइटर एन0 सी0 मेडिकल हाल, चीरघर चौराहा देवरिया, पोस्ट एवं जनपद देवरिया।
प्रत्यर्थी/परिवादी
2- इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0 लि0, प्रधान कार्यालय प्रिन्स काम्प्लेक्स 325 थर्ड फ्लोर नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा प्रबन्ध निदेशक/आफिस इन्चार्ज अवधेश द्विवेदी। प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री बी0 के0 उपाध्याय।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री ओ0 पी0 दुवैल।
दिनांक: 16-02-2016
माननीय श्रीमती बाल कुमारी सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय
प्रस्तुत परिवाद सं0-713/1998 रणजीत सिंह बनाम इन टाइम डोमेस्टिक कुरियर एवं अन्य में जिला मंच देवरिया द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-10-2000 में परिवादी को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया है कि वह परिवादी को 11,948/-रू0 दिनांक 14-07-1998 से 10 प्रतिशत ब्याज के साथ दे दें। उनको यह भी आदेशित किया गया कि वह परिवादी को खर्चा के रूप में 500/-रू0 दे दें। विपक्षीगण उपरोक्त आदेश का पालन दो माह में कर दें। उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रश्नगत कूरियर सर्विस की ओर से वर्तमान अपील द्वारा प्रबन्ध निदेशक/आफिस इन्चार्ज अवधेश द्विवेदी की ओर से योजित की गयी है।
अपील सं0-860/2001 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-10-2000 द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0लि0 ने जिला फोरम के आदेश को निरस्त किये जाने तथा अपील संख्या-2679/2000 अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल बनाम् रणजीत सिंह भी आदेश दिनांकित 17-10-2000 के विरूद्ध योजित की गयी है। उपरोक्त अपीलें एक ही आदेश के विरूद्ध हैं। अत: इन दोनों अपीलों की सुनवाई साथ-साथ की गयी तथा इनका निस्तारण भी साथ-साथ किया जाना समीचीन होगा। इन अपीलों के निस्तारणार्थ अपील सं0-860/2001 अग्रणी होगी।
परिवादी का कथन संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि विपक्षी संख्या-3 अवधेश द्विवेदी हेड आफिस इन टाइम कीपर प्रिन्स काम्प्लेक्स नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ ने अपने कुरियर का शाखा कार्यालय देवरिया में खोला है जिसका शाखा प्रबन्धक विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल है। परिवादी ने दिनांक 14-07-1998 को विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल को एक पैकेट पार्सल के रूप में दिया जिसमें कुछ दवायें थी। परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल से आग्रह किया कि इस पार्सल को वाराणसी अपूर्व मेडिकल सॉप को उपलब्ध करा दें। इस पैकेट में कुल 11,948/-रू0 की दवा थी जिसका विवरण परिवाद पत्र में दिया गया है। विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल ने इस सेवा के लिए परिवादी से शुल्क प्रापत किया और उसने परिवादी को एक रसीद भी दी। विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल ने परिवादी का उपरोक्त पार्सल उसके गन्तव्य स्थान पर प्राप्त नहीं कराया जिसके कारण परिवादी को दवा के मूल्य के रूप में 11,948/-रू0 की क्षति हुई है। परिवादी की मांग है कि विपक्षीगण दवा की मूल्य मु0 11,948/-रू0 त्यय एवं क्षतिपूर्ति के साथ कुल 27948/-रू0 दे दें। परिवादी ने इस वाद की सूचना विपक्षीगण को रजिस्ट्री डाक द्वारा नोटिस भेजकर दिया। विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल उपस्थित हुआ और उसने अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। विपक्षी संख्या-3 अवधेश द्विवेदी उपस्थित नहीं हुए उक्त प्रकरण विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल ने यह अभिवचित किया है कि वह जनपद देवरिया में विपक्षी संख्या-1 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस का शाखा प्रबन्धक है और स्पष्ट रूप से यह अभिवचित किया गया कि प्रश्नगत कूरियर सर्विस के मालिक हीं है बल्कि मालिक अवधेश द्विवेदी है। यहॉं इस बात का उल्लेख करना भी उचित प्रतीत होता है कि वर्तमान अपील प्रश्नगत कूरियर सर्विस की ओर से अवधेश द्विवेदी द्वारा स्वयं को प्रबन्ध निदेशक/आफिस इंचार्ज प्रदर्शित करते हुए अपील योजित की गयी है।
जिला मंच के समक्ष विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत किया गया और उपरोक्त अभिवचन किया गया और परिवाद का विरोध किया गया और यह अभिवचित किया गया कि दिनांक 14-07-1998 को परिवादी/प्रत्यर्थी ने एक पैकेट शाखा देवरिया में विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल को इस आशय से दिया कि वह इस पैकेट को प्रश्नगत कूरियर सेवा द्वारा वाराणसी अभिवचित पते पर पहुँचा दे एवं वास्तव में प्रश्नगत पैकेट को अभिवचित पते पर पहुँचा दिया गया था। और पैकेट प्राप्त करने की रसीद विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल ने परिवादी को उपलब्ध करा दी थी। स्पष्ट रूप से यह भी अभिवचित किया गया कि परिवादी ने एक लिफाफा के रूप में छोटा पैकेट दिया था जिसमें कदापि उतना सामान नहीं आ सकता, जिसका विवरण परिवादी ने अपने दावे में अंकित किया है। परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 को ऐसा नहीं बताया था कि इस पैकेट में कौन सा सामान रखा है। परिवादी का इस पैकेट में 11,948/-रू0 का सामान नहीं था। यदि यह मान भी लिया जाए कि परिवादी का उपरोक्त पैकेट विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल ने उसे गन्तव्य तक नहीं पहुँचाया था उस स्थिति में परिवादी विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बरनवाल से केवल 100/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त कर सकता है। जैसा कि विपक्षी संख्या-1 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस ने अपने रसीद में अंकित कर दिया है। विपक्षी संख्या-1 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस व विपक्षी संख्या-3 अवधेश द्विवेदी जिला मंच के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। विपक्षी संख्या-1 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस द्वारा प्रबन्ध निदेशक/अवधेश द्विवेदी एवं विपक्षी संख्या-3 अवधेश द्विवेदी को पक्षकार बनाया गया परन्तु जिला मंच के समक्ष वह उपस्थित नहीं हुए और जिला मंच के समक्ष केवल जैसा कि ऊपर बताया गया विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल उपस्थित हुए और परिवाद का विरोध किया।
उपरोक्त वर्णित दोनों अपीलों में अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री बी0 के0 उपाध्याय तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री ओ0 पी0 दुवैल उपस्थित हुए। उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण की बहस विस्तार से सुनी गयी एवं प्रश्नगत निर्णय व उपलब्ध अभिलेखों का गंभीरता से परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा पीठ का ध्यान II (1996) CPJ 25 (SC) Bharati Knitting Company Vs. DHL Worldwide Express Courier Division of Airfreight Ltd. And Desk to Desk Courier & Cargo Vs. Kerala State Electronics Development Corpn. Ltd., की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अपीलार्थी/विपक्षी की जिम्मेदारी केवल 100/-रू0 की अदायगी तक ही सीमित है एवं परिवादी/प्रत्यर्थी द्वारा पार्सल की वस्तुओं के संदर्भ में मूल्य पार्सल करते समय नहीं बताया गया और उसका उल्लेख भी नहीं किया गया था ऐसी स्थिति में जिला मंच द्वारा पारित आदेश अपास्त किये जाने योग्य है। अपने तर्क को आगे बढ़ाते हुए अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि जिन दवाओंका पार्सल किया गया था वह दवायें एक्सपायरी थी अर्थात उनका प्रयोग निष्प्रभावी हो गया था। इस तथ्य के दृष्टिगत भी जिला मंच द्वारा पारित आदेश अपास्त किये जाने योग्य है।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा उक्त तर्क का खण्डन करते हुए यह कहा गया कि प्रश्नगत पार्सल में जो दवायें परिवादी द्वारा भेजी गयी थी उन दवाओं का मूल्य 11,948/-रू0 स्पष्ट रूप से अभिवचित है और इस मूल्य की दवाओं को मेसर्स अपूर्व मेडिको वाराणसी को परिवादी ने पार्सल के जरिये यह कहते हुए भेजा था कि वह उन दवाओं को बदल दें एवं वह पार्सल उपरोक्त वांछित गन्तव्य स्थान अर्थात मेसर्स अपूर्व मेडिको वाराणसी को नहीं उपलब्ध करायी गयी। अत: दवाओं की कीमत व क्षतिपूर्ति हेतु परिवाद प्रस्तुत किया गया है एवं विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट रूप से यह अभिवचित किया गया कि पार्सल की दवाऍं उनके द्वारा गन्तव्य स्थान अर्थात जिस पते पर पार्सल भेजे जाने हेतु परिवादी ने पार्सल किया था उसी पते पर पार्सल प्राप्त करा दिया गया, परन्तु विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह प्रमाणित हो सके कि प्रश्नगत पार्सल प्रश्नगत पते पर विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा प्राप्त करा दिया गया था। ऐसी स्थिति में जिला मंच द्वारा जो निष्कर्ष दिया गया है वह विधि अनुकूल है और अपील खण्डित किये जाने योग्य है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि पार्सल के माध्यम से जो दवायें भेजी गयी थी वह दवाये निष्प्रयोज्य हो चुकी थी ऐसी स्थिति में उन दवाओं का मूल्य शून्य स्वीकार किये जाने योग्य है। उक्त तर्क के खण्डन में प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि वह निष्प्रयोज्य हो गयी थी और बिक्री किये जाने योग्य नहीं थी इसी कारण प्रश्नगत फर्म को पार्सल के माध्यम से वह दवायें इस अनुरोध के साथ भेजी गयी कि प्राप्तकर्ता उन दवाओं के स्थान पर दूसरी दवायें उपलबध करा दें ऐसी स्थिति में विपक्षी/अपीलार्थी का यह कहना कि उन दवाओं की कीमत शून्य है स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है एवं प्रत्यर्थी के उक्त तर्क में बल पाया जाता है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा मुख्य रूप से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि यदि यह स्वीकार कर भी लिया जाता है कि पार्सल अभिवचित पते पर उपलब्ध नहीं कराया गया तो उस स्थिति में केवल 100/-रू0 तक की जिम्मेदारी विपक्षी/अपीलार्थी इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस की है। इस संदर्भ में उपरोक्त वर्णित नजीरों की ओर से भी अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा पीठ का ध्यान आकर्षित किया गया कि विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा जो संविदा थी वर्तमान प्रकरण में संविदा के संदर्भ में कोई शर्ते प्रस्तुत नहीं की गयी है एवं रसीद में जो लिखा है उसी आधार पर यह कहा गया है कि 100/-रू0 से अधिक की जिम्मेदारी नहीं है। यहॉं इस बात का उल्लेख करना उचित प्रतीत होता है कि उपरोक्त दोनों नजीरों में पार्सल की कीमत का उल्लेख नहीं किया गया था जबकि वर्तमान प्रकरण में परिवादी द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया कि पार्सल में जो सम्पत्ति पार्सल की गयी उसके मूल्य का उल्लेख किया गया है एवं जो पत्र पार्सल के साथ भेजे गये उस पत्र में भी मूल्य का उल्लेख है तथा जो रसीद पार्सल करते समय प्रदान की गयी उसमें सभी कालम ब्लैंक है यह तथ्य भी विपक्षी/अपीलार्थी की सेवा में कमी को प्रदर्शित करता है। विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा यह अभिविचित किया गया कि उसने प्रश्नगत पार्सल प्राप्तकर्ता को उपलब्ध करा दिया था जब कि यह तथ्य प्रमाणित नहीं हो सका है। इस संदर्भ में विपक्षी/अपीलार्थी ने कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया और इस प्रकार वर्तमान प्रकरण में विपक्षी/अपीलार्थी की सेवा में कमी होना स्पष्ट है और उपरोक्त नजीरों का लाभ वर्तमान प्रकरण में तथ्यों को देखते हुए अपीलार्थी पक्ष को प्राप्त नहीं है और इस प्रकार वर्तमान प्रकरण में प्रश्नगत कूरियर सर्विस विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत अपील 860/2001 खण्डित किये जाने योग्य है।
अपील संख्या-2679/2000 जो विपक्षी अनिल कुमार बर्नवाल की ओर से योजित की गयी है उसमें इस आशय का स्पष्ट अभिवचन किया गया है कि अनिल कुमार बर्नवाल प्रश्नगत कोरियर सर्विस के वेतनभोगी कर्मचारी है एवं जिम्मेदारी इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0 लि0 की है। यहॉं इस बात का उल्लेख करना भी उचित प्रतीत होता है कि कूरियर सर्विस लखनऊ की ओर से योजित अपील में बल नहीं पाया गया, परन्तु वर्तमान अपील में अपीलार्थी/विपक्षी स्वयं को कूरियर सर्विस का कर्मचारी अभिवचित करता है और जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत कथन में भी अपीलार्थी/विपक्षी अनिल कुमार बर्नवाल द्वारा यह अभिवचित किया गया कि वह प्रश्नगत कूरियर सर्विस का मालिक नहीं है बल्कि मालिक अवधेश द्विवेदी है जिनका कार्यालय 325 थर्ड फ्लोर वल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ है और लिखित कथन में यह भी अभिवचित किया गया कि पार्सल खो जानेकी स्थिति में कूरियर सर्विस की जिम्मेदारी होती है एवं अपीलार्थी/विपक्षी अनिल कुमार बर्नवाल की पार्सल खो जाने की स्थिति में भी जिम्मेदारी नहीं है। विपक्षी/अपीलार्थी अनिल कुमार बर्नवाल के संदर्भ में परिवाद पत्र में भी स्पष्ट रूप से यह अभिवचित किया गया है कि विपक्षी संख्या-3 अवधेश द्विवेदी ने अपने कूरियर सर्विस का शाखा कार्यालय देवरिया में खोला है जिसके शाखा प्रबन्धक विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल है और इस प्रकार अनिल कुमार बर्नवाल कोरियर सर्विस, जिला देवरिया के शाखा प्रबन्धक है और विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा यह स्पष्ट रूप से अभिवचित किया गया कि वह प्रश्नगत कूरियर सर्विस के वेतनभोगी कर्मचारी है। ऐसी स्थिति में कूरियर सर्विस की सेवा में कमी के बावत विपक्षी/अपीलार्थी अनिल कुमार बर्नवाल की जिम्मेदारी होना स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है अत: प्रश्नगत आदेश अपीलार्थी/विपक्षी अनिल कुमार बर्नवाल के विरूद्ध अपास्त किये जाने योग्य है तद्नुसार अपील संख्या-2679/2001 अंशत: स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील संख्या-860/2001 इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0 लि0, प्रधान कार्यालय प्रिन्स काम्प्लेक्स 325 थर्ड फ्लोर नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा प्रबन्ध निदेशक/आफिस इन्चार्ज अवधेश द्विवेदी बनाम रणजीत सिंह पुत्र वीर बहादुर सिंह प्रोपराइटर एन0 सी0 मेडिकल हाल, चीरघर चौराहा देवरिया आदि खण्डित की जाती है।
एवं अपील संख्या-2679/2001 अनिल कुमार वर्नवाल बनाम रणजीत सिंह एवं इन टाइम डोमेस्टिक कूरियर सर्विस प्रा0 लि0, द्वारा प्रबन्ध निदेशक/आफिस इन्चार्ज अवधेश द्विवेदी आदि को अंशत स्वीकार करते हुए प्रश्नगत परिवाद संख्या-713/1998 रणजीत सिंह बनाम् 1-इन टाइम डोमिस्टक कुरियर सर्विस प्रा0 लि0, 2- अनिल कुमार बर्नवाल एवं 3- अवधेष द्विवेदी हेड आफिस इन टाइम कीपर प्रिन्स काम्प्लेक्स नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ में पारित आदेश अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 अनिल कुमार बर्नवाल के संदर्भ में अपास्त किया जाता है। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।
उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे। इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्या-संख्या-2679/01 में रखी जाए।
( जितेन्द्र नाथ सिन्हा ) ( बाल कुमारी )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-2 प्रदीप मिश्रा
आशुलिपिक