Uttar Pradesh

StateCommission

A/490/2015

Intex Technologies - Complainant(s)

Versus

Ranjeet Singh Churvedi - Opp.Party(s)

Dilip Mani

22 Jul 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/490/2015
(Arisen out of Order Dated 16/01/2015 in Case No. C/162/2014 of District Auraiya)
 
1. Intex Technologies
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ranjeet Singh Churvedi
Auraya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 22 Jul 2016
Final Order / Judgement

        राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-490/2015

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, औरैया द्वारा परिवाद संख्‍या 162/2014 में पारित आदेश दिनांक 16.01.2015 के विरूद्ध)

Intex Technologies India Limited Having its Office at: House No.41/10,II Floor Seth Ram jas Road, Narahi, Lucknow

                 .........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

Ranjeet Singh Chaturvedi S/o Sri Ram Manohar Chaturvedi R/o vill- Mihauli, P.O.-Panhar, District-Auraiyya

                           ................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

,oa

 

अपील संख्‍या-343/2015

 

Pathak Ghari Wale & Mobile Center, Dibiyapur Bus Stand, Auriya, Pargana & District Auriya

                 .........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

Ranjeet Singh Chaturvedi S/o Sri Ram Manohar Chaturvedi R/o vill- Mihauli, P.O.-Panhar, District-Auraiyya

                           ................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा एवं श्री राम गोपाल    

                            विद्वान अधिवक्‍ता।                                    

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :  श्री शिव प्रकाश गुप्‍ता, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 07-07-2017

-2-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-162/2014 रंजीत सिंह बनाम इन्‍टेक्‍स टेक्‍नोलोजी इण्डिया लि0 व एक अन्‍य में जिला फोरम औरेया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 16.01.2015 के विरूद्ध उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षीगण इन्‍टेक्‍स टेक्‍नोलोजी इण्डिया लि0 और पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेण्‍टर दिव्‍यापुर की ओर से क्रमश: अपील सं0- 490/12 बनाम इन्‍टेक्‍स टेक्‍नालजी इण्डिया लि0 बनाम रंजीत सिंह व अपील सं0- 343/15 पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेण्‍टर बनाम रंजीत सिंह अलग-अलग     धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है। दोनों ही अपीलों में उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण उपस्थित आए।

मैंने दोनों अपीलों में विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने विपक्षी सं0-2  पाठक  घड़ी साज वाले     एण्‍ड मोबाइल सेन्‍टर से विपक्षीसं0-1 इंटेक्‍स कं0 का एक मोबाइल         दिनांक 20.07.2014 को 1,250/-रू0 में खरीदा। जिसकी वांरटी 12 माह की थी और मोबाइल ड्यूल सिम का था। परन्‍तु दूसरे दिन उसके की-बोर्ड ने काम करना  बन्‍द  कर  दिया तब  दिनांक 24.07.2014 को  उसने  उपरोक्‍त  विपक्षी सं0- 2 से  शिकायत की तब उसने मोबाइल  अपने  पास  

 

-3-

रख  लिया, किन्‍तु कोई रसीद नहीं दी और दिनांक 11.08.2014 को मोबाइल फोन भी देने से इन्‍कार कर दिया।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विपक्षी सं0-2 पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेन्‍टर की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया और कहा गया कि उसकी जिम्‍मेदारी केवल फोन की बिक्री की होती है यदि मोबाइल में कोई खराबी थी तो परिवादी को सर्विस सेन्‍टर से सम्‍पर्क करना चाहिए था।

जिला फोरम ने उभयपक्षों के अभिकथन एवं साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत आक्षेपित निर्णय और आदेश में यह उल्‍लेख किया है कि  विपक्षीसं0- 2 द्वारा जारी रसीद से स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने मोबाइल ठीक कराने का प्रयास किया और सर्विस सेन्‍टर ऐ0पी0 मोबाइल सर्राफा बाजार होमगंज औरेया की रसीद भी दाखिल है किन्‍तु मोबाइल ठीक नहीं हुआ और विपक्षीसं0- 2 ने उसे सही कराने का प्रयास नहीं किया अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादी को 20,000/-रू0 क्षतिपूर्ति व 10,000/-रू0 मानसिक कष्‍ट हेतु एवं 5,000/-रू0 वाद-व्‍यय हेतु प्रदान किया।

विपक्षी सं0- 1 निर्माता कंपनी है और विपक्षी सं0- 2 विक्रेता है दोनों की ओर से अपील में यह तर्क किया गया है कि जिला फोरम का निर्णय साक्ष्‍य और तथ्‍य के विरूद्ध है। दोनों अपील में प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश विधि के अनुकूल है।

मैनें उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है। परिवादपत्र के कथन और परिवादी की ओर से प्रस्‍तुत अभिलेख से यह स्‍पष्‍ट है कि मोबाइल क्रय किए

-4-

जाने के एक दिन बाद ही से की-बोर्ड ने काम करना बंद कर दिया और उसकी त्रुटि विपक्षी सं0- 1 के सर्विस सेंटर द्वारा ठीक नहीं की जा सकी है। अत: मोबाइल त्रुटिपूर्ण मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार है। अत: मैं इस मत का हॅूं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल का मूल्‍य व क्षतिपूर्ति अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 निर्माता कंपनी से दिलाया जाना उचित है। मोबाइल का मूल्‍य 1,250/-रू0 है। अत: मोबाइल के मूल्‍य को देखते हुए जिला फोरम ने जो क्षतिपूर्ति व मानसिक कष्‍ट एवं वादव्‍यय की धनराशि 35,000/-रू0 निर्धारित की है वह अनुचित और बहुत अधिक है। सम्‍पूर्ण तथ्‍यों व परिस्‍थतियों पर विचार करते हुए मैं इस मत का हूं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल के मूल्‍य क्षतिपूर्ति एवं वादव्‍यय के रूप में कुल मिलाकर 7000/-रू0 दिया जाना उचित है और यह धनराशि निर्माता कंपनी अर्थात् अपील संख्‍या- 490/2015 इन्‍टेक्‍स टेक्‍नालजी इण्डिया लि0 बनाम रंजीत सिंह के अपीलकर्ता से दिलाया जाना उचित है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर निर्माता कंपनी की ओर से प्रस्‍तुत अपीलसं0- 490/2015 आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी निर्माता कंपनी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी रंजीत सिंह को 7000/-रू0 मोबाइल के मूल्‍य, क्षतिपूर्ति एवं वादव्‍यय के रूप में अदा करे। अपीलार्थी इन्‍टेक्‍स टेक्‍नालजी इण्डिया लि0 की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपील में जमा

धनराशि 17,500/-रू0 में से 7000/-रू0 की धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी रंजीत सिंह  को  अदा  की  जाएगी। शेष  धनराशि 10,500/-रू0 सम्‍पूर्ण धनराशि

 

-5-

17,500/-रू0 पर अर्जित ब्‍याज के साथ अपीलार्थी इन्‍टेक्‍स टेक्‍नालजी इण्डिया लि0 को वापस कर दी जाए।

चूंकि अपीलार्थी निर्माता कंपनी से प्रत्‍यर्थी/परिवादी को क्षतिपूर्ति दिलाई गई है अत: विक्रेता पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेन्‍टर की ओर से प्रस्‍तुत अपील सं0- 343/2015 स्‍वीकार की जाती है और विक्रेता पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेन्‍टर को क्षतिपूर्ति की अदायगी के दायित्‍व से मुक्‍त किया जाता है। विक्रेता पाठक घड़ी साज वाले एण्‍ड मोबाइल सेन्‍टर की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि ब्‍याज सहित उसे अवमुक्‍त कर दी जाए।

               

 

                (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                  

                      अध्‍यक्ष                 

 

सुधांशु आशु0

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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